Advertisement

तेल में लगेगी आग? भारत की मुश्किल बढ़ेगी, ट्रंप ने खड़े किए हाथ

अमेरिका ने सोमवार को कहा कि वह भारत को ईरान के सस्ते तेल का आयात रोकने से होने वाले नुकसान की भरपाई के लिये भारत को कम दरों पर कच्चा तेल बेचने का भरोसा नहीं दे सकता है.

भारत में महंगा हो सकता पेट्रोल-डीजल भारत में महंगा हो सकता पेट्रोल-डीजल
अमित कुमार दुबे
  • नई दिल्ली,
  • 07 मई 2019,
  • अपडेटेड 8:59 AM IST

ईरान से तेल खरीदने पर बैन के बीच भारत को अमेरिका से राहत की उम्मीद थी. लेकिन अब इस मसले पर अमेरिका का बयान भारत के लिए किसी झटके से कम नहीं है. अमेरिका ने सोमवार को कहा कि वह भारत को ईरान के सस्ते तेल का आयात रोकने से होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए भारत को कम दरों पर कच्चा तेल बेचने का भरोसा नहीं दे सकता है.

Advertisement

अमेरिका के वाणिज्य मंत्री विलबर रॉस ने नई दिल्ली में कहा, 'कच्चा तेल निजी क्षेत्र के हाथों में है और सरकार उन्हें सस्ते दर पर बेचने के लिए बाध्य नहीं कर सकती है.'

दरअसल अमेरिका द्वारा ईरान पर लगाए गए प्रतिबंध से मिल रही छूट के समाप्त होने के बाद भारत ने इस महीने से ईरान से कच्चा तेल मंगाना बंद कर दिया है. ईरान से कच्चा तेल मंगाना भारतीय परिशोधन संयंत्रों के लिए फायदेमंद होता है. ईरान खरीदारों को भुगतान के लिए 60 दिन का समय देता है. यह सुविधा अन्य विकल्पों सउदी अरब, कुवैत, इराक, नाइजीरिया और अमेरिका के साथ उपलब्ध नहीं है.

रॉस ने वित्त मंत्री अरुण जेटली से मुलाकात करने के बाद कहा, 'ईरान एक समस्या है, अगर आपने आतंकवाद की हालिया घटनाओं को देखा होगा और हमें हर ऐसा कदम उठाना चाहिए जो हम आतंकवाद के खिलाफ उठा सकते हैं.' भारत में अमेरिका के राजदूत केनेथ जस्टर ने कहा, 'अमेरिका कच्चा तेल की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिये सउदी अरब समेत अन्य देशों के साथ काम कर रहा है.'

Advertisement

उल्लेखनीय है कि भारत चीन के बाद ईरान के कच्चा तेल का दूसरा बड़ा खरीदार रहा है. पिछले वित्त वर्ष में भारत ने ईरान से 240 लाख टन कच्चा तेल खरीदा, यह भारत की कुल जरूरत का 10 प्रतिशत है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement