
अमेरिका के बेवर्ली हिल्स में 1989 में अपने रईस मां-बाप की हत्या के दोषी दो भाई 35 सालों से जेल में बंद है. उम्रकैद की सजा काट रहे इन भाइयों को इन सालों में एक दिन की पैरोल भी नहीं मिली. लेकिन इस महीने नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई एक सीरीज के बाद यह मामला एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है.
नेटफ्लिक्स की सीरीज Monsters: The Lyle and Erik Menendez Story दरअसल अमेरिकी के इन्हीं दो भाइयों लायल और एरिक मेनेंडेज की कहानी है, जिसमें दिखाया गया है कि दोनों भाइयों ने आखिर किन हालातों में अपने माता-पिता की हत्या की. हालांकि, दोनों ने पैसों के लिए हत्या करने की बात कबूल नहीं की है. लायल और एरिक का कहना है कि उनके पिता बचपन से उनका यौन शोषण करते थे, जिसकी वजह से दोनों ने यह कदम उठाया था.
लेकिन इस सीरीज के बाद अब दोनों की रिहाई की भी मांग की जा रही है. ऐसे में अभियोजकों ने दोनों भाइयों की सजा पर अदालत से एक बार फिर से गौर करने की अपील की है.
नेटफ्लिक्स सीरीज से दोनों भाइयों के लिए उमड़ी हमदर्दी!
लॉस एंजेलिस काउंटी के डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी जॉर्ज गैस्कॉन ने बताया कि वे दोनों भाइयों की सजा को घटाने की भी सिफारिश करने जा रहे हैं क्योंकि अपराध के समय इनकी उम्र 26 साल से कम थी. ऐसे में इन्हें तुरंत पैरोल मिलने में मदद मिलेगी. इस पर जज को फैसला करने होगा और स्टेट पैरोल बोर्ड की भी रजामंदी इस पर लेनी होगी. इस संबंध में याचिका दायर कर दी गई है और इस अगले महीने इस पर सुनवाई हो सकती है.
इस सीरीज में दोनों भाइयों की आपबीती को विस्तार से दिखाया गया है कि किस तरह से उनके पिता दोनों भाइयों का बचपन से शोषण करते थे. हालांकि, इस दावे की भी पुष्टि नहीं की गई है. कई लोगों का मानना है कि 1989 में जिस समय यह अपराध किया गया था, उस समय दुनिया लड़कों के यौन शोषण जैसी घटनाओं पर यकीन नहीं करती थी. कोई ये मानने को तैयार ही नहीं था कि लड़कों का भी यौन शोषण किया जा सकता है.
अमेरिका की रियलिटी टीवी स्टार किम कार्दशियां भी इस सीरीज के रिलीज होने के बाद दोनों भाइयों के समर्थन में आगे आई थी और कहा था कि अब बहुत हो गया. दोनों भाई बिना एक दिन की पैरोल के 35 सालों से जेल में बंद हैं. अब इन्हें रिहा कर देना चाहिए. लेकिन एक धड़ा अभी भी दोनों भाइयों की रिहाई के खिलाफ है. उनका कहना है कि जिस बेरहमी से दोनों भाइयों ने अपने पेरेंट्स का कत्ल किया है, उसकी सजा में उन्हें रियायत नहीं देनी चाहिए.
बता दें कि मेनेंडेज भाइयों को 1996 में बिना पैरोल के उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी. अपराध के समय लायल की उम्र 21 साल जबकि एरिक की 18 साल थी. दोनों ने स्वीकार किया कि उन्होंने अपने पिता और मां की बेरहमी से हत्या कर दी थी. दरअसल उन्हें डर था कि उनके माता-पिता उन्हें मार सकते हैं क्योंकि उनके पिता दोनों भाइयों का शोषण करते थे.