दमित्री मेदवेदेव के इस्तीफे के बाद मिखाइल मिशुस्टिन बने रूस के नए प्रधानमंत्री

रूस के नए प्रधानमंत्री के नाम की घोषणा हो गई है. दमित्री मेदवेदेव के इस्तीफे के बाद मिखाइल मिशुस्टिन रूस के नए पीएम होंगे. राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बुधवार को ही उनके नाम को आगे बढ़ाया था. दमित्री मेदवेदेव ने बुधवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. पुतिन ने मेदवेदेव को उनकी सेवा के लिए धन्यवाद कहा. बता दें कि दमित्री मेदवेदेव, राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के पुराने सहयोगी रहे हैं .साल 2012 से ही मेदवेदेव लगातार प्रधानमंत्री के पद पर कार्यरत रहे हैं. दमित्री मेदवेदेव 2008 से 2012 तक राष्ट्रपति का पद भी संभाल चुके हैं. 

Advertisement
रूस के नए प्रधानमंत्री मिखाइल मिशुस्टिन (Courtesy- AP) रूस के नए प्रधानमंत्री मिखाइल मिशुस्टिन (Courtesy- AP)

aajtak.in

  • मॉस्को,
  • 16 जनवरी 2020,
  • अपडेटेड 8:11 PM IST

  • बुधवार को दमित्री मेदवेदेव ने रूस के प्रधानमंत्री पद से दे दिया था इस्तीफा
  • मिशुस्टिन ने कहा- नई सरकार मे कुछ बदलावों की बनाई गई है योजना

रूस में दमित्री मेदवेदेव के इस्तीफे के बाद मिखाइल मिशुस्टिन को नया प्रधानमंत्री बनाया गया है. राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बुधवार को ही उनके नाम को आगे बढ़ाया था. दमित्री मेदवेदेव ने बुधवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. पुतिन ने मेदवेदेव को उनकी सेवा के लिए शुक्रिया किया था.

Advertisement

दमित्री मेदवेदेव राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के पुराने सहयोगी हैं. साल 2012 से ही मेदवेदेव लगातार प्रधानमंत्री के पद पर कार्यरत रहे हैं. दमित्री मेदवेदेव 2008 से 2012 तक राष्ट्रपति का पद भी संभाल चुके हैं. वहीं, रूस के प्रधानमंत्री बनने से पहले मिखाइल मिशुस्टिन ने कहा कि नई सरकार में कुछ बदलावों की योजना बनाई गई है.

रूस की समाचार एजेंसी तास ने रूसी संसद के निचले सदन स्टेट डूमा के उपसभापति सर्गेई नेवेरोव के हवाले से बताया, 'मिखाइल मिशुस्टिन ने कहा कि वो गुटों के साथ मंत्रियों के पदों के लिए उम्मीदवारों पर चर्चा करेंगे. नए मंत्रिमंडल में कुछ बदलाव होंगे.'

आपको बता दें कि दमित्री मेदवेदेव का रूस के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा उस समय सामने आया है, जब रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने संविधान में बड़े संशोधन का प्रस्ताव लाया है. इसमें स्टेट डूमा को प्रधानमंत्री, उप प्रधानमंत्री और संघीय मंत्री को मंजूरी देने की शक्ति प्रदान करना शामिल है. दावा यह भी किया जा रहा है कि संविधान में बदलाव से राष्ट्रपति पुतिन के लंबे समय तक सत्ता में बने रहने का रास्ता साफ हो जाएगा.

Advertisement

वहीं, बुधवार को दमित्री मेदवेदेव ने कहा कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के प्रस्ताव से सत्ता संतुलन में अहम बदलाव आएंगे. इससे सिर्फ देश के संविधान के अनुच्छेद ही नहीं बदलेंगे, बल्कि पूरा संविधान बदल जाएगा. इससे कार्यपालिका, न्यायपालिका और विधायिका की शक्तियों में बदलाव होगा.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement