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नेपाल के प्रधानमंत्री प्रचंड का बार-बार क्यों टल रहा भारत दौरा?

नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड का भारत दौरा एक बार फिर टल गया है. अब प्रचंड जून से पहले भारत की यात्रा पर नहीं आ सकेंगे. बताया जा रहा है कि मई के आखिर में पेश होने वाले बजट को लेकर उनकी यात्रा टली है.

नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड (फाइल फोटो) नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 30 अप्रैल 2023,
  • अपडेटेड 2:03 PM IST

नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड की भारत यात्रा एक बार फिर टल गई है. प्रचंड का भारत दौरा मई के दूसरे सप्ताह में प्रस्तावित था, लेकिन हाल ही में उपचुनाव में मिली हार समेत कई आंतरिक वजह से देरी हुई है. प्रचंड के शीर्ष सहयोगी ने बताया कि अब उनकी यात्रा जून से पहले नहीं हो पाएगी.  

बीते साल दिसंबर में प्रधानमंत्री का पद संभालने के बाद प्रचंड की भारत की पहली विदेश यात्रा होगी. हालांकि यह दूसरी बार है जब प्रचंड का भारत दौरा आंतरिक वजहों से टल गया है.  

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प्रधानमंत्री प्रचंड के करीबी सहयोगी ने शनिवार को कहा, 'नेपाल सरकार आगामी वित्त वर्ष के लिए अपना वार्षिक बजट मई के आखिर में पेश करने की तैयारी कर रही है और प्रधानमंत्री की भारत यात्रा उसके बाद ही होगी.' नाम न बताते हुए उन्होंने कहा कि आंतरिक कारणों से प्रधानमंत्री की प्रस्तावित यात्रा में और देरी हुई है और यह संभावना नहीं है कि पहली विदेश यात्रा जून से पहले होगी.  

प्रचंड के भारत दौरे की तैयारियों में जुटी सरकार

इससे पहले सरकार मई के दूसरे और तीसरे हफ्ते के बीच प्रचंड के भारत दौरे की तैयारियों में जुटी थी. नेपाल में हाल ही में हुए उपचुनावों के नतीजों ने भी 68 वर्षीय प्रधानमंत्री को देश में राजनीतिक स्थिरता बनाए रखने के लिए यात्रा पर फिर से विचार करने के लिए मजबूर किया है. 

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अप्रैल में तीन सीटों पर हुए थे उपचुनाव

इस महीने जिन तीन सीटों के लिए उपचुनाव हुए थे, उनमें से सत्तारूढ़ गठबंधन को दो सीटें गंवानी पड़ीं. केवल जनता समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष उपेंद्र यादव बारा सीट से गठबंधन प्रत्याशी के रूप में जीतने में कामयाब रहे. इसके अलावा उपचुनाव में दो सीटों पर जीत हासिल करने वाली राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी (RSP) ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह वर्तमान स्थिति में प्रचंड के नेतृत्व वाली सरकार में शामिल नहीं होगी. वह प्रचंड सरकार को समर्थन जारी रखने के लिए भी समीक्षा कर रही है.  

टीवी पत्रकार से नेता बने रवि लामिछाने ने चितवन से जीत हासिल की, जबकि जाने-माने अर्थशास्त्री स्वर्णिम वागले ने तन्हू से जीत दर्ज की. प्रतिनिधि सभा में 21 सीटों वाली RSP का समर्थन प्रचंड सरकार को बनाए रखने के लिए जरूरी होगा.  

प्रचंड सरकार में इन दलों का गठबंधन  

नए आठ दलों के प्रचंड के नेतृत्व वाले गठबंधन में नेपाली कांग्रेस, सीपीएन-माओवादी, सीपीएन-यूनिफाइड सोशलिस्ट, नागरिक उन्मुक्ति पार्टी, जनमत पार्टी, जनता समाजवादी पार्टी, लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय जनमोर्चा शामिल हैं.  

इस बीच नवनियुक्त विदेश मंत्री एनपी सऊद ने कहा है कि प्रचंड की आगामी भारत यात्रा को सार्थक बनाने के लिए सरकार बड़ी तैयारियां कर रही है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री यात्रा को लेकर विभिन्न मंत्रालयों के बीच शुरुआती चर्चा पूरी हो चुकी है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हम हमेशा गुटरनिरपेक्ष नीति के सिद्धांतों और पंचशील के सिद्धांत पर कायम रहेंगे.  

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