
30 सालों में हुए सबसे भयंकर विमान क्रैश को लेकर नेपाल में अभी भी जांच का दौर जारी है. किस वजह से येती एयरलाइन का विमान क्रैश हुआ, ये समझने का प्रयास किया जा रहा है. आखिर ऐसा क्या हुआ था कि 72 लोगों ने अपनी जिंदगी ही गंवा दी. अब कोई पायलट के स्तर पर गलती मान रहा है तो किसी की नजर में तकनीकी खराबी की वजह से ये क्रैश हुआ. कुछ जानकार मौसम को भी इस हादसे के लिए जिम्मेदार मान रहे हैं.
विमान का फ्लैप ना खुलना हादसे का कारण?
जानकारी के लिए बता दें कि 15 जनवरी को येती एयरलाइन का विमान पोखरा एयरपोर्ट के पास में ही क्रैश कर गया था. उस हादसे में विमान में मौजूद सभी 72 लोगों की मौत हो गई थी. उन लोगों में पांच भारतीय नागरिक भी शामिल रहे. अब इस भयंकर हादसे की जब से जांच शुरू हुई है, सबसे ज्यादा फोकस इसी बात पर दिया जा रहा है कि आखिर कैसे एक विमान इस तरह से क्रैश कर गया. अगर नेपाल की मीडिया रिपोर्ट्स पर विश्वास किया जाए,तो वहां बताया जा रहा है कि विमान के विंग फ्लैप ठीक तरह से खुले ही नहीं थे. उसी वजह से वो लैंडिंग से पहले ही हादसे का शिकार हो गया.
सरल शब्दों में समझें तो किसी भी विमान की जब लैंडिंग होती है तब विंग फ्लैप एक अहम रोल अदा करते हैं. इन विंग फ्लैप की वजह से ही लैंडिंग के दौरान विमान की गति कम होती जाती है. लेकिन नेपाल प्लेन क्रैश को लेकर बताया जा रहा है कि विंग फ्लैप ठीक तरह से खुल ही नहीं पाए थे. ऐसे में विमान की स्पीड भी ज्यादा रही और लैंडिंग का प्रयास भी पूरी तरह फेल हो गया. एक वीडियो भी सामने आया है जिसमें दिख रहा है कि विमान एक तरफ पूरी तरह झुक जाता है और फिर सीधे खाई में जा गिरता है. अभी के लिए जो एक रिपोर्ट सामने आई है, उसमें फ्लैप का ना खुलना एक बड़ा कारण माना जा रहा है. वहीं असल कारण जानने के लिए ब्लैक बॉक्स का सहारा लिया जाएगा.
एक्सपर्ट से जानिए उस हादसे के दौरान क्या हुआ
वैसे इस हादसे पर सीनियर एटीआर कैप्टिन कुमार पांडे ने भी बड़ा बयान दिया है. जो वीडियो सामने आए हैं, उनके आधार पर वे इस हादसे के लिए पायलट को जिम्मेदार मान रहे हैं. उनके मुताबित पायलट के स्तर पर ही गलती हुई जिस वजह से ये हादसा हुआ. उनकी तरफ से जोर देकर कहा गया है कि वीडियो में दिख रहा है कि विंग फ्लैप ठीक तरह से खुल नहीं पाए थे. अब वे अभी ये एक कारण जरूर मान रहे हैं, लेकिन विस्तृत जांच की बात भी कर रहे हैं. पांडे की तरफ से कुछ तकनीकी जानकारी भी साझा की गई है.
विमान में लैंडिंग के दौरान क्या नियम होते हैं?
वे बताते हैं कि जब कोई भी विमान 1000 फीट तक पहुंच जाता तब एयरपोर्ट अथॉरिटी को जानकारी दी जाती है. ये वो स्थिति होती है जब विमान लैंडिंग के लिए पूरी तरह तैयार हो जाता है. वहीं फिर जब विमान की रफ्तार 296 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच जाती है, तब लैंडिंग गेयर खोल दिए जाते हैं. इस समय किसी भी विमान के जो फ्लैप होते हैं, उनका 15 डिग्री पर खुलना जरूरी रहता है. वहीं जब रफ्तार 277 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंचती है, तो वहीं फ्लैप 30 डिग्री तक खुल जाते हैं. अब पांडे के मुताबिक येती एयरलाइन का विमान जब इतनी ही नीचे पहुंच चुका था, उसके फ्लैप सिर्फ 15 डिग्री पर खुले थे.