
रूस और यूक्रेन युद्ध के बीच राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल रूस के दो दिवसीय दौरे पर हैं. उनका यह दौरा बुधवार से शुरू हुआ था. उन्होंने गुरुवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की. इस दौरान दोनों के बीच कई मामलों पर व्यापक चर्चा हुई, जिसमें दोनों पक्षों के बीच रणनीतिक साझेदारी को जारी रखने पर सहमति बनी.
मॉस्को में भारतीय दूतावास ने ट्वीट कर बताया कि एनएसए अजीत डोभाल ने राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात की. इस दौरान दोनों के बीच द्विपक्षीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा हुई. भारत-रूस रणनीतिक साझेदारी को बनाए रखने पर भी सहमति बनी.
पुतिन से किन मुद्दों पर चर्चा हुई?
डोभाल अफगानिस्तान पर सुरक्षा परिषदों के सचिवों/एनएसए की पांचवीं बैठक में शिरकत करने क लिए बुधवार को मॉस्को पहुंचे थे. एनएसए डोभाल ने कहा कि कोई भी देश अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल आतंक फैलाने के लिए नहीं कर सकता. उन्होंने यह भी कहा कि अफगानिस्तान के लोगों की भलाई और मानवीय जरूरतें भारत की सर्वोच्च प्राथमिकता है.
उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान एक कठिन दौर से गुजर रहा है और जरूरत के समय में भारत अफगान लोगों को कभी नहीं छोड़ेगा. भारत ने अफगानिस्तान में संकट के समय 40,000 मीट्रिक टन गेहूं, 60 टन दवाइयां, पांच लाख कोविड टीके भेजकर मदद की है.
एनएसए ने कहा कि आतंकवाद क्षेत्र के लिए बड़ा खतरा बन गया है. लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों से निपटने के लिए सदस्य देशों के बीच सुरक्षा सहयोग बढ़ाने की जरूरत है.
एनएसए डोभाल से तीन महीने पहले विदेश मंत्री एस. जयशंकर भी रूस दौरे पर जा चुके हैं. इस दौरान दोनों पक्षों के बीच आर्थिक मोर्चे पर कई सहमतियां बनी थी.
भारत और रूस के अलावा इस बैठक में ईरान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, चीन, तजाकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान के प्रतिनिधियों ने शिरकत की. डोभाल का यह रूस दौरा नई दिल्ली में G-20 के विदेश मंत्रिों की बैठक से पहले हुआ है.
रूस के विदेश मंत्री सर्गेइ लावरोव एक और दो मार्च को भारत के दौरे पर आ सकते हैं.