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यूक्रेन के साथ जंग में रूसी सेना में शामिल अब तक 12 भारतीयों ने गंवाई जान, 16 लापता

विदेश मंत्रालय ने केरल के त्रिशूर जिले के एक भारतीय नागरिक बिनिल टी.बी. की हाल ही में हुई मौत की पुष्टि की है. रणधीर जायसवाल ने बिनिल की मौत को 'दुर्भाग्यपूर्ण' बताया, जिसकी सूचना सबसे पहले सोमवार को एक रिश्तेदार ने दी थी. बिनिल के शव को भारत वापस लाने के प्रयास जारी हैं. मास्को में भारतीय दूतावास रूसी अधिकारियों के साथ बातचीत कर रहा है.

(प्रतीकात्मक तस्वीर) (प्रतीकात्मक तस्वीर)
शिवानी शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 18 जनवरी 2025,
  • अपडेटेड 3:59 AM IST

रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान रूसी सेना में सेवारत 12 भारतीय मारे गए हैं. विदेश मंत्रालय ने इसकी पुष्टि की है. MEA के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बताया कि कुल 126 भारतीयों के रूसी सेना में शामिल होने की जानकारी है. इनमें से 96 लोग अपनी सर्विस पूरी करने के बाद भारत लौट आए हैं, जबकि 12 की मौत हो गई है.

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विदेश मंत्रालय ने पुष्टि की है कि 18 भारतीय अभी भी रूसी सेना में सेवारत हैं, जिनमें से 16 भारतीय लापता हैं और उनका पता लगाने के प्रयास जारी हैं. रणधीर जायसवाल ने कहा, 'हम लापता भारतीय नागरिकों के ठिकाने का पता लगाने और बचे हुए लोगों की जल्द रिहाई और स्वदेश वापसी के लिए रूसी अधिकारियों के संपर्क में हैं.'

'रूसी अधिकारियों के साथ बातचीत कर रहा भारतीय दूतावास'

विदेश मंत्रालय ने केरल के त्रिशूर जिले के एक भारतीय नागरिक बिनिल टी.बी. की हाल ही में हुई मौत की पुष्टि की है. रणधीर जायसवाल ने बिनिल की मौत को 'दुर्भाग्यपूर्ण' बताया, जिसकी सूचना सबसे पहले सोमवार को एक रिश्तेदार ने दी थी. बिनिल के शव को भारत वापस लाने के प्रयास जारी हैं. मास्को में भारतीय दूतावास रूसी अधिकारियों के साथ बातचीत कर रहा है.

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इसके अलावा, रूस में घायल हुए केरल के एक अन्य निवासी का वर्तमान में मॉस्को के एक अस्पताल में इलाज चल रहा है. जायसवाल ने कहा, 'दूतावास उनके स्वास्थ्य के लिए उनके और रूसी अधिकारियों के संपर्क में है और हमें उम्मीद है कि वह अपने इलाज के बाद वापस आ जाएंगे.'

पीएम मोदी ने रूस यात्रा के दौरान उठाया था मुद्दा
 
अधिकारियों ने पिछले साल रूसी सेना में नौ भारतीयों की मृत्यु की पुष्टि की थी, जिसमें अब बिनिल 10वें भारतीय हैं. बिनिल की मौत के बाद, भारत ने रूसी सेना में अभी भी सेवारत भारतीयों की रिहाई सुनिश्चित करने के लिए अपने प्रयासों को तेज कर दिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल जुलाई में मॉस्को में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ अपनी वार्ता के दौरान भारतीय नागरिकों की जल्द रिहाई का मुद्दा उठाया था.

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