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दिल्ली लाकर कम उम्र की लड़कियों से कराया जा रहा देह व्यापार, नेपाल में बढ़ी चिंता!

नेपाल की कई लड़कियों को नौकरी का लालच देकर दिल्ली लाया जा रहा है और उन्हें देह व्यापार में धकेला जा रहा है. दिल्ली पुलिस ने नेपाल की कई लड़कियों को रेस्क्यू किया है जिनसे जबरन देह व्यापार कराया जा रहा था. लड़कियों ने बताया है कि उन्हें एक दिन में कई पुरुषों के साथ सोने के लिए मजबूर किया जाता था.

नेपाल की लड़कियों को भारत लाकर जबरन देह व्यापार कराया जा रहा है (Representational image- Reuters) नेपाल की लड़कियों को भारत लाकर जबरन देह व्यापार कराया जा रहा है (Representational image- Reuters)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 23 मार्च 2023,
  • अपडेटेड 8:00 AM IST

नेपाल की रहने वाली 16 साल की उमा तमांग (बदला हुआ नाम) कुछ महीने पहले तक अपने शहर पोखरा में एक कैफे में काम कर रही थी. इसी दौरान फेसबुक के जरिए आयुष आर्यन नाम के एक शख्स से उमा की दोस्ती हो गई. आयुष ने जब ये जाना कि उमा को पैसे की जरूरत है तो उसे भारत में अच्छी नौकरी की पेशकश की. आयुष ने उमा से कहा कि वो उसे एक ब्यूटी पार्लर में नौकरी दिलाएगा जिससे उसे हर महीने 30 हजार रुपये मिलेंगे. आयुष की बातों में आकर उमा भारत आ गई और सेक्स वर्क के दलदल में फंस गई.

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उमा ने बताया कि उन्हें लगा अच्छी नौकरी मिलने से उनके परिवार की स्थिति सुधर जाएगी इसलिए वो भारत चली आईं. काठमांडू पोस्ट से बातचीत में उन्होंने कहा, 'मैं उत्साहित थी. मेरी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है और मैं इसी कारण अपनी 10वीं की पढ़ाई भी पूरी नहीं कर पाई थी. इसलिए जब उसने मुझे दिल्ली में नौकरी देने की पेशकश की, तो मैंने उस पर भरोसा किया. उसने कहा कि वो हर महीने मुझे तीस हजार रुपये दिलाएगा.'

आयुष के बताए अनुसार, उमा पोखरा से काठमांडू गई जहां उसकी मुलाकात एक महिला से हुई जो उसे दिल्ली ले जाने वाली थी. उमा ने बताया, 'उसके साथ दो और लड़कियां थीं. हम सभी को एक साथ दिल्ली के लिए निकलना था.'

'मेरी जिंदगी एक बुरा सपना बन गई थी'

दिल्ली पहुंचने पर उमा को एक फ्लैट में ले जाया गया जहां पहले से ही बहुत सी नेपाली लड़कियां थीं. लड़कियों ने उसे बताया कि उसे ब्यूटी पार्लर में नौकरी के लिए नहीं बल्कि सेक्स वर्क के लिए दिल्ली लाया गया है.

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उमा ने बताया, 'जब मैंने यह सुना तो सबसे पहले मेरे दिमाग में आया कि मैं वहां से कैसे भाग जाऊं. लेकिन मुझे वहां से बच निकलने का कोई रास्ता नहीं मिला. उस फ्लैट की मकान मालकिन, जो मुझे लगता है कि एक नेपाली ही थी, उसने लड़कियों को धमकी दी कि अगर हमने उसकी बात को नहीं माना तो इसका नतीजा बुरा होगा. इसके बाद मुझे हर दिन 6-10 आदमियों के साथ सोना पड़ता था. मेरा जीवन एक बुरे सपने में बदल गया.'

दिल्ली पुलिस और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने मिलकर 18 मार्च को उमा समेत नौ नेपाली लड़कियों को सेक्स वर्क से छुड़ाया है. रेस्क्यू के बाद उमा ने सोमवार को दिल्ली स्थित नेपाली दूतावास में काठमांडू पोस्ट से अपनी आपबीती सुनाई. 

सेक्स वर्क के जाल से महिलाओं को छुड़ाने वाले सामाजिक कार्यकर्ता नवीन जोशी का कहना है कि दिल्ली सहित भारत के शहरों में, नेपाली लड़कियों को एजेंटों द्वारा लाया जा रहा है और उन्हें शहर में किराए पर फ्लैट देकर सेक्स वर्क के लिए मजबूर किया जा रहा है.

