
म्यांमार, थाईलैंड और बांग्लादेश में भूकंप के भयानक झटकों से लोग सहमे हुए हैं, अब अंदेशा है कि म्यांमार, थाईलैंड और बांग्लादेश के तटीय इलाकों में सुनामी भी आ सकती है. शुक्रवार दोपहर बाद आए भूकंप के इन झटकों की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 7.7 मापी गई है. ये बेहद शक्तिशाली भूकंप माना जाता है और इससे जोरदार नुकसान की खबरें हैं. हालांकि वहां की सरकारों ने सुनामी के बारे में अभी स्पष्ट चेतावनी जारी नहीं की है.
इस भूकंप का केंद्र म्यांमार का Sagaing रहा. भूकंप के झटकों की वजह से म्यांमार के मांडलेय में इरावडी नदी पर कथित तौर पर लोकप्रिय एवा ब्रिज (Ava Bridge) ढह गया है. बताया जा रहा है कि चीन के यून्नान प्रांत में भी लोगों ने झटके महसूस किए हैं.
म्यांमार का जो मांडले क्षेत्र भूकंप का केन्द्र है वो समुद्र तट से काफी दूर है इसलिए फिलहाल सुनामी की आशंका नहीं है.
बता दें कि एक बड़े तीव्रता वाले भूकंप के बाद सुनामी की आशंका इसलिए होती है क्योंकि ऐसे भूकंप समुद्र तल के नीचे या उसके आसपास उत्पन्न हो सकते हैं, जिससे समुद्र के पानी में बड़े पैमाने पर हलचल पैदा होती है. जब टेक्टोनिक प्लेट्स में अचानक और शक्तिशाली हलचल होती है, जैसे कि सबडक्शन जोन में, तो समुद्र तल ऊपर या नीचे खिसक सकता है. यह खिसकाव पानी को विस्थापित कर देता है, जिससे विशाल तरंगें उत्पन्न होती हैं जो सुनामी के रूप में तटों की ओर बढ़ती हैं.
सुनामी की आशंका भूकंप की तीव्रता (आमतौर पर 7.0 या उससे अधिक रिक्टर स्केल पर), गहराई (जो उथली हो, जैसे 0-70 किमी), और स्थान (समुद्र के नीचे या तटीय क्षेत्र के पास) पर निर्भर करती है. उदाहरण के लिए, 2004 का हिंद महासागर सुनामी और 2011 का जापान सुनामी ऐसे ही शक्तिशाली समुद्री भूकंपों के परिणाम थे.
बांग्लादेश मौसम विभाग के अनुसार, दोपहर 12:25 बजे भूकंप आया जिसका केंद्र बांग्लादेश सीमा के पास म्यांमार के मांडले में था. ढाका से भूकंप के केंद्र की दूरी 597 किलोमीटर है. मौसम विभाग के भूकंप अवलोकन और अनुसंधान केंद्र के कार्यवाहक अधिकारी मोहम्मद रुबायत कबीर के हवाले से प्रोथोम एलो ने बताया कि 7.3 तीव्रता वाले भूकंप को एक बड़ी भूकंप घटना के रूप में दर्ज किया गया है.