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पाकिस्तान से लापता हुए कश्मीरी कवि फरहाद PoK में मिले, इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने लगाई थी सरकार को फटकार

इस्लामाबाद उच्च न्यायालय को बुधवार को बताया गया कि रावलपिंडी से लापता होने के दो सप्ताह बाद एक कश्मीरी शायर के पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में पुलिस हिरासत में होने की जानकारी मिली है.

कश्मीरी कवि अहमद फरहाद का रावलपिंडी से अपहरण कर लिया गया था कश्मीरी कवि अहमद फरहाद का रावलपिंडी से अपहरण कर लिया गया था
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 30 मई 2024,
  • अपडेटेड 9:51 AM IST

पाकिस्तान में पिछले कई दिनों से गायब हुए कश्मीरी कवि अहमद फरहाद का पता चल गया है जो पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में पुलिस हिरासत में हैं. दरअसल अहमद फरहाद की पत्नी ने इस्लामाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर दावा किया था कि उनका घर से अपहरण कर लिया गया है. फरहाद ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) में पाकिस्तानी सुरक्षा बलों द्वारा की जा रही हिंसा और खून-खराबे के खिलाफ भी आवाज उठाई थी.

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बुधवार को जब हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई हुई तो बताया गया कि रावलपिंडी से लापता होने के दो सप्ताह बाद अहमद फिराद पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में पुलिस हिरासत में हैं. पुलिस या किसी खुफिया एजेंसी ने जब उन्हें अपनी हिरासत में नहीं होने का दावा किया था.

कोर्ट ने शीर्ष अधिकारियों को किया था तलब

इसके बाद मामले की सुनवाई कर रहे जस्टिस मोहसिन अख्तर कयानी ने 24 मई को आदेश पृष्ठ का लिखित आदेश पारित कर कानून मंत्री आजम तरार, इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई), मिलिट्री इंटेलिजेंस (एमआई) के सेक्टर कमांडरों, गुप्तचर ब्यूरो (आईबी) के निदेशक और रक्षा व गृह सचिव को 29 मई को अदालत के समक्ष व्यक्तिगत रूप से पेश होने का निर्देश दिया था.

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बुधवार को खुफिया एजेंसियों के अधिकारी कोर्ट के समक्ष पेश नहीं हुए लेकिन अटॉर्नी जनरल मंसूर उस्मान अवान ने अदालत को बताया कि फरहाद फिलहाल कश्मीर पुलिस की हिरासत में हैं. अवान ने पीओके के धीरकोट थाने की एक रिपोर्ट भी पेश की, जहां उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. इस्लामाबाद पुलिस के प्रमुख ने अदालत को बताया कि चूंकि शायर कश्मीर पुलिस की हिरासत में है, इसलिए यह क्षेत्र इस्लामाबाद पुलिस के अधिकार क्षेत्र से बाहर है.

जस्टिस कयानी ने दिया आदेश

सुनवाई के दौरान, जस्टिस कयानी ने अटॉर्नी जनरल को यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया कि “इस्लामाबाद से किसी को भी नहीं उठाया जाए. यदि कोई व्यक्ति बरामद नहीं होता है, तो यह सरकार की विफलता होगी.' जस्टिस कयानी ने यह भी कहा कि यदि फरहाद का परिवार संतुष्ट है तो वह मामले का निपटारा कर देंगे, लेकिन लापता व्यक्तियों के बारे में मामला जारी रहेगा. सुनवाई स्थगित करने से पहले जस्टिस कयानी ने कहा, “मैं लापता व्यक्ति के मुद्दे पर एक बड़ी पीठ के गठन के लिए फाइल भेजूंगा.”

मुखर कविता के लिए जानेते हैं फरहाद

हाईकोर्ट के बाहर पत्रकारों से बातचीत में, कानून मंत्री तरार ने कहा कि पुलिस कश्मीरी कवि के मामले की जांच कर रही है. उन्होंने अदालत में अपनी उपस्थिति के बारे में बताते हुए कहा, “अहमद फरहाद पीओके में हैं, मैंने न्यायिक सहायक के रूप में संवैधानिक मामलों में सहायता की.' अपनी मुखर शायरी के लिए मशहूर फरहाद का कथित तौर पर अपहरण कर लिया गया था और शक्तिशाली खुफिया एजेंसियों को समन जारी किए जाने से पहले तक अदालत को उनके ठिकाने के बारे में नहीं बताया गया. 

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