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Microsoft आउटेज: Glitch पता चला, लेकिन कायम है 'ब्लू स्क्रीन ऑफ डेथ', एयरलाइंस, बैंक, स्टॉक सर्वर को ठीक होने में लगेगा वक्त!

माइक्रोसॉफ्ट के सर्वर में खराबी आने से शुक्रवार को दुनिया भर के बड़े बड़े देशों की कई सर्विसेज लगभग बैठ गईं हैं. अमेरिका, ब्रिटेन, भारत, स्पेन, सिंगापुर, इजरायल, सिंगापुर,ऑस्ट्रेलिया, हांगकांग समेत कई देशों में माइक्रोसॉफ्ट के सर्वर में आई खराबी की वजह से लोग परेशान रहे.

दुनियाभर में कई सेवाओं पर पड़ा असर दुनियाभर में कई सेवाओं पर पड़ा असर
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 20 जुलाई 2024,
  • अपडेटेड 10:46 AM IST

शुक्रवार को क्राउडस्ट्राइक के एक गलत अपडेट की वजह से पूरी दुनिया में हडकंप मच गया. इस तकनीकी दिक्कत की वजह से भारत समेत दुनिया के कई देशों में हवाई सेवा बुरी तरह प्रभावित हो गईं. दुनिया भर में सैकड़ों फ्लाइट कैंसिल करनी पड़ी. इतना ही नहीं बैंक, हॉस्पिटल, शेयर बाजार, टीवी चैनल, कॉल सेंटर तक भी ठप रहे.

सिविल एविएशन एक्सपर्ट साइबर टेरर की आशंका भी जता रहे हैं हालांकि, माइक्रोसॉफ्ट की ओर से ऐसी संभावना से इनकार किया जा रहा है. माइक्रोसॉफ्ट की टीम के साथ पूरी दुनिया के सर्वश्रेष्ठ इंजीनियर इस तकनीकी समस्या का समाधान तलाशने के लिए जुटे हैं.लेकिन फिलहाल ऐसा लग रहा है कि, पूरी तरह से सेवाओं को दुरुस्त होने में अभी और समय लगेगा.

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सत्य नडेला का पोस्ट
माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्य नडेला ने पोस्ट करते हुए कहा, ' कल क्राउडस्ट्राइक ने एक अपडेट जारी किया जिसने वैश्विक स्तर पर आईटी सिस्टम को प्रभावित करना शुरू कर दिया. हम इस मुद्दे से वाकिफ हैं और ग्राहकों को उनके सिस्टम को सुरक्षित रूप से ऑनलाइन वापस लाने के लिए तकनीकी मार्गदर्शन और सहायता प्रदान करने के लिए क्राउडस्ट्राइक और पूरी इंडस्ट्री के साथ मिलकर काम कर रहे हैं.'

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क्या रही वैश्विक परेशानी की वजह
यह समस्या एक तकनीकी समस्या की वजह से हुई जिसके बारे में वैश्विक साइबर सुरक्षा फ़र्म क्राउडस्ट्राइक ने कहा कि उसने अपने सॉफ़्टवेयर में पहचान की है और इसे हल करने के लिए काम कर रही है. दरअसल क्राउडस्ट्राइक Microsoft को उसके Windows डिवाइस के लिए एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर प्रदान करता है. CBS न्यूज़ को दिए गए एक बयान में Microsoft ने कहा, "क्राउडस्ट्राइक अपडेट की वजह से वैश्विक स्तर पर कई IT सिस्टम बंद हो गए."

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क्या है CrowdStrike?

CrowdStrike एक साइबर सिक्योरिटी फर्म है, जो कंपनियों को IT एनवायरमेंट को सुरक्षित रखने में मदद करती है. आसान शब्दों में कहें तो कोई कंपनी इंटरनेट की मदद से जो भी काम करती है, उसे हैकर्स से सुरक्षित रखने में CrowdStrike उनकी मदद करती है. 

