
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को आसियान (ASEAN) के रक्षा मंत्रियों की बैठक (एडीएमएम-प्लस) में कहा कि हमें सभी क्षेत्रों में लोगों के मौलिक आजादी का ध्यान रखना होगा और उनसे जुड़ी चुनौतियों को समझना होगा. रक्षा मंत्री ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा, "नियम-आधारित आदेश, समुद्री सुरक्षा, साइबर संबंधी अपराधों और आतंकवाद के लिए खतरा, हमें एक मंच के रूप में इन सभी चुनौतियों का सामना करना होगा."
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि सभी क्षेत्रों में में शांति, स्थिरता और नियमों पर आधारित देश का आधार बनने के लिए हमारी प्रतिबद्धता ही विश्व का भविष्य निर्धारित करेगी. उन्होंने कहा कि हमें जैव आतंकवाद और महामारी संबंधी बीमारियों के खतरों को दूर करने के अपने प्रयासों को जारी रखने की जरूरत है.
उन्होंने कहा, "एडीएमएम इस क्षेत्र में शांति, स्थिरता और नियम-आधारित आदेश का आधार बनने के लिए पिछले दशक में काम कर रहा है. गतिविधियों के संचालन में संयम बरतने और उन कार्यों से बचने के लिए जो स्थिति को और जटिल कर सकते हैं, क्षेत्र में निरंतर शांति लाने के लिए एक लंबा रास्ता तय करना है.''
रक्षा मंत्री ने कहा, पिछले एक दशक में हमारी सामूहिक उपलब्धि रणनीतिक संवाद और व्यावहारिक सुरक्षा सहयोग के माध्यम से बहुपक्षीय सहयोग को आगे बढ़ाने में उल्लेखनीय रही है. समुद्री सुरक्षा, साइबर से संबंधित अपराध और आतंकवाद हमारे सामने सबसे बड़ी चुनौतियां हैं. जैसा कि हम आपसी विश्वास और बढ़ा रहे हैं, गतिविधियों के संचालन में आत्म-संयम बरत रहे हैं और उन कार्यों को करने से बचते हैं जो स्थिति को और जटिल कर सकते हैं. ये कुछ ऐसी चीजें हैं, जिनकी मदद से क्षेत्र में निरंतर शांति लाने में एक लंबा रास्ता तय करना होगा.
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13 दिसंबर को आसियान (ASEAN) की दसवीं वर्षगांठ हैं. इस अवसर पर इसे ADMM-PLUS मीटिंग का नाम दिया गया है. इसमें 8 देश शामिल हैं- ऑस्ट्रेलिया, चीन, भारत, जापान, न्यूजीलैंड, कोरिया, रूस और अमेरिका. इनका मकसद क्षेत्र में शांति और स्थिरता की दिशा में आपसी रक्षा सहयोग को बढ़ावा देना है. 2017 के बाद से, ADMM-PLUS वार्षिक रूप से बैठक कर रहा है ताकि आसियान और PLUS राष्ट्रों के बीच संवाद और सहयोग का बेहतर माहौल बने. इसके साथ ही रक्षा और सुरक्षा में सहयोग के माध्यम से क्षेत्रीय शांति और स्थिरता को बढ़ाने में मदद मिले.