
नेपाल के चुनाव आयोग ने रविवार को कहा कि उन्होंने 17 मार्च को होने वाले उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए तीन महिलाओं सहित सभी चार उम्मीदवारों के नामांकन को बरकरार रखा है. चुनाव आयोग के अनुसार, सीपीएन-यूएमएल की उपाध्यक्ष अष्ट लक्ष्मी शाक्य, जनता समाजवादी पार्टी (जेएसपी) से राम सहाय यादव और प्रमिला कुमारी यादव और जनमत पार्टी से ममता झा उपाध्यक्ष पद के लिए चार उम्मीदवार हैं.
इन्होंने शनिवार को नामांकन दाखिल किया. चुनाव आयोग ने कहा कि रविवार तक नाम वापसी के लिए तय समय पर किसी भी उम्मीदवार ने अपना नाम वापस नहीं लिया, इसलिए उपाध्यक्ष पद के लिए उनका नामांकन वैध रहेगा. चुनाव आयोग ने नामांकन दाखिल करने के लिए शनिवार दोपहर 2 बजे (स्थानीय समय) की समय सीमा तय की थी. बता दें उपराष्ट्रपति का चुनाव शुक्रवार को होना है.
गौरतलब है कि ममता झा और दोनों यादव उम्मीदवार मधेसी समुदाय से हैं और आठ दलों के गठबंधन से हैं. नेपाल के दक्षिणी तराई क्षेत्र में मधेसी समुदाय ज्यादातर भारतीय मूल के हैं.
कैसे होता है उपराष्ट्रपति का चुनाव
राष्ट्रपति की तरह ही उपराष्ट्रपति का चुनाव एक निर्वाचक मंडल द्वारा किया जाता है जिसमें संघीय संसद (प्रतिनिधि सभा और नेशनल असेंबली) और प्रांतीय विधानसभा के सदस्य शामिल होते हैं. चुनाव आयोग ने उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए 882 मतदाताओं के नाम प्रकाशित किए हैं. संघीय संसद के 332 मतदाताओं और प्रांतीय विधानसभा के 550 मतदाताओं के मतों का कुल भारांक 52,628 होता है, इस तरह एक उम्मीदवार को चुनाव जीतने के लिए कम से कम 26,315 वोटों की जरूरत होती है.
किसी को बहुमत न मिले तो कैसे होगा चयन
उल्लेखनीय है कि किसी भी उम्मीदवार को बहुमत न मिलने की स्थिति में सबसे अधिक वोट पाने वाले दो उम्मीदवारों के बीच दोबारा मतदान का प्रावधान है.