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मोदी-मैक्रों के बीच राफेल डील पर बातचीत हुई लेकिन साझा बयान में क्यों नहीं हुआ जिक्र?

सूत्रों ने स्पष्ट किया है कि भारतीय नौसेना के लिए  26 राफेल लड़ाकू विमानों और तीन स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बियों के लिए समझौते का ऐलान किया गया है लेकिन इस पर अभी बातचीत की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई है. 

फ्रांस दौरे के दौरान राष्ट्रपति मैक्रों के साथ पीएम मोदी फ्रांस दौरे के दौरान राष्ट्रपति मैक्रों के साथ पीएम मोदी
गीता मोहन
  • नई दिल्ली,
  • 18 जुलाई 2023,
  • अपडेटेड 11:36 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पिछले हफ्ते फ्रांस के दो दिवसीय दौरे पर थे. उनका यह दौरा कई मायनों में खास रहा. इस दौरान भारतीय नौसेना के लिए राफेल सौदे पर भी बातचीत हुई. लेकिन पीएम मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों के बीच राफेल को लेकर बातचीत के बाद भी साझा बयान में इसका जिक्र तक नहीं हुआ. 

सूत्रों ने बताया कि दोनों देशों की ओर से जारी किया गया संयुक्त बयान का नाम ‘Horizon 2047: 25th Anniversary of the India-France Strategic Partnership, Towards A Century of India-France Relations' दोनों देशों के बीच अगले 25 सालों का रोडमैप है. लेकिन 26 राफेल विमानों की खरीद का इसमें जिक्र नहीं है. 

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हालांकि, सूत्रों ने स्पष्ट किया है कि भारतीय नौसेना के लिए  26 राफेल लड़ाकू विमानों और तीन स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बियों के लिए समझौते का ऐलान किया गया है लेकिन इस पर अभी बातचीत की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई है. 

सूत्र ने बताया कि हमने इसे रोडमैप (साझा बयान) में नहीं रखा है क्योंकि यह अगले 25 सालों के लिए है. लेकिन राफेल सौदा मौजूदा डील है. भारत राफेल लड़ाकू विमान और तीन स्कॉर्पीन पनडुब्बियां खरीदना चाहते हैं. इस संबंध में अब बातचीत होगी, ऐलान किया जा चुका है. 

सूत्रों ने बताया कि स्कॉर्पीन डील 2005 की है. यह अब वैध नहीं हो सकती. इस पर दोबारा चर्चा की जाएगी. इस डील को पहले रक्षा मंत्रालय के डिफेंस एक्विजिशन कमीटी ने मंजूरी दी थी. अब इस सौदे को अंतिम रूप देने से पहले सभी हितधारकों से विचार-विमर्श किया जाएगा. 

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साझा बयान में कहा गया था कि तीन स्कॉर्पीन पनडुब्बियों की खरीद से भारत हिंद प्रशांत क्षेत्र में चीन के आमने-सामने होगा. हालांकि, भारत और फ्रांस पहले स्कॉर्पीन कंस्ट्रक्शन प्रोग्राम (पी75-कल्वरी) पर काम कर रहे हैं. दोनों देश भारतीय पनडुब्बी बेड़े को तैयार करने के लिए अधिक से अधिक महत्वाकांक्षी परियोजनाओं को एक्सप्लोर करने के लिए तैयार है. 

अमेरिका के साथ हुए भारत के समझौतों की तुलना पर सूत्र ने बताया कि भारत आज ऐसी स्थिति में है, जहां वह एक साथ कई देशों से डील कर रहा है और फ्रांस की इसमें अहम भूमिका है. सूत्र ने यह भी बताया कि अमेरिका के साथ भारत के संबंध फ्रांस से अळग है. भारत ने अमेरिका से जीई इंजन खरीदने का फैसला किया है. 

भारत पहले ही दक्षिणपूर्व एशिया में कुछ देशों के साथ काम कर रहा है. जनवरी 2022 में भारत और फिलीपींस के बीच 37.4 करोड़ का समझौता हुआ था. यह समझौता ब्रह्मोस मिसाइल सिस्टम खरीदने के लिए हुआ था.
 

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