इसका प्रमुख काम कंपनियों को हैकर्स, साइबर अटैक, रैंसमवेयर और डेटा लीक से बचाना है. यही वजह है कि इस कंपनी के प्रमुख कस्टमर दुनियाभर के बड़े बैंक, यूनिवर्सिटीज और सरकारी एजेंसियां भी हैं. हाल के दिनों में साइबर वर्ल्ड में काफी बदलाव हुआ है. हैकर्स के बढ़ते हमलों की वजह से कंपनियों की CrowdStrike जैसे फर्म पर निर्भरता बढ़ी है.

एक बयान में, क्राउडस्ट्राइक के सीईओ जॉर्ज कर्ट्ज़ ने कहा कि समस्या की पहचान कर ली गई है और समाधान खोजा जा रहा है। उन्होंने कहा कि "यह कोई सुरक्षा से संबंधित घटना या साइबर हमला नहीं है. समस्या की पहचान कर ली गई है, उसे अलग कर दिया गया है और उसका समाधान कर दिया गया है."

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माइक्रोसॉफ्ट का बयान
Microsoft ने आखिरकार वैश्विक IT आउटेज पर एक पॉजिटिव अपडेट साझा किया है. कंपनी ने पुष्टि की है कि उसके 365 ऐप्स और सेवाओं के आउटेज के मूल कारण को ठीक कर दिया गया है. 

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Microsoft ने सोशल मीडिया पर लिखा,  "हमारे समस्या को काफी हद तक दूर कर लिया है और हमारी टेलीमेट्री से पता चला है कि पहले से प्रभावित सभी Microsoft 365 ऐप और सेवाएं ठीक हो गई हैं. हम यह सुनिश्चित करने के लिए निगरानी रखे हुए हैं कि समस्या का हल पूरी तरह से हो गया है." इसका मतलब यह है कि चल रही ब्लू स्क्रीन ऑफ डेथ (BSOD) समस्या अभी कुछ समय तक बनी रहेगी.

क्या है ब्लू स्क्रीन ऑफ़ डेथ
ब्लू स्क्रीन ऑफ़ डेथ (BSoD)) Microsoft Windows पर दिखने वाली गंभीर स्क्रीन समस्या है. यह सिस्टम क्रैश होने की तरफ इशारा करता है जिसमें ऑपरेटिंग सिस्टम एक गंभीर स्थिति में पहुंच जाता है और वह काम करने की स्थिति में नहीं होता है, दूसरे शब्दों में कहें तो पूरा सिस्टम किसी सीरियस इश्यू के चलते क्रैश हो जाता है.इसके पीछे की वजह हार्डवेयर या सॉफ्टवेयर में आई दिक्कत हो सकती है.

Microsoft आउटेज कब तक होगा ठीक?

साइबर सुरक्षा फर्म साइबरआर्क के मुख्य सूचना अधिकारी ओमर ग्रॉसमैन ने रॉयटर्स को बताया कि क्राउडस्ट्राइक द्वारा समस्या का निदान किए जाने के बावजूद, उत्पन्न होने वाली कुछ समस्याओं को हल करने में समय लग सकता है. उन्होंने कहा कि इसका कारण यह है कि समस्या एंडपॉइंट डिटेक्शन एंड रिस्पॉन्स (EDR) प्रोडक्ट से संबंधित है जो व्यक्तिगत क्लाइंट कंप्यूटर पर चलते हैं. दरअसल, एंडपॉइंट डिटेक्शन एंड रिस्पॉन्स (EDR) एक तकनीकी प्लेटफ़ॉर्म है जो एंडपॉइंट पर खतरों का पता लगाता है और उनकी जांच करता है.