'हर दिन कई पुरुषों के साथ सोने के लिए मजबूर किया गया'

नेपाल के खोतांग की 17 वर्षीय लड़की चीमा राय (बदला हुआ नाम) को चार महीनों तक सेक्स वर्क के लिए मजबूर किया गया. चीमा का कहना है कि उसे हर दिन कई पुरुषों के साथ सोने के लिए मजबूर किया जाता था. एजेंटों ने उसे उसके काम के लिए कोई पैसा नहीं दिया और बीमार होने पर इलाज भी नहीं कराया.
 
वो बताती हैं, 'मुझे वे चार महीने बुरे सपने की तरह याद हैं. मैं उन्हें नहीं भूल सकती. वहां हर लड़की को स्वेच्छा से या जबरदस्ती हर महीने 180 से अधिक पुरुषों के साथ यौन संबंध बनाने के लिए मजबूर किया जाता था. उन्होंने कहा कि वो हमें इस काम के लिए हर महीने लाख रुपये देंगे लेकिन किसी को एक
पैसा नहीं दिया.'

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चीमा ने 11 वीं कक्षा के बाद कॉलेज छोड़ दिया था क्योंकि उसके पिता की मृत्यु हो गई थी और घर को चलाने के लिए उन्हें काम करना पड़ा. उन्होंने दो साल तक काठमांडू की एक वित्त कंपनी में काम किया. इसके बाद उन्हें सेनजी तमांग नाम की एक महिला मिली जिसने उन्हें भारत में अच्छी नौकरी का लालच
दिया. महिला ने कहा कि वो उसे भारत में हर महीने 25 हजार रुपये दिला सकती है.

चीमा ने कहा, 'जब मैं दिल्ली पहुंची, एजेंट ने मुझे सेक्स वर्क में शामिल होने के लिए मजबूर किया और धमकाया. उसने कहा कि अगर मैंने वो काम नहीं किया तो एजेंट मुझे ड्रग्स देगा और मुझे ग्राहकों के साथ संबंध बनाने को मजबूर करेगा.'

कैसे किया गया नेपाली लड़कियों को रेस्क्यू

करीब एक महीने पहले दिल्ली स्थित नेपाली दूतावास को काठमांडू से चार लड़कियों के लापता होने के संबंध में नेपाल से एक पत्र मिला था. पिछले तीन हफ्तों से, दूतावास लापता लड़कियों की तलाश के लिए दिल्ली पुलिस और विभिन्न सामाजिक संगठनों के साथ मिलकर काम कर रहा था.

दूतावास के काउंसलर और एसएसपी उमा प्रसाद चतुर्वेदी ने कहा कि दिल्ली पुलिस और कुछ सामाजिक संगठनों के सहयोग से पिछले शनिवार को फ्लैट से नौ लड़कियों और एक दो महीने के बच्चे को छुड़ाया गया. सभी लड़कियों की उम्र 16 से 18 साल के बीच थी.

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दो महीने का बच्चा भी छुड़ाया गया

दो महीने का बच्चा नुवाकोट की एक महिला ईशा तमांग का था जिन्हें वेश्यावृति के लिए मजबूर किया गया था. वो काम की तलाश में अपनी दो महीने की बेटी के साथ दिल्ली पहुंची थी. फिर कुछ लोगों ने अच्छी नौकरी दिलाने का वादा किया और उसे बंधक बना लिया गया. उन लोगों ने उसे जबरन सेक्स वर्क में धकेल दिया. ईशा ने कहा, 'मैं अपनी किस्मत का शुक्रिया अदा करती हूं कि मैं बच गई.'

सामाजिक कार्यकर्ता जोशी ने कहा कि पुलिस ने तीन संदिग्ध फ्लैटों पर छापा मारा और गायब हुई चार लड़कियों का पता लगाया. उन्होंने कहा कि नेपाल की लड़कियों को झांसा देकर भारत लाया जा रहा है और वेश्यावृति के लिए मजबूर किया जा रहा है. उन्होंने कहा, 'महिलाओं को ऐसी जगह रखा जा रहा है जिससे उनका पता लगा पाना बेहद मुश्किल काम है.'

दूतावास के उमा प्रसाद चतुर्वेदी ने कहा कि दलाल और एजेंट ज्यादातर खराब आर्थिक स्थिति की युवा और कमजोर लड़कियों को निशाना बनाते हैं. उन्होंने कहा, 'वे उन लड़कियों को बहला-फुसलाकर सीमा पर ले जाते हैं और अवैध तरीके से भारत में प्रवेश करते हैं.' 

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