
चीन ने एनएसजी में भारत का समर्थन करने के मुद्दे पर कहा कि पाकिस्तान के मुकाबले भारत का परमाणु रिकॉर्ड बेहतर है लेकिन 48 देशों के एनएसजी ग्रुप में शामिल करते वक्त किसी तरह का भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए. दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में चीन के सरकारी अधिकारी ने ये बयान दिया है.
चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्य जियांग्वू ने 19वें एशियाई सुरक्षा सम्मेलन में कहा कि एनएसजी की सदस्यता के लिए दोनों देशों की स्थिति समान है और दोनों को ही एक बार एमएसजी समूह में शामिल होने का मौका मिलना चाहिए ताकि वो वैश्विक स्तर पर परमाणु क्षेत्र से जुड़े आर्थिक और तकनीकि फैसले ले सकें.
जियांग्वू ने कहा कि अगर चीन एनएसजी में भारत का समर्थन करता है तो पाकिस्तान को क्यों नहीं किया जाना चाहिए. पाकिस्तान भी चीन का दोस्त है और उसके साथ भेदभाव नहीं करते हुए पाकिस्तान को भी बराबर का मौका मिलना चाहिए. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर चीन की अपनी स्थिति है और वो सभी के सामने स्पष्ट है.
भारत और चीन के सीमा विवाद पर बोलते हुए जियांग्वू ने कहा कि ये एक जटिल मुद्दा है और दोनों देशों के आपसी तालमेल से इसे सुलझाया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर भारत इस दिशा में कोई बेहतर पहल करता है तो चीन भी इसे आगे बढ़ाने के लिए समहमत है.
आपको बता दें कि चीन लगातार एनएसजी में भारत की सदस्यता का विरोध करता आ रहा है. चीन की दलील है कि जब तक भारत परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) पर हस्ताक्षर नहीं करता तब तक एनएसजी में चीन उसका समर्थन करेगा.