
उत्तर कोरिया ने लगभग ढाई महीने की खामोशी के बाद बुधवार को अपने सबसे ताकतवर हथियार को जापान सागर में फायर किया. उत्तर कोरिया की इस अंतरद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल के दायरे में वाशिंगटन समेत अमेरिका के पूर्वी समुद्रीय तट इलाके भी आते हैं. कोरियाई अधिकारियों ने इसकी पुष्टि की है. वहीं मिसाइल टेस्ट के दौरान उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन जोर जोर से हंसते हुए नजर आया. उत्तर कोरिया ने इस मिसाइल Hwasong-15 टेस्ट से जुड़ी तस्वीरें जारी की हैं.
जारी हुए फोटोज में किम हंसता हुआ इस टेस्ट को सेलिब्रेट करते हुए दिख रहा है. उत्तर कोरिया में वैसे ही इन मिसाइल टेस्ट को देश के स्वाभिमान से जोड़ते हुए गर्व की बात माना जाता रहा है. एक स्टेटमेंट के अनुसार इस टेस्ट से उत्तर कोरिया में हर्ष की लहर है कि उनका न्यूक्लियर शक्ति बनने का मिशन पूरा हुआ.
काफी घातक है यह मिसाइल
मिसाइल टेस्ट के बारे में न्यूज एजेंसी एपी ने रॉकेट एक्सपर्ट से बात की. रिपोर्ट के अनुसार Hwasong-15 जुलाई में टेस्ट हुए Hwasong-14 से बड़ा दिखाई दे रहा है. वहीं फोटोज जारी होने के बाद कैलिफोर्निया के सेंटर फॉर नॉनप्रोलिफरेशन स्टडीज के रिसर्चर माइकल डियुट्समैन ने ट्वीट करते हुए कहा था कि यह काफी बड़ी मिसाइल है.
इस तरह की मिसाइल बनाने की क्षमता काफी कम देशों के पास ही है. आपको बता दें किे मिसाइल का बड़ा होना जरूरी है कि क्योंकि अमेरिका तक पहुंचने के लिए मिसाइल में काफी फ्यूल भरना होगा. डियुट्समैन के अनुसार इस नए इंटर कॉन्टिनेनटल बैलिस्टिक मिसाइल के इंजन में भी बदलाव किया गया है.
लॉन्चर भी खास
उत्तर कोरिया के Hwasong-15 मिसाइल के लिए खास लॉन्चर गाड़ी की भी व्यवस्था की गई थी. उत्तर कोरिया के अनुसार Hwasong-15 मिसाइल के लिए खास डोमेस्टिक इलेक्टर लॉन्चर का प्रयोग किया गया. इस लॉन्चर के घर पर ही तैयार होने से उत्तर कोरिया को अब चीन पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा. इंटरनेशनल प्रेशर को देखते हुए यह उत्तर कोरिया के लिए अच्छी खबर है. डोमेस्टिक इलेक्टर लॉन्चर गाड़ी टीइएल से Hwasong-15 मिसाइल को कहीं भी ले जाना आसान है और इस वजह से इसे लॉन्च से पहले तबाह करना और भी मुश्किल हो जाएगा.
उत्तर कोरिया का दावा है कि Hwasong-15 बड़े सुपर हेवी न्यूक्लियर बम ले जाने के काबिल है. इससे अमेरिका तक निशाना साधा जा सकता है. इस मिसाइल के नोक भी काफी बड़ी है, जिससे इस दावे को बल मिल रहा है. हालांकि आपको बता दें कि मिसाइल जितनी भारी होगी, उसकी रेंज उतनी कम होती जाती है. मिसाइल एक्सपर्ट माइकल इलेमैन के अनुसार अगर दावे के अनुसार Hwasong-15 13,000 किमी मारक क्षमता से लैस है तो उसका पलोड करीब 150 किलो के बराबर होना चाहिए. यह नॉर्थ कोरिया के किसी भी न्यूक्लियर बम से कम वजन है. अमेरिका के वेस्ट कोस्ट पहुंचने के लिए उत्तर कोरिया को मिसाइल का वजन 500 किलो से कम रखना होगा. ऐसे में अगर उत्तर कोरिया अमेरिका तक अपनी पहुंच बनाना चाहता है तो उसे अपने न्यूक्लियर बम का वजन कम से कम 350 किलो से कम रखना होगा.