
मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की पीपुल्स नेशनल कांग्रेस (पीएनसी) पार्टी ने संसदीय चुनाव में प्रचंड बहुमत हासिल किया है. इस जीत के बाद मुइज्जू ने एक बार फिर भारत को तेवर दिखाए हैं. उन्होंने कहा कि हालिया चुनाव के नतीजों ने दुनिया को ये दिखा दिया है कि मालदीव के लोग अपना भविष्य चुनने में स्वायत्तता चाहते हैं, ना कि किसी तरह का विदेशी दखल.
चीन समर्थित मुइज्जू की सत्तारूढ़ पीपुल्स नेशनल कांग्रेस (पीएनसी) पार्टी ने 93 में से 68 सीटों पर जीत दर्ज की है जबकि गठबंधन में उनकी साझेदार पार्टियों मालदीव नेशनल पार्टी (एमएनपी) ने एक और मालदीव डेवलपमेंट अलायंस (एमडीए) ने दो सीटों पर जीत दर्ज की. मुइज्जू का ये बयान संसदीय चुनाव के नतीजों के एक दिन बाद ही आया है.
मुइज्जू ने कहा कि हमने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को बता दिया है कि हम एक गौरवान्वित देश है, जिसे संप्रभुता और स्वतंत्रता पसंद है. उन्होंने कहा कि संसदीय चुनाव के नतीजे इसका सबूत है कि मालदीव के लोग देश के उज्जवल भविष्य के लिए इस्लाम और इसके सिद्धांतों में विश्वास बनाए रखना चाहते हैं. ये नतीजे मालदीव के लोगों के विजन और उनके उद्देश्यों को लेकर दुनिया को दिया गया संदेश है.
उन्होंने कहा कि संसदीय चुनाव के नतीजे इस बात के भी सबूत हैं कि मालदीव के लोग अपने उज्जवल भविष्य के लिए विदेशी दबाव को खारिज कर स्वायत्तता चुनना चाहते हैं. दरअसल उन्होंने कई दफा भारत पर मालदीव के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया है. मुइज्जू ने पिछले साल सितंबर में 'इंडिया आउट' का नारा देते हुए राष्ट्रपति चुनाव जीता था.
मुइज्जू ने कहा कि इन चुनावी नतीजों से उन लोगों को करारा जवाब मिला है, जिनके हिडन एजेंडा है. उन लोगों को अब पता चल गया है कि मालदवी के लोग असल में क्या चाहते हैं.
जब मुइज्जू ने भारत को दिखाए थे तेवर
मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने इस साल जनवरी में चीन का पांच दिनों का दौरा किया था. इस दौरे से लौटते ही उन्होंने दो टूक कहा था कि हमें बुली करने का लाइसेंस किसी के पास नहीं है. मुइज्जू ने कहा था कि हम भले ही छोटा देश हो सकते हैं लेकिन इससे किसी को भी हमें बुली करने का लाइसेंस नहीं मिलता. हालांकि, मुइज्जू ने प्रत्यक्ष तौर पर किसी का नाम लेकर ये बयान नहीं दिया था. लेकिन माना गया कि उनका निशाना भारत की तरफ है.
चीन समर्थक माने जाने वाले मुइज्जू ने पांच दिन के अपने चीन दौरे के दौरान राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की थी. उनका ये दौरा ऐसे समय पर हुआ था, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले मालदीव सरकार के तीन मंत्रियों को सस्पेंड किया गया. इस मामले को लेकर भारत और मालदीव दोनों देशों में राजनयिक विवाद बढ़ा हुआ है.
दोनों देशों के बीच क्या है विवाद?
प्रधानमंत्री मोदी के लक्षद्वीप दौरे के बाद मालदीव की सरकार के तीन मंत्रियों ने पीएम मोदी के इस दौरे की कुछ तस्वीरों पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. इसके बाद से ही दोनों देशों के बीच राजनयिक विवाद गहराया था. मामले पर विवाद बढ़ने के बाद इन तीनों मंत्रियों को सस्पेंड कर दिया गया था.