
अमेरिका और ईरान के बीच चली आ रही तल्खी का असर भारत समेत दूसरे तेल आयातक देशों पर क्या होगा, इसे लेकर ट्रंप प्रशासन ने स्थिति स्पष्ट कर दी है. अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कहा है कि ईरान पर जारी यूएस के प्रतिबंध सख्ती से लागू रहेंगे. लेकिन भारत समेत आठ देशों को ईरान से तेल खरीदने की छूट दी गई है. हालांकि, यह मोहलत अस्थायी है.
अस्थायी है छूट
पोम्पियो ने सोमवार को कहा, 'हमने खास परिस्थितियों को देखते हुए तथा बाजार में पर्याप्त मात्रा में तेल आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए कुछ गिने-चुने देशों को ईरान से तेल आयात की छूट अस्थायी रूप देने का फैसला किया है. अमेरिका यह छूट चीन, भारत, इटली, यूनान, जापान, दक्षिण कोरिया, ताइवान और तुर्की को देगा.'
इसके साथ ही उन्होंने संकल्प जताया कि ईरान पर दबाव बनाने के लिये अमेरिका हर संभव प्रयास करता रहेगा. उन्होंने कहा कि इन देशों ने पहले ही महीने से ईरान से कच्चे तेल की खरीद पहले ही काफी कम कर दी है.
दरअसल, ईरान के खिलाफ आज (सोमवार) से अमेरिका के अब तक के सबसे कड़े प्रतिबंध लागू हो गए हैं. अमेरिका ने ईरान के बैंकिंग और पेट्रोलियम क्षेत्र पर यह पाबंदी लागू की है, जिसके तहत ईरान से तेल खरीदने वाले यूरोप, एशिया तथा अन्य सभी देशों और कंपनियों पर भी प्रतिबंधात्मक कार्रवाई का प्रावधान है.
ईरान पर जारी रहेगा दबाव
पोम्पियो ने संकल्प जताया कि ईरान पर दबाव बनाने के लिए अमेरिका हर संभव प्रयास करता रहेगा. उन्होंने कहा कि इन देशों ने पहले ही महीने से ईरान से कच्चे तेल की खरीद पहले ही काफी कम कर दी है. अमेरिका ने ईरान सरकार के व्यवहार में बदलाव लाने के लिए उस पर अब तक के सबसे सख्त प्रतिबंध लगाए हैं. इन प्रतिबंधों के तहत ईरान के बैंक और ऊर्जा क्षेत्र को शामिल किया गया है. ईरान से तेल आयात नहीं रोकने वाले यूरोप, एशिया और अन्य देशों पर जुर्माना भी तय किया है.
भारत बड़ा आयातक
बता दें कि भारत और चीन, ईरान से कच्चे तेल के सबसे बड़े खरीदार हैं. पोम्पियो ने कहा कि इन आठ में से दो देश पहले ही ईरान से कच्चे तेल का आयात शून्य पर ले आए हैं और जबतक पाबंदी रहेगी, वे आयात शुरू नहीं करेंगे. उन्होंने कहा, 'हम सभी देशों से आयात शून्य स्तर पर लाने को लेकर बातचीत जारी रखेंगे.'
अमेरिका इससे पहले चाहता था कि भारत सहित सभी देश ईरान से पूरी तरह से तेल आयात बंद करें लेकिन यदि ऐसा होता तो कच्चे तेल के बाजार में भारी उठापटक होने का खतरा बढ़ जाता. संभवत: यह विचार कर कुछ देशों को इसमें छूट दी गई है ताकि वह धीरे-धीरे ईरान से तेल की खरीदारी बंद कर सकें.
भारत दुनिया में कच्चे तेल का तीसरा बड़ा उपभोक्ता देश है. अपनी कुल जरूरत का 80 प्रतिशत आयात के जरिए पूरा करता है. इराक और सउदी अरब के बाद ईरान भारत का तीसरा बड़ा आपूर्तिकर्ता देश है.
डोनाल्ड ट्रंप के सख्त तेवर
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मई में 2015 में हुए परमाणु समझौते से अमेरिका को अलग कर लिया था. ट्रंप ने कहा था कि वह ईरान को परमाणु मुद्दे पर फिर से बातचीत की मेज पर वापस लाना चाहता है. अमेरिकी सरकार यह भी कह चुकी है कि वह साइबर हमले, बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षण, पश्चिम एशिया में आतंकी समूहों का समर्थन जैसी ईरान की 'घातक' गतिविधियों को रोकना चाहती है.