
भगोड़े मेहुल चोकसी के अपहरण की खबरों के बीच एंटीगुआ और बारबुडा के प्रधान मंत्री गैस्टन ब्राउन ने बड़ा बयान दिया है. उनका कहना है कि उनके पास किसी भी निर्णायक सबूत की जानकारी नहीं है, लेकिन सार्वजनिक डोमेन की जानकारी के अनुसार मेहुल चोकसी का अपहरण कर लिया गया था.
भारत में 13,500 करोड़ रुपये के बैंक धोखाधड़ी मामले में वांछित मेहुल चोकसी 23 मई को एंटीगुआ और बारबुडा से रहस्यमय तरीके से लापता हो गया था, जहां वह 2018 से एक नागरिक के रूप में रह रहा है. एंटीगुआ से लापता होने को मेहुल चोकसी ने अपना अपहरण बताया था. उसका कहना है कि उसका अपहरण करके डोमिनिका लाया गया था.
एंटीगुआ के पीएम गैस्टन ब्राउन वहां संसद में विपक्षी सांसद के सवालों का जवाब दे रहे थे, जिन्होंने उनसे पूछा कि क्या स्कॉटलैंड यार्ड या किसी अन्य जांच एजेंसी को कोई सबूत मिला है कि चोकसी को "अनैच्छिक तरीकों" से डोमिनिका ले जाया गया था. इस सवाल का गैस्टन ब्राउन ने जवाब दिया.
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उन्होंने कहा, 'मुझे सबूतों की जानकारी नहीं है लेकिन यह जानकारी सार्वजनिक डोमेन में है कि मेहुल चोकसी का अपहरण किया गया था और मुझे पता है कि यहां जांच एजेंसियों ने कुछ रिसर्च किया होगा, लेकिन मुझे पता नहीं है कि ऐसा कोई निर्णायक सबूत है.'
यह पूछे जाने पर कि क्या स्कॉटलैंड यार्ड या किसी अन्य एजेंसी ने चोकसी के कथित अपहरण के बारे में उनकी सरकार से संपर्क किया है, पीएम गैस्टन ब्राउन ने नकारात्मक में जवाब दिया. पिछले दिनों चोकसी को अपनी कथित प्रेमिका के साथ पड़ोसी द्वीप देश डोमिनिका में हिरासत में लिया गया था.
मेहुल चोकसी के वकीलों ने आरोप लगाया कि उन्हें एंटीगुआ के जॉली हार्बर से 23 मई को एंटीगुआ और भारतीय जैसे दिखने वाले पुलिसकर्मियों ने अगवा कर लिया और नाव पर डोमिनिका ले आए. मेहुल चोकसी की कानूनी टीम ने एंटीगुआ और बारबुडा से पड़ोसी डोमिनिका में उसके कथित अपहरण की जांच के लिए संपर्क किया था.
उनके वकील माइकल पोलाक ने कहा था कि चोकसी का एंटीगुआ और बारबुडा से अपहरण कर लिया गया था, जहां एक नागरिक के रूप में उन्हें अपनी नागरिकता और प्रत्यर्पण के मामलों में अंतिम उपाय के रूप में ब्रिटिश प्रिवी काउंसिल से संपर्क करने का अधिकार प्राप्त है.