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मुंबई हमलों का दोषी राणा जल्द आएगा भारत! विदेश मंत्रालय ने दी बड़ी जानकारी

मुबंई आतंकी हमलों का दोषी तहव्वुर राणा सजा से बचने के लिए अमेरिका में सभी कानूनी रास्ते आजमा रहा था लेकिन वहां की हर अदालत से उसे निराशा हाथ लगी है. अमेरिका की सुप्रीम कोर्ट ने उसके प्रत्यर्पण की अनुमति दे दी थी. अब उसके भारत आने को लेकर विदेश मंत्रालय ने बड़ी जानकारी दी है.

तहव्वुर राणा के आत्मसमर्पण के लिए अमेरिकी अधिकारियों के संपर्क में भारत (File Photo) तहव्वुर राणा के आत्मसमर्पण के लिए अमेरिकी अधिकारियों के संपर्क में भारत (File Photo)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 08 फरवरी 2025,
  • अपडेटेड 8:39 AM IST

2008 में मुंबई आतंकवादी हमलों के दोषी तहव्वुर राणा के भारत आने का रास्ता साफ होता दिख रहा है. भारत ने शुक्रवार को कहा कि वो राणा के आत्मसमर्पण की व्यवस्था के लिए अमेरिकी अधिकारियों के संपर्क में है. राणा ने अमेरिका में सभी कानूनी रास्ते आजमा लिए हैं और हर जगह उसे निराशा हाथ लगी है. जनवरी में अमेरिका की सुप्रीम कोर्ट ने राणा के भारत प्रत्यर्पण को मंजूरी दी थी और अब भारत उसके आत्मसमर्पण के लिए अमेरिकी अधिकारियों से बात कर रहा है.

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विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने राणा के प्रत्यर्पण पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में यह जानकारी दी है. उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि हाल के घटनाक्रमों से आपको पता चल गया होगा कि राणा ने अमेरिका में सभी कानूनी रास्ते आजमा लिए हैं, अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने भी उसकी अपील खारिज कर दी है. इसलिए हम अब अमेरिकी अधिकारियों के संपर्क में हैं ताकि राणा भारतीय अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण कर दे. जैसे ही इस विशेष मामले पर आगे की जानकारी मिलेगी, हम आपको बताएंगे.'

21 जनवरी को अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने राणा की समीक्षा याचिका खारिज कर दी थी, जिससे उसके भारत प्रत्यर्पण का रास्ता साफ हो गया.

भारत ने पहले भी कहा था कि वह राणा के शीघ्र प्रत्यर्पण के लिए अमेरिकी अधिकारियों के साथ काम कर रहा है.

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विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा था, 'हम अब मुंबई आतंकवादी हमले के आरोपियों को शीघ्र भारत प्रत्यर्पित करने के लिए अमेरिकी पक्ष के साथ काम कर रहे हैं.'

अमेरिका में कई अदालतों में कानूनी लड़ाई हार चुका है राणा

पाकिस्तानी मूल का कनाडाई बिजनेसमैन तहव्वुर राणा पर आरोप है कि उसने 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों में प्रमुख भूमिका निभाई थी. इसे लेकर भारत ने अमेरिकी एजेंसियों के साथ जानकारी शेयर की थी जो लोवर कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के समक्ष रखी गईं.

अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट ने भारत की तरफ से दिए सबूतों को स्वीकार कर तहव्वुर की याचिका खारिज की और उसके भारत प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी.

इससे पहले वो सैन फ्रांसिस्को में उत्तरी सर्किट के लिए अमेरिकी अपील कोर्ट समेत कई अदालतों में प्रत्यर्पण के खिलाफ अपील कर चुका था लेकिन हर जगह उसकी अपील खारिज कर दी गई. तहव्वुर राणा फिलहाल मेट्रोपॉलिटन डिटेंशन सेंटर में हिरासत में है.

पाकिस्तान की ISI से लिंक, लश्कर-ए-तैयबा से भी जुड़ा है राणा 

मुंबई पुलिस ने 2008 में 22/11 आतंकी हमलों को लेकर जो चार्जशीट दायर की थी उसमें तहव्वुर राणा प्रमुख आरोपी है. तहव्वुर पर आरोप है कि वो पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा है. आरोप है कि राणा ने मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड डेविड कोलमैन हेडली की मदद की थी.

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चार्जशीट में मुंबई पुलिस ने राणा पर आरोप लगाए कि उसने हमले के स्थान की रेकी की और उसका खाका तैयार कर पाकिस्तानी आतंकवादियों को सौंपा था.

क्या हुआ था 26/11 को

26 नवंबर 2008 को लश्कर के 10 आतंकवादियों ने समुद्र के रास्ते मुंबई में घुसकर ऐसा धमाका किया कि महानगर दहल उठा था. आतंकियों ने 9 जगहों पर धमाका किया जिसमें 8 इलाके दक्षिण मुंबई के थे- छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस, ओबेरॉय ट्राइडेंट होटल, ताज होटल, लियोपोल्ड कैफे, कामा हॉस्पिटल, नरीमन हाउस, मेट्रो सिनेमा, टाइम्स ऑफ इंडिया बिल्डिंग और सेंट जेवियर्स कॉलेज के पास का इलाका. मुंबई के पोर्ट एरिया मझगांव और विले पार्ले में भी टैक्सी में धमाके हुए थे.

मुंबई पुलिस और सुरक्षा बलों ने 28 नवंबर की सुबह तक लगभग सभी इलाकों को आतंकवादियों से सुरक्षित कर लिया लेकिन वो ताज होटल में छिपे आतंकियों को नहीं पकड़ पाए. उन्हें पकड़ने के लिए नेशनल सिक्योरिटी गार्ड्स (NSG) की मदद लेनी पड़ी जिसने 29 नवंबर को 'ऑपरेशन ब्लैक टॉरनेडो' चलाकर ताज होटल में छिपे आतंकियों को भी मार गिराया. मुंबई में दहशत का दौर 72 घंटों तक चला. मुंबई हमलों में 6 अमेरिकी नागरिकों समेत कुल 166 लोगों की मौत हुई और 300 से ज्यादा लोग घायल हुए थे.

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