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PM मोदी रूस रवाना, चीन की तरह ही बिना एजेंडा होगी पुतिन से बात

दोनों शीर्ष नेताओं की यह मुलाकात चार से छह घंटे चल सकती है और इसका कोई तय ‘एजेंडा’ नहीं है. इस बैठक में द्विपक्षीय मुद्दों पर बहुत सीमित ही चर्चा होने की संभावना है.

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मोहित ग्रोवर
  • नई दिल्ली,
  • 21 मई 2018,
  • अपडेटेड 9:44 AM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस के लिए रवाना हो गए हैं. चीन की ही तरह पीएम मोदी का ये दौरा बिना किसी एजेंडे का होगा. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से जब प्रधानमंत्री बात कर रहे होंगे, तो कोई तय एजेंडा नहीं होगा हालांकि दोनों नेता राष्ट्रीय मुद्दों के अलावा कई अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर भी बात करेंगे. जिसमें आतंकवाद, अमेरिका, चीन और नॉर्थ कोरिया जैसे कुछ अहम मुद्दे शामिल हैं.

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राष्ट्रीय के साथ अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा

दोनों शीर्ष नेताओं की यह मुलाकात चार से छह घंटे चल सकती है और इसका कोई तय ‘एजेंडा’ नहीं है. इस बैठक में द्विपक्षीय मुद्दों पर बहुत सीमित ही चर्चा होने की संभावना है.

बताया जा रहा है कि दोनों नेता ईरान परमाणु समझौते से अमेरिका के हटने, अफगानिस्तान व सीरिया में हालात, आतंकवाद के खतरे तथा आगामी शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) व ब्रिक्स शिखर सम्मेलन बैठकों पर विचार विमर्श कर सकते हैं.

इसी तरह अमेरिका के एक नए कानून सीएएटीएसए के तहत रूस के खिलाफ प्रतिबंधों के भारत-रूस रक्षा सहयोग पर संभावित असर भी इस दौरान चर्चा हो सकती है.

सूत्रों ने कहा कि भारत सरकार इस मुद्दे को अमेरिका के ट्रंप प्रशासन के साथ उठा रही है और वह रूस के साथ अपने रक्षा संबंधों पर किसी तीसरे पक्ष के ‘ हस्तक्षेप’ की अनुमति नहीं देगा. इस अनौपचारिक शिखर वार्ता का उद्देश्य दोनों देशों की दोस्ती व विश्वास का इस्तेमाल प्रमुख वैश्विक व क्षेत्रीय मुद्दों पर समझ कायम करना है.

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व्लादिमीर पुतिन के साथ मुलाकात के दौरान प्रधानमंत्री मोदी मेक इन इंडिया की भी बात करेंगे और रूस से निवेश का आग्रह करेंगे. बता दें कि हाल ही में पुतिन चौथी बार रूस के राष्ट्रपति चुने गए हैं, ऐसे में मोदी का दौरा और भी खास हो जाता है.

इस साल चार बार मिलेंगे पुतिन-मोदी

दोनों नेताओं के बीच इस साल करीब चार मुलाकातें और हो सकती हैं, हालांकि इनमें से तीन मुलाकातें सिर्फ 20 मिनट के लिए ही तय हैं. ये मुलाकातें एससीओ समिट, ब्रिक्स समिट, जी20 समिट और भारत-रूस समिट के दौरान होगी.

चीन से हुई ऐसे दौरों की शुरुआत

परंपरागत तरीके की औपचारिक बैठकों से हट कर प्रधानमंत्री मोदी ने हाल ही में चीन के राष्ट्रपति शी चिनपिंग के साथ एक अनौपचारिक शिखर वार्ता की. इस तरह की वार्ता के बाद आमतौर पर कोई घोषणा पत्र जारी नहीं किया जाता और बातचीत के विषय दोनों नेता अपने से हिसाब से चुन लेते हैं.

 

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