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तोड़ी परंपरा, राष्ट्रभाषा की जगह हिंदी और भोजपुरी में सांसदों ने ली शपथ

अब तक चले आ रहे परंपरा को तोड़ते हुए कई नवनिर्वाचित सांसदों ने राष्ट्रभाषा की जगह भोजपुरी और हिंदी में पद और गोपनीयता की शपथ ली.

नेपाल के एक प्रांत में शपथ लेते नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधि नेपाल के एक प्रांत में शपथ लेते नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधि
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 22 जनवरी 2018,
  • अपडेटेड 5:19 PM IST

भारत के पड़ोसी देश नेपाल में रविवार को सभी 7 राज्यों के प्रतिनिधि सभा में नवनिर्वाचित सदस्यों ने पद और गोपनीयता की शपथ ली, जिसमें खास बात यह रही कि मधेशी बहुल आठ सीमावर्ती जिलों के दो नंबर प्रदेश के सांसदों ने 4 भाषाओं में शपथ ली जिसमें 83 सांसदों ने हिंदी, मैथिली और भोजपुरी में शपथ ली.

नेपाल की राष्ट्रभाषा नेपाली है और वहां की परंपरा नेपाली भाषा में ही शपथ लेने की है, लेकिन नवनिर्वाचित सांसदों ने नेपाली भाषा में शपथ ग्रहण करने से इनकार कर दिया जिसके बाद दो नंबर प्रदेश के सांसदों को अपनी मातृभाषा में शपथ ग्रहण करने दिया गया. कुल 107 सदस्यों ने शपथ लिया जिसमें 47 लोगों ने मैथिली, 25 ने भोजपुरी, 11 ने हिंदी में शपथ ली, जबकि 24 सांसदों ने नेपाली भाषा में शपथ ग्रहण किया.

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हस्ताक्षर भी अपनी भाषा में

स्थानीय मीडिया काठमांडुपोस्ट के अनुसार, शपथ ग्रहण के बाद धानुषा सीडीओ दिलीप कुमार ने शपथ लेने वाले सांसदों से आग्रह किया कि वे नेपाली भाषा में ही दस्तखत करें, लेकिन नवनिर्वाचित सांसदों ने उनकी सलाह नहीं मानी और अपनी-अपनी मातृभाषा में ही हस्ताक्षर किया. सांसद जगत यादव ने कहा, "हमारा देश अब संघीय व्यवस्था वाला देश है, लेकिन सरकार अभी भी एकल भाषा को ही लेकर चल रही है."

यह शपथ ग्रहण समारोह हर प्रदेश की अस्थायी राजधानी में आयोजित किया गया था. स्थानीय कानून के अनुसार, राज्य के गवर्नर प्रांतीय विधानसभा के सबसे वरिष्ठ सदस्य को पद की शपथ दिलाते हैं, इसके बाद वह निर्वाचित वरिष्ठ सदस्य प्रांतीय संसद में अन्य सांसदों को शपथ ग्रहण कराते हैं. वरिष्ठतम सदस्य तब तक स्पीकर की भूमिका में होते हैं जब तक प्रांतीय विधानसभा का गठन नहीं हो जाता.

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राष्ट्रपति विद्धा देवी भंडारी की ओर से शुक्रवार को सातों राज्यों के गवर्नर्स को शपथ ग्रहण कराए जाने के बाद चुनाव आयोग ने चुने गए नए सदस्यों की लिस्ट इन राज्यों के नए मुखिया को सौंपी.

कत्ल के आरोपी सांसद ने नहीं ली शपथ

राज्य संख्या 2 और 7 के कई सदस्यों ने परंपरा के खिलाफ जाकर आधिकारिक नेपाली भाषा की जगह अपनी मातृभाषा में शपथ लिया.

बिराटनगर में हुए शपथ ग्रहण समारोह में गवर्नर गोबिंदा बहादुर ने सबसे वरिष्ठ सदस्य 73 साल के ओम प्रकाश साराबागी को शपथ दिलाई, इसके बाद ओम प्रकाश ने बाकी सदस्यों को शपथ दिलाई. 1 नंबर प्रदेश पर 93 में से 91 सदस्यों ने शपथ लिया, एक सदस्य देरी से पहुंचे जबकि एक ने अपने पेपर पर हस्ताक्षर किया. 2 नंबर प्रदेश जनकपुर में गवर्नर रत्नेश्वर लाल कायस्था ने वरिष्ठ सदस्य 77 साल के लांगंलाल चौधरी को शपथ दिलाई जिन्होंने बाद में शेष सदस्यों को शपथ दिलाई.

ऐसे ही शपथ 3 नंबर प्रदेश हेताउदा, 4 नंबर प्रदेश पोखरा, 5 नंबर प्रदेश बुटवल, 6 नंबर प्रदेश सुरखेत और 7 नंबर प्रदेश धनगाड़ी में भी शपथ की प्रक्रिया चली. पोखरा में एक सदस्य इसलिए शपथ नहीं ले सका क्योंकि कत्ल के केस में पुलिस उनकी तलाश कर रही है.

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