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ढाकेश्वरी मंदिर पहुंचे मोहम्मद यूनुस, हिंदू समुदाय के लोगों से की मुलाकात, Exclusive तस्वीरें आईं सामने

Muhammad Yunus At dhakeshwari Mandir: मोहम्मद यूनुस ने ऐसे समय पर हिंदू मंदिर का दौरा किया है, जब बांग्लादेश में बीते कुछ दिनों से हिंदुओं पर हमले बढ़े हैं. मोहम्मद यूनुस ने ढाकेश्वरी मंदिर में कहा कि देश को संकट की स्थिति से बाहर निकालने के लिए लोगों को बांटने की बजाए उन्हें एकजुट करना चाहिए.

ढाकेश्वरी मंदिर में मोहम्मद यूनुस ढाकेश्वरी मंदिर में मोहम्मद यूनुस
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 13 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 5:21 PM IST

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के सलाहकार मोहम्मद यूनुस मंगलवार को ढाकेश्वरी मंदिर पहुंचे. उन्होंने यहां पहुंचकर हिंदू समुदाय के लोगों से मुलाकात की. 

इस दौरान माइनोरिटी राइट्स मूवमेंट का पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल मोहम्मद यूनुस से मिला. इस दौरान छात्रों ने मोहम्मद यूनुस के सामने आठ सूत्रीय मांगें रखीं. 

बता दें कि मोहम्मद यूनुस ने ऐसे समय पर हिंदू मंदिर का दौरा किया है, जब बांग्लादेश में बीते कुछ दिनों से हिंदुओं पर हमले बढ़े हैं. मोहम्मद यूनुस ने ढाकेश्वरी मंदिर में कहा कि देश को संकट की स्थिति से बाहर निकालने के लिए लोगों को बांटने की बजाए उन्हें एकजुट करना चाहिए. इस तरह के चुनौतीपूर्ण समय में सभी को धैर्य के साथ रहना चाहिए. 

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उन्होंने कहा कि हम ऐसा बांग्लादेश बनाना चाहते हैं, जो एक परिवार की तरह हो और परिवार के भीतर भेदभाव और झगड़े का सवाल ही नहीं उठता. हम सभी बांग्लादेश के लोग हैं. हम सभी ये सुनिश्चित करना चाहते हैं कि हम यहां शांति से रह सकें. 

उन्होंने कहा कि कानून सभी के लिए समान है. हमारे समाज में इस तरह के भेदभाव की जरूरत नहीं है. हमें इसे दुरुस्त करना होगा. इस बीमारी को जड़ से खत्म करना होगा. 

इस दौरान उन्होंने धर्म या जाति के आधार पर भेदभाव नहीं करने की अपील करते हुए कहा कि देश के सभी लोगों के लिए एक कानून और एक संविधान होना चाहिए. हमें ये सुनिश्चित करना होगा कि हम इस देश के लोग हैं.

बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले

बांग्लादेश के दो हिंदू संगठनों- बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद और बांग्लादेश पूजा उद्यापन परिषद के अनुसार, 5 अगस्त को शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार के पतन के बाद से बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदायों के सदस्यों को 53 जिलों में हमलों की कम-से-कम 205 घटनाओं का सामना करना पड़ा. साथ ही हिंसा से बचने के लिए हजारों बांग्लादेशी हिंदू पड़ोसी देश भारत आने की कोशिश कर रहे हैं.

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