
कनाडा के केंद्रीय बैंक के गवर्नर रह चुके और प्रधानमंत्री पद संभालने जा रहे मार्क कार्नी ने अपने पूर्ववर्ती जस्टिन ट्रूडो के विपरित भारत से संबंधों का सुधारने की बात कही है. हाल ही में उन्होंने कहा था कि उन्हें अगर मौका मिला तो वे भारत-कनाडा के संबंधों को सुधारेंगे और इसे पटरी पर लाएंगे.
कार्नी ने पिछले मंगलवार को कैलगरी में सत्तारूढ़ लिबरल पार्टी का नेता चुने जाने से पहले कहा, "कनाडा समान विचारधारा वाले देशों के साथ अपने व्यापार संबंधों में विविधता लाना चाहता है."
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ट्रेड वॉर का दबाव झेल रहे मार्क कार्नी ने कहा कि, "भारत के साथ संबंधों को फिर से बनाने के अवसर हैं. व्यापारिक रिश्तों को लेकर एक साझे मूल्यों की भावना होनी चाहिए. अगर मैं प्रधानमंत्री होता, तो मैं इस मौके का इस्तेमाल करने से नहीं चूकता."
बता दें कि भारत-कनाडा संबंधों में पिछले डेढ़-दो सालों से अविश्वसनीय तल्खी देखने को मिली है. मौजूदा प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने सितंबर 2023 में कनाडा की संसद हाउस ऑफ कॉमन्स में कहा कि भारतीय एजेंटों और ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में खालिस्तान समर्थक अलगाववादी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बीच संभावित संबंध के “विश्वसनीय आरोप” हैं. गौरतलब है कि हरदीप सिंह निज्जर भारत का भगोड़ा आतंकी था और भारत सरकार ने उसपर इनाम घोषित कर रखा था.
ट्रूडो के आरोपों को भारत ने सिरे खारिज किया है. विदेश मंत्रालय ने कहा है कि कनाडा ने भारत और भारतीय राजनयिकों के खिलाफ ओटावा द्वारा लगाए गए गंभीर आरोपों के समर्थन में "हमें कोई सबूत नहीं दिया है". ट्रूडो के आरोप के बाद दोनों देशों के बीच काफी तल्खी देखी गई. हालात यहां तक बिगड़े कि भारत और कनाडा दोनों ही देशों ने अपने राजनयिक और अधिकारी वापस बुला लिए.
लेकिन अब मार्क कार्नी ने कहा है कि वे दोनों देशों के बीच के रिश्तों को सुधारने पर जोर देंगे. गोल्डमैन सैक्स के पूर्व अधिकारी ने कहा कि समान मानसिकता वाले देशों के साथ कनाडा के व्यापारिक रिश्ते सुधारेंगे.
एक्स पर दिखे एक वीडियो में मार्क कार्नी कह रहे हैं, "भारत के साथ संबंधों को फिर से बनाने के भी अवसर हैं. उस व्यावसायिक संबंध के इर्द-गिर्द साझा मूल्यों भावना होनी चाहिए. अगर मैं प्रधानमंत्री होता, तो मैं इसे बनाने के अवसर की प्रतीक्षा करता."
मार्क कार्नी के इस बयान को भारत-कनाडा के द्विपक्षीय रिश्तों के लिहाज से अहम माना जा रहा है.
गौरतलब है कि मार्क कार्नी कनाडा और ब्रिटेन दोनों ही देशों के सेंट्रल बैंक के गवर्नर रह चुके हैं. 2008 में कनाडा को वैश्विक मंदी से बाहर निकाल लाने का श्रेय उन्हें ही जाता है. इसके बाद 2013 में वे ब्रिटेन के सेंट्रल बैंक के गवर्नर बने.
इससे पहले कार्नी लंदन, टोक्यो, न्यूयॉर्क और टोरंटो में 13 साल तक काम किया. ये अहम है कि मार्क कार्नी ने कभी भी कोई निर्वाचित पद नहीं संभाला है और वे संसद के सदस्य भी नहीं हैं.