
भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश में अराजकता की स्थिति बनी हुई है. प्रधानमंत्री शेख हसीना ने पद से इस्तीफा दे दिया है और सोमवार शाम से ही वो भारत के गाजियाबाद स्थित हिंडन एयरबेस पर सेफ हाउस में हैं. इसी बीच छात्र आंदोलन के प्रमुख आयोजको ने बांग्लादेश के नोबेल पुरस्कार विजेता डॉ. मोहम्मद यूनुस को अंतरिम सरकार का मुख्य सलाहकार बनाने का प्रस्ताव दिया है. शेख हसीना के आलोचक रहे डॉ. यूनुस ने उनके देश छोड़ने के बाद एक इंटरव्यू भी दिया है जिसमें उन्होंने कहा है कि छात्र आंदोलन बांग्लादेश का दूसरा मुक्ति संग्राम है.
'द प्रिंट' से बात करते हुए डॉ. यूनुस ने शेख हसीना के सत्ता छोड़ देश से चले जाने पर कहा, 'हम मुक्त हो गए हैं और अब हम एक आजाद देश हैं. जब तक वो यहां थीं, हम कब्जे में थे. वो एक कब्जा करने वाली शक्ति, एक तानाशाह, एक सेनापति की तरह व्यवहार कर रही थीं, वो सब कुछ नियंत्रित कर रही थीं.'
डॉ. यूनुस ने आगे कहा, 'आज बांग्लादेश के सभी लोग आजाद महसूस कर रहे हैं. यह हमारे लिए दूसरे मुक्ति संग्राम की तरह है. '
बांग्लादेश के लाखों लोगों को गरीबी से निकालने वाले यूनुस ने साल 1983 में ग्रामीण बैंक की स्थापना की थी जो गरीबों को अपना लघु उद्योग शुरू करने के लिए कर्ज देता है.
बांग्लादेश की तर्ज पर इस तरह के बैंक दुनियाभर में खोले गए. बांग्लादेश के लाखों गरीब लोगों को आर्थिक मदद मुहैया कराने के लिए 2006 में मोहम्मद यूनुस और उनके बैंक को नोबेल शांति पुरस्कार दिया गया.
शेख हसीना यूनुस पर 'गरीबों का खून चूसने' का आरोप लगाती रही हैं. उनका कहना है कि यूनुस की तरफ से शुरू किए गए ग्रामीण बैंक गरीबों से अत्यधिक ब्याज वसूलते हैं. शेख हसीना की आवामी लीग सरकार ने डॉ. यूनुस पर 190 मामले दर्ज किए हैं. हाल ही में यूनुस पर भ्रष्टाचार का एक अभियोग चलाया गया. यूनुस के समर्थकों का मानना है कि ये अभियोग राजनीति से प्रेरित है.
'पिता की विरासत को शेख हसीना ने बर्बाद किया'
यूनुस ने इंटरव्यू में कहा कि शेख हसीना ने अपने पिता और बांग्लादेश के राष्ट्रपिता कहे जाने वाले शेख मुजीबुर्रहमान की विरासत को बर्बाद कर दिया है.
बांग्लादेश में हो रही हिंसा को ठहराया जायज?
यूनुस बांग्लादेश में हो रही हिंसा को जायज ठहराते दिखे. उन्होंने कहा कि देश में जो हिंसा और तोड़-फोड़ हो रही है, वो शेख हसीना के खिलाफ लोगों को गुस्सा है. उन्होंने यह भी उम्मीद जताई कि यही छात्र और युवा भविष्य में बांग्लादेश को सही दिशा में ले जाएंगे.
बांग्लादेश के अखबार डेली स्टार की एक रिपोर्ट के मुताहिक, यूनुस ने अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार बनने के प्रस्ताव पर अपनी सहमति दे दी है.
बांग्लादेश की स्थिति पर भारत की प्रतिक्रिया से नाराज यूनुस
इससे पहले यूनुस ने बांग्लादेश में चल रहे छात्रों के प्रदर्शन पर भारत की प्रतिक्रिया को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की थी. उन्होंने कहा था कि बांग्लादेश में मचा उथल-पुथल पड़ोसी देशों में भी फैल सकता है.
दरअसल, पिछले महीने भारत ने बांग्लादेश में चल रहे प्रदर्शनों पर टिप्पणी से इनकार करते हुए कहा था, 'हम इसे बांग्लादेश के घरेलू मामले के रूप में देखते हैं.'
भारत की इस टिप्पणी से नाराज डॉ. यूनुस ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा, 'जब भारत कहता है कि यह घरेलू मामला है, तो मुझे दुख होता है. अगर आपके भाई के घर में आग लगी है तो आप उसे घरेलू मामला कैसे बता सकते हैं? कूटनीति में बहुत सी चीजें आती हैं और ये नहीं कहा जा सकता कि ये उनका घरेलू मसला है.'
यूनुस ने कहा कि बांग्लादेश में लोग संघर्ष का सामना कर रहे हैं, युवा सरकारी बलों द्वारा मारे जा रहे हैं और कानून व्यवस्था बिगड़ती जा रही है. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि बांग्लादेश में मचा उथल-पुथल बस इसकी सीमाओं तक ही सीमित नहीं रहेगा बल्कि पड़ोसी देशों को भी प्रभावित करेगा.