
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान मंगलवार को पाकिस्तानी सेना के रेंजर्स द्वारा गिरफ्तार कर लिए गए. गिरफ्तारी के विरोध में इमरान खान के समर्थक देशभर में आगजनी और तोड़फोड़ कर रहे हैं जिसमें कई लोगों के मारे जाने की भी खबर है. इस्लामाबाद पुलिस का कहना है कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) प्रमुख को अल-कादिर ट्रस्ट भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार किया गया है. इस मामले में इमरान खान की गिरफ्तारी के साथ ही एक और नाम चर्चा में आ गया है- मलिक रियाज.
मलिक रियाज पाकिस्तान के सबसे अमीर शख्स में शामिल एक रियल एस्टेट डेवलपर हैं और पाकिस्तान में यह कहा जाता है कि वो सरकार गिराने और बनाने में अहम भूमिका निभाते हैं. उनकी पहुंच सभी पार्टियों के बड़े नेताओं तक है. इमरान खान जिस मामले में गिरफ्तार हुए, उस मामले का खुलासा मलिक रियाज ने ही किया था. तो पहले जान लेते हैं कि वो मामला है क्या-
क्या है अल-कादिर ट्रस्ट का मामला
अल-कादिर ट्रस्ट में कथित भ्रष्टाचार का मामला तब का है जब इमरान खान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री थे. पद पर रहते हुए उन्होंने पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में अध्यात्म और सूफीवाद को बढ़ावा देने के लिए एक यूनिवर्सिटी बनाने को मंजूरी दी थी. यूनिवर्सिटी के निर्माण के लिए पंजाब की सरकार ने जमीन खरीदी थी. आरोप है कि इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी ने जमीन खरीद में भ्रष्टाचार किया था.
रियल एस्टेट डेवलपर कंपनी बहरिया टाउन कंपनी के संस्थापक मलिक रियाज ने इस भ्रष्टाचार का खुलासा करते हुए कहा था कि इमरान खान और उनकी पत्नी ने गैर-कानूनी तरीके से उनकी करोड़ों की जमीन हड़प ली थी.
उनका कहना था कि इसके खिलाफ बोलने को लेकर इमरान खान और उनकी पत्नी ने मिलकर उन्हें डराया धमकाया और जेल भेजने की धमकी दी थी. अल-कादिर ट्रस्ट के दो ही ट्रस्टी हैं- इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी.
पाकिस्तान में भ्रष्टाचार के खिलाफ काम करने वाली संस्था नेशनल अकाउंटिबिलिटी ब्यूरो (NAB) ने इस मामले की जांच के लिए पिछले साल 1 दिसंबर को मलिक रियाज और अन्य लाभार्थियों को बुलाया था. और आखिरकार अब इमरान खान को इसी भ्रष्टाचार के केस में गिरफ्तार कर लिया गया है.
जून 2022 में इमरान खान और मलिक रियाज को लेकर एक मामला सामने आया था. उस दौरान एक ऑडियो लीक हुआ था और बताया गया कि यह ऑडियो मलिक रियाज और उनकी बेटी अंबर के बीच बातचीत का है. ऑडियो में कथित तौर पर अंबर ने अपने पिता को बताया था कि इमरान खान की पिछली सरकार द्वारा उनको पहुंचाए गए फायदों के बदले में बुशरा बीबी पांच कैरट हीरे की अंगूठी की मांग कर रही हैं.
ऑडियो लीक वायरल होने के बाद रियाज ने किसी भी राजनीतिक मामले में अपनी भूमिका से इनकार किया था. उन्होंने एक ट्वीट में दावा किया था कि लीक हुआ ऑडियो क्लिप उनके और उनकी बेटी के बीच बातचीत का नहीं है बल्कि उसे मनगढ़ंत तरीके से बनाया गया है.
कौन है मलिक रियाज?
68 साल के मलिक रियाज पाकिस्तान के अरबपति बिजनेस टाइकून हैं जिनकी सियासी हलकों में गहरी पैठ है. उनका नाम पाकिस्तान ही नहीं बल्कि एशिया के सबसे बड़े रियल एस्टेट डेवलपर में लिया जाता है.
उन्होंने अपने करियर की शुरुआत एक छोटे कॉन्ट्रैक्टर के रूप में की और धीरे-धीरे बड़े कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने शुरू कर दिए. उन्हें पाकिस्तान की मिलिट्री इंजिनियर सर्विसेज से भी कॉन्ट्रैक्ट्स मिलने शुरू हो गए. इसके बाद 1980 के दशक में उन्होंने खुद की अपनी रियल एस्टेट डेवलपर कंपनी बनाई- बहरिया टाउन. आज यह कंपनी एशिया की सबसे बड़ी रियल एस्टेट डेवलपर कंपनियों में शुमार है.
उनके परिवार की बात करें तो उन्होंने दो शादियां कीं. पहली पत्नी से उन्हें दो बेटियां हुईं- अंबर शहजाद मलिक और आसिया अमर मलिक. पहली पत्नी की मौत के बाद उन्होंने बीना रियाज से दूसरी शादी की. इस शादी से उन्हें एक बेटा, अली रियाज मलिक और एक बेटी पश्मिना जैन मलिक हैं. उनके बेटे अली रियाज मलिक फिलहाल बहरिया टाउन के CEO हैं.
विवादों से गहरा नाता
भ्रष्टाचार के मामलों को लेकर मलिक रियाज लगातार विवादों में रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इमरान खान की सरकार के दौरान मलिक रियाज को दो बड़े फायदे पहुंचाए गए.
पहला मामला साल 2018 का है, जब पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने मलिक की कंपनी बहरिया टाउन पर 460 अरब रुपये का जुर्माना लगाया था. कोर्ट ने कहा था कि मलिक 2026 तक किस्तों में यह जुर्माना भर दें. लेकिन मई 2021 में इमरान खान की सलाह पर तत्कालीन अटॉर्नी जनरल खालिद जावेद खान ने सुप्रीम कोर्ट को एक पत्र लिखकर अपील की कि जुर्माने की रकम किस्तों में न लेकर बाद में एकमुश्त ले ली जाए, ताकि वो पैसे को अपने कारोबार में लगा सकें और सात सालों बाद वो पैसा एकमुश्त कोर्ट को वापस कर देंगे.
दूसरा मामला ब्रिटेन में मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा है. मनी लॉन्ड्रिंग से इस मामले में मलिक रियाज ने अदालत से बाहर सेटलमेंट किया जिसके तहत उन्होंने ब्रिटेन का अपना एक आलीशान घर नेशनल क्राइम एजेंसी को दे दिया. बदले में उन्हें 39 अरब पाकिस्तानी रुपये मिले, जिसे पाकिस्तान की सरकार को वापस कर दिया गया.
लेकिन यह पैसा सरकार के पास जाने के बजाए सुप्रीम कोर्ट के पास जमा किया गया और मलिक रियाज ने दावा किया कि यह रकम उन्होंने 460 अरब रुपये के जुर्माने की किश्त के रूप में कोर्ट को दी है.
पाकिस्तान की तत्कालीन इमरान खान सरकार ने भी कहा कि यह रकम सुप्रीम कोर्ट के पास जमा कर दी गई है लेकिन इसे लेकर कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी जिस पर काफी विवाद हुआ. इसके बाद ही मलिक रियाज ने अल-कादिर यूनिवर्सिटी को जमीन दी थी.