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'मित्र देशों का स्वागत...', चीनी जहाज को लेकर मालदीव की मुइज्जू सरकार ने भारत को दिया ये पैगाम

भारत और मालदीव के बीच चल रहे राजनयिक तनाव के बीच चीन का एक जासूसी जहाज मालदीव की राजधानी माले में रुकने वाला है. इसे लेकर मालदीव की सरकार ने एक बयान जारी किया है. चीनी जहाज पहले श्रीलंका में रुकने वाला था लेकिन भारत की आपत्ति के बाद श्रीलंका ने चीनी जासूसी जहाजों के अपने बंदरगाहों पर रुकने पर एक साल की रोक लगा दी है.

मालदीव ने चीनी जहाज को अपने बंदरगाह पर रुकने की अनुमति दी है (Photo- Reuters) मालदीव ने चीनी जहाज को अपने बंदरगाह पर रुकने की अनुमति दी है (Photo- Reuters)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 24 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 2:20 PM IST

मालदीव की सरकार ने इस बात की पुष्टि की है कि चीन का Xian Yang Hong 03 रिसर्च शिप अगले महीने की शुरुआत में राजधानी माले पहुंचेगा. अपने इस रिसर्च शिप को चीन सैन्य उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल करता है और हिंद महासागर में जहाज का इस्तेमाल कर जासूसी का काम करता है. मालदीव की मोहम्मद मुइज्जू सरकार ने भारत की तरफ निशाना साधते हुए कहा है कि मालदीव मित्र देशों के जहाजों के लिए हमेशा से एक स्वागत करने वाला देश रहा है.

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मालदीव की सरकार का कहना है कि चीनी जहाज ने माले में रुककर रोटेशन और ईंधन भरने की अनुमति मांगी है. सरकार की तरफ से सफाई देते हुए कहा गया है कि चीनी जहाज मालदीव के समुद्री क्षेत्र में किसी तरह के रिसर्च का काम नहीं करेगा.

चीनी जहाज के माले में ठहरने की पुष्ट करते हुए मालदीव ने कहा, 'मालदीव हमेशा मित्र देशों के जहाजों के लिए एक स्वागत योग्य देश रहा है. हम हमेशा से ही शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए बंदरगाह पर आने वाले नागरिक और सैन्य दोनों जहाजों की मेजबानी करते रहे हैं.'

मालदीव की तरफ से आगे कहा गया, 'इस तरह की साझेदारी मालदीव और पार्टनर देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाती है. यह मित्र देशों के जहाजों का स्वागत करने की सदियों पुरानी परंपरा को भी प्रदर्शित करती हैं...'

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मुइज्जू सरकार ने दिया चीन समर्थक होने का सबूत

मालदीव की सरकार शुरू से ही चीन समर्थक रही है लेकिन मुइज्जू कई बार यह कह चुके हैं कि वो किसी देश के समर्थक नहीं हैं बल्कि मालदीव के हितों के समर्थक हैं.

हालांकि, मुइज्जू सरकार के चीनी जहाज को माले में रुकने की अनुमति देने वाले बयान से स्पष्ट होता है कि मालदीव भारत के खिलाफ चीन की तरफ झुकता जा रहा है. 

भारत श्रीलंका समेत पड़ोसी देशों में चीनी जहाज के रुकने पर आपत्ति जताता रहा है. भारत का कहना रहा है कि चीनी जहाज पड़ोसी देशों में रुककर भारतीय प्रतिष्ठाओं की जासूसी करते हैं. मालदीव से पहले चीनी जहाज अक्सर श्रीलंका के बंदरगाहों पर रुककर अनुसंधान काम किया करते थे. 

भारत श्रीलंका में चीनी जहाजों के लंबे समय तक रुकने पर आपत्ति जताता रहा था जिसे देखते हुए श्रीलंका ने कुछ समय पहले ही भारत के पक्ष में एक बड़ा फैसला लिया था.

श्रीलंका ने अपने समुद्री क्षेत्र में विदेशी जासूसी जहाजों के संचालन पर 12 महीने की रोक लगा दी है. चीनी जहाज जो अब मालदीव की तरफ जा रहा है, इस रोक से पहले श्रीलंका जाने वाला था. इसे लेकर भारत ने आपत्ति जताई थी जिसके बाद ऐसी रिपोर्टें आईं कि श्रीलंका ने चीनी जहाजों को अपने बंदरगाहों पर रुकने से रोकने के लिए बड़ा कदम उठाया है.

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भारत मालदीव के बीच चल रहा तनाव

पिछले साल नवंबर में मोहम्मद मुइज्जू के राष्ट्रपति चुनकर आने के बाद से ही भारत और मालदीव के रिश्ते तनावपूर्ण बने हुए हैं. मुइज्जू 'इंडिया आउट' के एजेंडे पर सत्ता में आए थे और उन्होंने मालदीव में मौजूद भारतीय सैनिकों की वापसी को लेकर अब भारत को अल्टीमेटम दे दिया है. उन्होंने कहा है कि भारत 15 मार्च तक अपने सैनिकों को वापस बुला ले.

दिसंबर के महीने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लक्षद्वीप दौरे की तस्वीरों और वीडियो पर भी दोनों देशों का राजनयिक तनाव बढ़ा है. पीएम मोदी की तस्वीरों पर मुइज्जू सरकार के तीन उप मंत्रियों ने आपत्तिजनक टिप्पणी की थी और एक पर्यटन स्थल के रूप में लक्षद्वीप को मालदीव से नीचा दिखाने की कोशिश की थी. इसे लेकर सोशल मीडिया पर मालदीव का बहिष्कार किया जाने लगा. विवाद बढ़ता देख मुइज्जू सरकार ने अपने उप मंत्रियों को निलंबित कर दिया था.

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