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ईरान को कैसा जवाब देगा इजरायल? रक्षा मंत्री गैलेंट बोले- 'हमारा जवाब घातक होगा'

IDF इंटेलिजेंस यूनिट 9900 से बात करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि मिडिल ईस्ट में इजरायल की एयर सुप्रीमेसी का ज्यादातर हिस्सा उनके इंटेलिजेंस कलेक्शन वर्क की वजह से है. उन्होंने ईरान, लेबनान, सीरिया, यमन, इराक और किसी भी अन्य जरूरी मोर्चे के खिलाफ यूनिट के की कोशिशों के बारे में बात की.

मिडिल ईस्ट तनाव (फाइल फोटो) मिडिल ईस्ट तनाव (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 11 अक्टूबर 2024,
  • अपडेटेड 9:18 AM IST

इजरायल (Israel) के रक्षा मंत्री योआव गैलेंट ने बुधवार को कहा कि 1 अक्टूबर को इजरायल पर किए गए बड़े हमले के लिए ईरान पर आईडीएफ का जवाबी हमला बड़ा होगा. उन्होंने कहा, "ईरानी हमला आक्रामक था लेकिन गलत था. इसके खिलाफ, हमारा हमला घातक, सटीक और आश्चर्यजनक होगा. उन्हें पता नहीं चलेगा कि क्या हुआ या कैसे हुआ, वे केवल नतीजा देखेंगे."

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IDF इंटेलिजेंस यूनिट 9900 से बात करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि मिडिल ईस्ट में इजरायल की एयर सुप्रीमेसी का ज्यादातर हिस्सा उनके इंटेलिजेंस कलेक्शन वर्क की वजह से है. उन्होंने ईरान, लेबनान, सीरिया, यमन, इराक और किसी भी अन्य जरूरी मोर्चे के खिलाफ यूनिट के  की कोशिशों के बारे में बात की. इससे वायु सेना को बहुत सटीक रूप से और हर जगह जो हम चाहते हैं उसे देखने में मदद मिली.

क्या इजरायल जवाबी कार्रवाई करेगा?

मंगलवार को Jerusalem Post ने रिपोर्ट दी कि इजरायल द्वारा ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर हमला करने की अपेक्षा नहीं की जा रही है, बल्कि इस मुद्दे पर New York Times की रिपोर्ट के बाद, तमाम तरह के सैन्य ठिकानों और खुफिया साइट्स पर ध्यान केंद्रित करने की उम्मीद है. सूत्रों ने रिपोर्ट के जोर को नकारा नहीं, जिसमें भविष्यवाणी की गई थी कि यहूदी स्टेट पर 1 अक्टूबर को ईरान द्वारा किए गए बड़े हमले के लिए इजरायल द्वारा ईरान के खिलाफ जवाबी कार्रवाई मध्यम श्रेणी के हमले परिदृश्यों में होगी.

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इसके अलावा, पोस्ट में कहा गया कि ईरान पर इजरायल के हमले के सिलसिले में करीब सभी टॉप इजरायली अधिकारियों ने सार्वजनिक रूप से वादा किया है कि 19 अप्रैल को ईरान की एस-300 एंटी-एयरक्राफ्ट मिसाइल सिस्टम को नुकसान पहुंचाने वाली उसकी छोटी जवाबी कार्रवाई की तुलना में कहीं ज्यादा अहम होगा.

यह भी पढ़ें: मध्य पूर्व संकट: अगर ईरान के पास परमाणु बम हुआ तो..... देखें वारदात

प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और रक्षा मंत्री योआव गैलेंट दोनों ने यरुशलम के ऊपर मंडरा रहे ईरानी परमाणु खतरे को हटाने को अपने जीवन और सार्वजनिक सेवा में बिताए वक्त के सबसे अहम उद्देश्यों में से एक के रूप में बताया है.

अगर वे अधिकारी और रक्षा प्रतिष्ठान के अन्य सदस्य ईरानी सैन्य और खुफिया ठिकानों, जैसे कि संभवतः बैलिस्टिक मिसाइल सुविधाओं, ड्रोन सुविधाओं और इजरायल पर हमलों का समन्वय करने वाले कमांडरों पर हमला करने के पक्ष में इस तरह के विकल्प से पीछे हट जाते हैं, तो यह ईरान की तुलना में गाजा और लेबनान को ज्यादा अहम सुरक्षा मुद्दों के रूप में सीधे तौर पर अहमियत देने की दिशा में एक नाटकीय बदलाव को चिह्नित करेगा.

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