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निज्जर हत्याकांड के आरोपियों को जमानत नहीं, कनाडा की अदालत ने दिया यह आदेश

खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या मामले में सभी चार आरोपियों को जमानत नहीं दी है. अब इस मामले में अगली सुनवाई 11 फरवरी को होगी. ब्रिटिश कोलंबिया की एक अदालत ने अपने आदेश में चारों आरोपियों को जरूरी हिरासत में रखने का आदेश दिया था. कोर्ट का कहना है कि मुकदमा शुरू होने तक सभी आरोपी हिरासत में रहेंगे.

खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर. (फाइल फोटो) खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर. (फाइल फोटो)
सुबोध कुमार
  • नई दिल्ली,
  • 10 जनवरी 2025,
  • अपडेटेड 11:43 PM IST

खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या मामले में सभी चार आरोपियों को जमानत की खबरों के बीच ब्रिटिश कोलंबिया की एक अदालत ने चार भारतीय नागरिकों को जरूर हिरासत में रखने का आदेश दिया है. अब इस मामले में अगले महीने फरवरी में सुनवाई होगी.

आरोपियों को 11 फरवरी, 2025 को एक केस मैनेजमेंट कॉन्फ्रेंस के लिए उपस्थित रहना होगा. प्री-ट्रायल एप्लिकेशन पर विचार किया जाएगा और नए साल शुरुआत में ट्रायल की तारीखें तय होने की उम्मीद है.

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हिरासत में हैं सभी आरोपी

अदालत द्वारा लगाए गए हिरासत आदेश ये सुनिश्चित करते हैं कि मुकदमा शुरू होने तक आरोपी हिरासत में रहेंगे. हालांकि, एक न्यायाधीश ने बाद में जमानत याचिका की समीक्षा कर सकता है. लेकिन हत्या के गंभीर आरोपों और साजिश की वजह से जमानत की संभावनाएं कम हैं.

आरोपियों को रिहा कर दिए जाने की हालिया रिपोर्ट को संबोधित करते हुए सेमुर ने गुरुवार को साफ किया कि वे (आरोपी) अभी-भी हिरासत में हैं.

सेमुर के अनुसार, सभी चार आरोपी व्यक्ति ब्रिटिश कोलंबिया अदालत द्वारा लगाए गए जरूरी हिरासत आदेशों के तहत हिरासत में हैं. फिलहाल अभियुक्तों के लिए कोई जमानत सुनवाई निर्धारित नहीं है और वह जेल में हैं.

एक नए बयान से पहले हिरासत के रिकॉर्ड से पता चलता है कि आरोपी हिरासत में नहीं थे, इसलिए इस मामले पर स्पष्टीकरण की जरूरत है. जबकि अदालत के रिकॉर्ड में आरोपियों की हिरासत की स्थिति को 'एन' के रूप में दिखाया गया. जिससे पता चलता है कि उन्हें हिरासत में नहीं लिया गया था. हालांकि, सेमुर के बयान पुष्टि करता है कि आरोपी हिरासत में ही हैं.

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वहीं, ये मामला ब्रिटिश कोलंबिया न्याय सिस्टम के अंदर कानूनी और हिरासत को स्पष्ट करने वाले शब्द की जटिलता को सामने रखता है.

भारत-कनाडा के रिश्तों में आया तनाव

आपको बता दें कि हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद से भारत और कनाडा के बीच राजनयिक रिश्ते तनावपूर्ण बने हुए हैं. कनाडा के पूर्व प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने निज्जर की हत्या में भारत सरकार के एजेंटों की संलिप्तता का आरोप लगाया था. हालांकि, भारत ने ट्रूडो के दावों को खारिज करते हुए बेतुका और राजनीति से प्रेरित बताया था. 

वहीं, भारत लंबे वक्त से कनाडा पर खालिस्तान आंदोलन के तत्वों और समर्थकों के लिए सुरक्षित पनाह देने का आरोप लगाता रहा है. इसी मुद्दे को लेकर दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध सबसे निचले स्तर पर पहुंच गए हैं.

MEA ने खारिज किए कनाडा के आरोप

भारत के विदेश मंत्रालय ने मामले के संबंध में भारतीय नागरिकों की गिरफ्तारी के बाद भी हत्या के संबंध में पुख्ता सबूत या फॉर्मल कम्युनिकेशन प्रदान करने में नाकाम रहने के लिए कनाडा की आलोचना की थी.

इस सबके इतर निज्जर हत्या मामले की जांच कर रही ब्रिटिश कोलंबिया में इंटीग्रेटेड होमिसाइड इन्वेस्टिगेशन टीम (IHIT) ने आरोपियों पर हत्या और हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया है. हालांकि, कनाडा के  अधिकारियों ने मीडिया में चल रही अटकलों के बावजूद भारतीय लिंक के दावों को साबित करने के लिए सार्वजनिक रूप से कोई सबूत पेश नहीं किया है.

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