
पुलवामा और उरी समेत कई आतंकी हमलों के गुनहगार जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित किए जाने पर विदेश मंत्रालय ने खुशी जाहिर की है. हालांकि जब उनसे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद फैसले में पुलवामा आतंकी हमले का जिक्र नहीं किए जाने का सवाल किया गया, तो विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित किया जाना पाकिस्तान के लिए तगड़ा झटका है. यह पाकिस्तान की बड़ी कूटनीतिक हार है. अब इससे ध्यान भटकाने के लिए तरह-तरह की बातें कही जा रही हैं.
उन्होंने कहा कि मसूद अजहर पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने प्रतिबंध लगाया है. यह प्रतिबंध मसूद अजहर की आतंकी गतिविधियों का बायोडाटा नहीं है. मसूद अजहर को सिर्फ एक ही नहीं, बल्कि कई आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के आरोप में प्रतिबंधित किया गया है. हमारा मकसद किसी भी तरह मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित कराने का था, जिसमें हम सफल रहे.
दरअसल, 14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकी हमला हुआ था, जिसमें 40 से ज्यादा जवान शहीद हो गए थे. इस हमले की जिम्मेदारी खूंखार आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी. इसके बाद भारत ने पाकिस्तान के बालाकोट में घुसकर जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ठिकानों पर हमला किया था. साथ ही जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित कराने के लिए कोशिश तेज की थी. अब भारत ने मसूद को वैश्विक आतंकी घोषित कराने में सफलता हासिल कर ली है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तान मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित किए जाने के फैसले का न स्वागत कर सकता है और न ही आलोचना कर सकता है. उसके पास सिर्फ कुछ खामियां गिनाने के अलावा कोई विकल्प नहीं है. उन्होंने कहा, 'हम आतंकवाद और देश की सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर किसी भी देश से समझौता नहीं करते हैं. मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने की प्रक्रिया साल 2009 में शुरू हुई थी.
आपको बता दें कि चीन के अड़ंगा हटाने के बाद बुधवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित कर दिया. हालांकि मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित किए जाने के फैसले में पुलवामा आतंकी हमले का जिक्र नहीं किया गया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, 'चीन के अड़ंगा हटाने के कदम का हम स्वागत करते हैं. मसूद अजहर को वैश्विक आतंकियों की सूची में शामिल कराने में चीन ने जो योगदान दिया है. इससे भारत के साथ उसके रिश्ते मजबूत होंगे.
एक सवाल के जवाब में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि चीन ने खुद ही बताया है कि उसने मसूद अजहर को आतंकी घोषित करने में लगाए गए तकनीकी अड़ंगा को क्यों हटाया है? रवीश कुमार ने कहा कि आतंकवादी मसूद अजहर पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का फैसला सही दिशा में उठाया गया एक कदम है. मसूद अजहर पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का निर्णय आतंकवाद के खिलाफ पूरी दुनिया की प्रतिबद्धता और एकजुटता को दर्शाता है.