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UN की मीटिंग में कैसे शामिल हो गया भगोड़े नित्यानंद का देश 'कैलासा'?

भगोड़े अपराधी नित्यानंद के देश 'कैलासा' ने संयुक्त राष्ट्र की एक बैठक में शामिल होने का दावा किया है. नित्यानंद पर दुष्कर्म जैसे गंभीर आरोप हैं. जेनेवा में हुई इस मीटिंग में कैलासा की प्रतिनिधि ने भारत पर 'सताने' का आरोप लगाया है. पर सवाल ये है कि काल्पनिक देश कैलासा का प्रतिनिधि संयुक्त राष्ट्र में मीटिंग में कैसे पहुंच गया?

नित्यानंद और कथित कैलासा की प्रतिनिधि विजयप्रिया. (फाइल फोटो- ट्विटर) नित्यानंद और कथित कैलासा की प्रतिनिधि विजयप्रिया. (फाइल फोटो- ट्विटर)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 28 फरवरी 2023,
  • अपडेटेड 6:01 PM IST

नित्यानंद को तो जानते ही होंगे आप. दुष्कर्म का आरोपी और भगोड़ा. 2019 में भारत से भाग गया था. वो खुद के भगवान होने का दावा करता है. उसने अपना देश 'कैलासा' बनाने का दावा भी किया था. अब उसी कथित 'यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ कैलासा' की प्रतिनिधि अंतरराष्ट्रीय मंच पर दिखाई दी है. 

दरअसल, उसी भगोड़े नित्यानंद ने एक ट्वीट किया है. उसके इस ट्वीट के मुताबिक, उसके यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ कैलासा की सदस्य ने संयुक्त राष्ट्र की एक मीटिंग में हिस्सा लिया है. ये मीटिंग जेनेवा में हुई थी. 

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उसने ट्वीट किया, 'यूएन जेनेवा में यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ कैलासा. जेनेवा में यूएन की इकोनॉमिक, सोशल एंड कल्चरल राइट्स एंड सस्टेनेबल डेवलपमेंट पर चर्चा में यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ कैलासा ने हिस्सा लिया.'

संयुक्त राष्ट्र की मीटिंग में कथित कैलासा की जिस प्रतिनिधि ने हिस्सा लिया, उसका नाम विजयप्रिया नित्यानंद है. वो खुद को संयुक्त राष्ट्र में कैलासा की 'परमानेंट एम्बेसेडर' बताती है. यूएन की इस मीटिंग में विजयप्रिया ने भारत पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया.

विजयप्रिया ने नित्यानंद को हिंदू धर्म का 'सर्वोच्च गुरु' बताया और आरोप लगाया कि उसे सताया जा रहा है. विजयप्रिया ने संयुक्त राष्ट्र के मंच पर कहा कि नित्यानंद को अपने देश में उपदेश देने और वापस आने नहीं दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि नित्यानंद और कैलासा की 20 लाख हिंदू प्रवासी आबादी के उत्पीड़न को रोकने के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उपाय किए जाएं.

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लेकिन कैलासा का प्रतिनिधि संयुक्त राष्ट्र में कैसे?

- कैलासा की ओर से विजयप्रिया नित्यानंद के संयुक्त राष्ट्र की मीटिंग में हिस्सा लेने पर बवाल हो रहा है. सवाल उठ रहे हैं कि कैसे एक काल्पनिक देश का प्रतिनिधि संयुक्त राष्ट्र की किसी मीटिंग में हिस्सा ले सकता है.

- दरअसल, संयुक्त राष्ट्र की इस मीटिंग में मानवाधिकार उल्लंघन पर चर्चा होती है. इसमें कोई भी व्यक्ति या समूह या संस्था जाकर अपनी बात रख सकती है.

- संयुक्त राष्ट्र की वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के मुताबिक, अगर किसी व्यक्ति या संस्था को लगता है कि अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संधि के तहत मिले अधिकारों का उल्लंघन हो रहा है या उत्पीड़न हो रहा है, तो वो यहां जाकर अपना दावा कर सकता है. 

