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सीरिया के पूर्व राष्ट्रपति असद के तलाक की खबरें फर्जी, रूस ने तुर्की मीडिया रिपोर्ट्स को किया खारिज

क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने तुर्की मीडिया की उन रिपोर्ट्स को भी खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि असद को मॉस्को तक ही सीमित कर दिया गया है और उनकी संपत्ति जब्त कर ली गई है. रिपोर्ट्स को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, 'इनका वास्तविकता से कोई संबंध नहीं है.'

अस्मा अल-असद और बशर अल-असद (फाइल फोटो) अस्मा अल-असद और बशर अल-असद (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • मॉस्को,
  • 23 दिसंबर 2024,
  • अपडेटेड 5:29 PM IST

रूस के राष्ट्रपति कार्यालय क्रेमलिन ने मॉस्को में सीरिया के अपदस्थ राष्ट्रपति बशर अल-असद और उनकी पत्नी को लेकर तुर्की मीडिया रिपोर्ट्स को खारिज कर दिया. तुर्की और अरब के मीडिया ने रविवार को दावा किया था कि अस्मा अल-असद ने रूस में तलाक के लिए अर्जी दी है.

क्रेमलिन ने रिपोर्ट्स को किया खारिज

क्रेमलिन ने सोमवार को तुर्की मीडिया की उन रिपोर्ट्स को खारिज कर दिया, जिनमें कहा जा रहा था कि सीरिया के पूर्व राष्ट्रपति बशर अल-असद की ब्रिटिश मूल की पत्नी अस्मा अल-असद तलाक लेना चाहती हैं और रूस छोड़ना चाहती हैं.

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क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने तुर्की मीडिया की उन रिपोर्ट्स को भी खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि असद को मॉस्को तक ही सीमित कर दिया गया है और उनकी संपत्ति जब्त कर ली गई है. रिपोर्ट्स को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, 'इनका वास्तविकता से कोई संबंध नहीं है.'

'लंदन जाना चाहती हैं अस्मा'

तुर्की मीडिया की रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि अस्मा मॉस्को में खुश नहीं हैं और लंदन जाना चाहती हैं. विद्रोही गुटों द्वारा सीरिया में तख्तापलट के बाद बशर अल-असद अपने परिवार के साथ रूस भाग गए थे. व्लादिमीर पुतिन ने उन्हें अपने देश में राजनीतिक शरण दी है.

बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, अस्मा के पास ब्रिटेन और सीरिया की दोहरी नागरिकता है. वह लंदन में सीरियाई माता-पिता के यहां जन्मी थीं. अस्मा 2000 में सीरिया चली गईं और उसी साल 25 साल की उम्र में उन्होंने असद से शादी कर ली.

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असद के 24 साल के शासन का अंत

सऊदी और तुर्की मीडिया की रिपोर्टों के अनुसार, बशर अल-असद के भाई, माहेर अल-असद को रूस में शरण नहीं दी गई है और उनके अनुरोध की अब भी समीक्षा की जा रही है. माहेर और उनका परिवार रूस में नजरबंद हैं. हयात तहरीर अल-शाम (HTS) के नेतृत्व में विद्रोही बलों ने दिसंबर की शुरुआत में राजधानी दमिश्क में प्रेसिडेंशियल पैलेस पर कब्जा कर लिया था और इसी के साथ बशर अल-असद के 24 वर्षों के शासन का अंत हो गया था.

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