
अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा (NASA) में 13 सालों से काम कर रहीं भारतीय महिला अक्षता कृष्णमूर्ति (Akshata Krishnamurthy) ने इतिहास रच दिया है. वह भारत की ऐसी पहली महिला बन गई हैं, जिन्होंने मंगल (Mars) ग्रह पर रोवर चलाया है.
अक्षता नासा के उस मिशन का हिस्सा थीं, जिसके तहत स्पेस एजेंसी मंगल ग्रह पर कुछ नमूने इकट्ठा कर रही थी. इसी के तहत उन्होंने मंगल पर रोवर चलाकर एक कीर्तिमान रचा. कहा जा रहा है कि अब इन नमूनों को पृथ्वी पर लाया जाएगा.
अक्षता ने इंस्टाग्राम पर अपनी इस जर्नी को शेयर करते हुए कहा कि मैं 13 साल पहले अमेरिका में नासा के साथ काम करने आई थी. जमीन और मंगल ग्रह पर विज्ञान और रोबोटिक ऑपरेशन की अगुवाई करने के सपने के अलावा मेरे पास कुछ नहीं था. मेरी जिन लोगों से मुलाकात हुई थी, उन्होंने कहा की मेरे लिए यह मुमकिन नहीं है इसलिए मुझे अपनी फील्ड बदल देनी चाहिए.
उन्होंने कहा कि लेकिन मैं डटी रही, किसी की नहीं सुनी. अपना काम करती रही. पीएचडी पूरी करने के बाद मुझे नासा में नौकरी मिल गई, काम करना है तो पागलपन जरूरी है.
अक्षता कहती हैं कि एनआईटी से पीएचडी की डिग्री लेने से लेकर नासा में फुलटाइम काम करने तक कुछ भी आसान नहीं था. लेकिन आज मैं कई तरह के स्पेस मिशन के लिए काम करती हूं. कोई भी सपना मुश्किल नहीं होता. खुद में विश्वास करो और कड़ी मेहनत करो, आप मंजिल तक जरूर पहुंचेंगे. मेरा उद्देश्य दस लाख लोगों को बड़ा सपना देखने और बेहतर जिंदगी जीने के लिए प्रेरित करना है.
कौन है अक्षता?
अक्षता ने मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से एयरोनॉटिक्स और एस्ट्रोनॉटिक्स में पीएचडी की है. उन्हें नासा जेट प्रपल्शन लैबोरेटरी (जेपीएल) में फ्लाइट सिस्टम्स इंजीनियरिंग, स्मॉल सैटेलाइट्स, इंस्ट्रूमेंट कैलिब्रेशन, परफॉर्मेंस मॉडलिंग, साइंस डेटा प्रोसेसिंग में अच्छा खासा अनुभव है. अक्षता को नासा के कई मिशन के लिए अपनी सेवाएं देने के लिए पुरस्कार भी मिल चुके हैं.