- वेबसाइट पर बताया गया है कि अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संधियों के तहत आने वाली शिकायतें की जा सकती हैं. कुल मिलाकर संयुक्त राष्ट्र ने 9 मानवाधिकार संधियां बनाई हैं, जिसके तहत मिले अधिकारों के उल्लंघन से जुड़े दावे किए जा सकते हैं.

1. सिविल और पॉलिटिकल राइट्स.
2. टॉर्चर, क्रूर, अमानवीय या अपमानजनक बर्ताव.
3. नस्लीय भेदभाव.
4. लैंगिक भेदभाव.
5. दिव्यांगों को मिले अधिकारों का उल्लंघन.
6. लापता लोगों की सुरक्षा. 
7. प्रवासी मजदूरों और उनके परिवारों के अधिकारों का उल्लंघन.
8. आर्थिक, सामाजिक या सांस्कृतिक अधिकारों का उल्लंघन.
9. बच्चों के अधिकार.

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नित्यानंद खुद को भगवान बताता है. (फाइल फोटो- ट्विटर)

कौन है नित्यानंद?

- नित्यानंद का जन्म 1 जनवरी 1978 को तमिलनाडु में हुआ था. उसके पिता का नाम अरुणाचलम और मां का नाम लोकनायकी है. 

- नित्यानंद ने 1992 में स्कूली पढ़ाई खत्म की. 1995 में मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की. दावा है कि 12 साल की उम्र से ही उसने रामकृष्ण मठ में शिक्षा लेना शुरू कर दिया था.

- 1 जनवरी 2003 को नित्यानंद ने अपना पहला आश्रम बेंगलुरु के पास बिदादी में खोला. उसके बाद उसने कई आश्रम खोले. 

- साल 2010 में नित्यानंद पर धोखाधड़ी और अश्लीलता का मामला दर्ज किया गया. उसकी एक सेक्स सीडी सामने आई थी. मामले में नित्यानंद को गिरफ्तार भी किया गया था, लेकिन कुछ ही दिन में उसे जमानत मिल गई थी.

- साल 2012 में नित्यानंद पर दुष्कर्म का मामला दर्ज हुआ. इसके बाद नवंबर 2019 में फिर से उस पर दो लड़कियों के अपहरण और उन्हें बंदी बनाने का मामला दर्ज हुआ. 

संयुक्त राष्ट्र में कथित यूनाइडेट स्टेट्स कैलासा की प्रतिनिधि. (फोटो- ट्विटर)

'कैलासा' क्या है?

- गिरफ्तारी के डर से नित्यानंद फरार हो गया. उसे भगोड़ा घोषित किया गया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दक्षिण अमेरिका के इक्वाडोर में उसने जमीन खरीदी और इसे अपना देश घोषित कर दिया.

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- नित्यानंद ने इस देश का नाम 'कैलासा' रखा और इसे 'हिंदू राष्ट्र' बताया. कैलासा की वेबसाइट के मुताबिक, अमेरिका में कैलासा आंदोलन की शुरुआत हुई थी.

- दावा किया गया है कि ये दुनियाभर में सताए गए हिंदुओं को सुरक्षा देता है. यहां जाति, लिंग का भेदभाव किए बिना शांति से सभी हिंदू रहते हैं. 

नित्यानंद 2019 में भाग गया था. (फाइल फोटो- ट्विटर)

- संयुक्त राष्ट्र में विजयप्रिया नित्यानंद ने दावा कि यहां 20 लाख अप्रवासी हिंदू रहते हैं. उन्होंने ये भी दावा किया कि 150 देशों में कैलासा ने एम्बेसी और एनजीओ स्थापित किए हैं.

- वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के मुताबिक, कैलासा में अंग्रेजी, संस्कृति और तमिल भाषा बोली जाती है. देश का राष्ट्रीय पशु 'नंदी' है. वहीं, राष्ट्रीय ध्वज 'ऋषभ ध्वज' है. कैलासा के झंडे पर नित्यानंद की तस्वीर भी लगी है. देश का राष्ट्रीय फूल 'कमल' और राष्ट्रीय पेड़ 'बरगद' है.

- इतना ही नहीं, कैलासा का अपना संविधान होने का दावा भी किया गया है. कैलासा का रिजर्व बैंक और करंसी भी है.

 

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