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सीएनबीसी के साथ एक साक्षात्कार में, क्राउडस्ट्राइक के कर्ट्ज़ ने कहा कि प्रभावित सिस्टम में से कई पहले से ही ठीक होने लगे हैं, और कुछ क्लाइंट के लिए इसे ठीक करना उनके कंप्यूटर या सर्वर को रीबूट करने जितना आसान हो सकता है. हालांकि, उन्होंने स्वीकार किया कि "कुछ सिस्टम पूरी तरह से ठीक नहीं हो सके हैं, और हम प्रत्येक क्लाइंट के साथ व्यक्तिगत रूप से काम कर रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि हम उन्हें फिर से चालू कर सकें." कर्ट्ज़ ने कोई समय-सीमा नहीं बताई कि पूरी तरह से समस्या को दुरुस्त होने में कितना समय लगेगा.  

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समस्या से दुनियाभर में मच गया था हडकंप
दरअसल जब हम कंप्यूटर के माउस को क्लिक करते ही पूरी दुनिया की खबर ले सकते हैं. जब दुनिया भर के ज्यादातर काम सर्वर के भरोसे हो रहे हैं तो ऐसे में अगर सर्वर में तकनीकी दिक्कत आ जाए तो दुनिया थम सी जाती है और शुक्रवार को भी कुछ ऐसा ही हुआ. माइक्रोसॉफ्ट के सर्वर में टेक्निकल प्रॉब्लम आने के बाद से पूरी दुनिया में हड़कंप मच गया और कई देशों में सर्वर की वजह से एयरलाइंस ठप हो गईं. टीवी प्रसारण रुक गया, स्टॉक मार्केट ठप हो गया, बैंकिंग और कई कार्पोरेट कंपनियों का कामकाज भी रोकना पड़ा.

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दुनिया की तुलना में भारत कम प्रभावित
साइबर एक्सपर्ट पवन दुग्गल भी साइबर सुरक्षा में सेंध को गंभीर मसला बता रहे हैं. इतना ही नहीं उन्होंने साइबर टेरर की आशंका भी जताई. तकनीक पर पूरी तरह से निर्भर रहने के बाद देश और दुनिया की तमाम एयरलाइंस को मैनुअल सिस्टम पर आना पड़ा. इंडिगो और एयर इंडिया के यात्रियों को हाथ से लिखा बोर्डिंग पास देना पड़ा. एविएशन एक्सपर्ट भी अचानक आई इस तकनीकी दिक्कत से हैरान दिखे. भारत समेत दुनियाभर में एयरपोर्ट पर चेक इन और टिकट बुकिंग में दिक्कत रही, हालांकि, दूसरे देशों के मुकाबले भारत में अब चेक इन करने में स्थिति सामान्य होती दिख रही है लेकिन फ्लाइट्स या तो लेट हैं या कैंसिल की जा रही हैं.

भारत में 5 एयरलाइंस - इंडिगो, स्पाइसजेट, अकासा एयरलाइंस, विस्तारा और एयर इंडिया एक्सप्रेस ने बताया कि, उनकी बुकिंग, चेक-इन और फ्लाइट अपडेट सर्विस को इस तकनीकी समस्या से जूझना पड़ा. दुनिया भर में माइक्रोसॉफ्ट विंडोज के कुछ यूजर्स को अपने लैपटॉप पर नीली स्क्रीन दिखाई दे रही थी, इससे उनके सिस्टम अपने आप ही रीस्टार्ट या शटडाउन हो गए.

माइक्रोसॉफ्ट सर्वर ठप: भुवनेश्वर और हैदराबाद एयरपोर्ट पर दिए गए हाथ से लिखे बोर्डिंग पास

वैसे तो तकनीक के लाखों फायदे हैं तो कुछ नुकसान भी, लेकिन शुक्रवार के साइबर संकट ने पूरी दुनिया को एक साथ बैकफुट पर ला दिया. दुनिया में ऐसे मौके बहुत कम ही आए हैं, जब एक साथ इतने देशों के लोग किसी एक समस्या से प्रभावित हों.देखना होगा कि, माइक्रोसॉफ्ट के एक्सपर्ट कितनी जल्दी इस समस्या का समाधान निकाल पाते हैं.

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