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हिंदुओं को नागरिकता दे रहा नित्यानंद का 'कैलासा', सिटीजनशिप लेने के लिए करना होगा बस ये काम

भारत से भागने वाला और अपना देश बनाने का दावा करने वाला नित्यानंद अब अपने देश की नागरिकता बांट रहा है. उसने सोशल मीडिया पर एक के बाद एक कई पोस्ट कर हिंदू धर्म को मानने वाले लोगों से ई-नागरिकता लेने की अपील की है. उन्होंने इसकी प्रक्रिया भी बताई है.

नित्यानंद और उसके नागरिक. (File Photo) नित्यानंद और उसके नागरिक. (File Photo)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 05 मार्च 2023,
  • अपडेटेड 3:45 PM IST

दुष्कर्म के आरोप में फरार चल रहा नित्यानंद इन दिनों अपने तथाकथित देश कैलासा की नागरिकता बांट रहा है. इसके लिए बकायदा वैरिफाइड सोशल मीडिया अकाउंट से पोस्ट शेयर कर लोगों से नागरिकता लेने की अपील की जा रही है. इसमें लोगों से कहा जा रहा है कि अगर आप अगर आप हिंदू धर्म का पालन करते हैं या हिंदू विचारधारा वाले समूह से जुड़ना चाहते हैं तो मुफ्त में कैलासा की E-नागरिकता ले सकते हैं. इसे लेकर आप एक वैश्विक हिंदू परिवार का हिस्सा बन सकते हैं.

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कैलासा के ऑफिशियल अकाउंट से नागरिकता को लेकर कई ट्वीट किए गए हैं. नागरिकता के लिए जो लिंक दी गई है, उस पर क्लिक करने के बाद एक पेज ओपन होता है. इसमें सबसे पहले कॉलम में नाम, फिर ई-मेल, एड्रेस, शहर, स्टेट, देश, प्रोफेशन और फिर फोन नंबर जैसे विकल्प हैं. नागरिकता लेने के लिए यह सारी जानकारियां मांगी जा रही है.

कैलासा के पेज पर दावा किया जा रहा है कि इस तरह कैलासा की नागरिकता ली जा सकती है. हालांकि, इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है कि सिटीजनशिप लेने के बाद कोई कैलासा कैसे पहुंच सकता है और क्या वहां पर ही बसा जा सकता है?

क्यों पड़ी कैलासा बनाने की जरूरत?

रेप का आरोप लगने के बाद नित्यानंद डरकर देश से फरार हो गया. उसे भगोड़ा घोषित कर दिया गया. इसके बाद उसने दक्षिणी अमेरिका के इक्वाडोर देश में जाकर जमीन का एक टुकड़ा खरीद लिया और इसे अपना देश घोषित कर दिया. देश का नाम 'कैलासा' रखा गया. नित्यानंद इसे 'हिंदू राष्ट्र' बताता है. कैलासा की वेबसाइट का दावा है कि इस देश में दुनियाभर में सताए गए हिंदुओं को सुरक्षा दी जाती है. यहां रहने वाले हिंदू जाति, लिंग का भेद किए बिना शांति से रहते हैं. कैलासा का रिजर्व बैंक, खुद की करंसी और अपना अलग संविधान होने का भी दावा है.

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आखिर यह नित्यानंद कौन है?

नित्यानंद का जन्म 1 जनवरी 1978 को तमिलनाडु में हुआ था. उसके पिता का नाम अरुणाचलम और मां का नाम लोकनायकी है. नित्यानंद ने 1992 में स्कूली पढ़ाई खत्म की. 1995 में मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की. दावा है कि 12 साल की उम्र से ही उसने रामकृष्ण मठ में शिक्षा लेना शुरू कर दिया था. 1 जनवरी 2003 को नित्यानंद ने अपना पहला आश्रम बेंगलुरु के पास बिदादी में खोला. उसके बाद उसने कई आश्रम खोले. 2010 में नित्यानंद पर धोखाधड़ी और अश्लीलता का मामला दर्ज किया गया. उसकी एक सेक्स सीडी सामने आई थी. मामले में नित्यानंद को गिरफ्तार भी किया गया था, लेकिन कुछ ही दिन में उसे जमानत मिल गई. साल 2012 में नित्यानंद पर दुष्कर्म का मामला दर्ज हुआ. इसके बाद नवंबर 2019 में फिर से उस पर दो लड़कियों के अपहरण और उन्हें बंदी बनाने का मामला दर्ज हुआ.

2019 में देश छोड़कर हुआ फरार

नित्यानंद 2010 में उस समय पहली बार विवादों में आया था, जब उसका एक आपत्तिजनक वीडियो वायरल हुआ था. इस वीडियो में नित्यानंद को एक तमिल अभिनेत्री के साथ आपत्तिजनक अवस्था में देखा गया था. नित्यानंद पर तमिलनाडु के एक दंपति ने आरोप लगाए था कि उसने उनके बच्चों को गैरकानूनी रूप से कब्जे में ले लिया है. उन्हें लेकर नित्यानंद अपने अहमदाबाद के आश्रम में चला गया है. इसके बाद पुलिस ने नित्यानंद पर अपहरण, गैरकानूनी रूप से बच्चों को कब्जे में लेने की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था. साल 2019 में वह भारत छोड़कर फरार हो गया था. इसके बाद उसने एक वीडियो जारी कर दावा किया कि उसकी जान लेने की कोशिश की गई, जिस वजह से उसे देश छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा. नित्यानंद ने दावा किया था कि भारत में कई बार उसकी हत्या की कोशिश की गई थी.

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