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US सीनेट में प्रस्ताव, फाइटर जेट ट्रेनिंग में भारत को भी किया जाए शामिल

चीन के लगातार बढ़ते प्रभाव को देखते हुए अब अमेरिका कई तरह की रणनीति पर काम कर रहा है. बीते दिनों सिंगापुर के साथ हुए समझौते में भारत को साथ लाने पर विचार जारी है.

फाइल फोटो फाइल फोटो
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 26 जून 2020,
  • अपडेटेड 9:13 AM IST

  • चीन की चालबाजी के लिए अमेरिका का जवाब
  • फाइटर जेट ट्रेनिंग में भारत को शामिल करने पर विचार
चीन की चालबाजी ने सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के कई देशों के परेशान किया हुआ है. अमेरिका भी लगातार चीन के खिलाफ रणनीति बनाने में जुटा है. अब अमेरिका की ओर से तैयारी की जा रही है कि वह अगले कुछ वक्त में भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया को फाइटर जेट के लिए नई तरीके की ट्रेनिंग दे.

दरअसल, अमेरिका के नेशनल डिफेंस ऑथराइजेशन एक्ट के तहत साल 2021 तक भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान को फाइटेर जेट डिटेचमेंट ट्रेनिंग देने की बात कही गई है. ये ट्रेनिंग अमेरिका के पास समुद्री इलाके में गुआम में दी जाएगी, जहां पर कुछ वक्त पहले अमेरिका और सिंगापुर के बीच फाइटेर जेट ट्रेनिंग की जगह बनाने पर विचार हुआ था.

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गुरुवार को अमेरिकी संसद में इसके बारे में जानकारी दी गई. यानी जो समझौता अमेरिका और सिंगापुर के बीच हुआ था उसमें अब भारत, ऑस्ट्रेलिया और जापान को शामिल कर लिया जाएगा. इसका मकसद है कि अमेरिका अपने मित्र देशों की सहायता कर सके और आने वाली चुनौतियों के लिए तैयार कर सके.

चीन को काउंटर करने के लिए एशिया में सैन्य तैनाती बढ़ाएगा US, भारत का किया समर्थन

इसके तहत कई तरह की मिसाइलों को इंडो-पैसेफिक रीजन में तैनात किया जाएगा, जिसमें लॉन्ग रेंज एंटी शिप मिसाइल भी होगी. इस इलाके में चीन के बढ़ते हुए प्रभाव को देखते हुए लंबे वक्त की रणनीति के हिसाब से इसे कारगर माना जा रहा है. इसके अलावा अमेरिका इस इलाके में फॉरवर्ड पोस्ट भी बनाएगा, जहां किसी भी स्थिति में तैयारी की जा सके.

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आपको बता दें कि अमेरिकी संसद में इस विषय को उसी दिन रखा गया है, जिस दिन अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने बयान दिया है कि अमेरिका अब यूरोप से अपनी सेना कम करके एशिया में मौजूदगी बढ़ाएगा. इसकी वजह चीन की बढ़ती चालबाजी है, जो भारत को घेरने में जुटा है. अमेरिका की ओर से भारत, सिंगापुर, वियतनाम और साउथ चाइना सी जैसे क्षेत्रों में सेना बढ़ाने की योजना है.

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