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पहले मिसाइल, अब लैंडमाइन देगा अमेरिका... क्या जाते-जाते यूक्रेन में और जंग भड़का देंगे बाइडेन?

यूक्रेन युद्ध को 1000 दिन हो चुके हैं और इस दौरान वहां से लाखों लोग विस्थापित होकर देश छोड़ चुके है. ये लोग यूक्रेन के सभी पड़ोसी देशों में पलायन कर गए हैं जिसमें मोल्दोवा, स्लोवाकिया, इटली, पोलैंड, जर्मनी, फ्रांस और ब्रिटेन शामिल हैं. इस तरह पिछले ढाई सालों में यूक्रेन के लोग पूरे यूरोप में विस्थापित हो चुके हैं.

रूस और यूक्रेन युद्ध के 1000 साल पूरे रूस और यूक्रेन युद्ध के 1000 साल पूरे
aajtak.in/aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 21 नवंबर 2024,
  • अपडेटेड 1:42 PM IST

रूस और यूक्रेन युद्ध को 1000 दिन पूरे हो गए हैं. लेकिन इस बीच न्यूक्लियर अटैक का खतरा भी मंडराने लगा है. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के एक फैसले से भड़के रूसी राष्ट्रपति पुतिन भड़के हुए हैं. पुतिन का आरोप है कि अमेरिका उन्हें भड़काने के लिए यूक्रेन को हर हथियार देने पर तुला है.

युद्ध की वजह से यूक्रेन तबाह हो चुका है लेकिन फिर भी अमेरिका और सहयोगी देश उसे रूस के खिलाफ लगातार लड़ने के लिए सैन्य साजो सामान दे रहे हैं. बाइडेन को तकरीबन 60 दिन व्हाइट हाउस में और रहना है. लेकिन वो यूक्रेन युद्ध को भड़काने के लिए एक के बाद एक कदम उठा रहे हैं. अमेरिकी रक्षा मंत्री का कहना है कि बाइडेन सरकार यूक्रेन को रूस के साथ युद्ध में एंटीपर्सनल लैंड माइंस के इस्तेमाल की अनुमति देगी.

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यूक्रेन युद्ध को 1000 दिन हो चुके हैं और इस दौरान वहां से लाखों लोग विस्थापित होकर देश छोड़ चुके है. ये लोग यूक्रेन के सभी पड़ोसी देशों में पलायन कर गए हैं जिसमें मोल्दोवा, स्लोवाकिया, इटली, पोलैंड, जर्मनी, फ्रांस और ब्रिटेन शामिल हैं. इस तरह पिछले ढाई सालों में यूक्रेन के लोग पूरे यूरोप में विस्थापित हो चुके हैं.

एक तरफ यूक्रेन के लोग देश छोड़कर जा रहे हैं तो वहीं अमेरिका और उसके सहयोगी देश युद्ध की आग भड़काने के लिए आर्थिक और सैन्य मदद देकर घी डालने का काम कर रहे हैं. 

युद्ध की त्रासदी से त्रस्त यूक्रेन

युद्ध की वजह से यूक्रेन में गरीबी बढ़ गई है. महंगाई में भी इजाफा हुआ है. 13 लाख करोड़ रुपये की इमारतें ध्वस्त हो चुकी हैं. एक तिहाई जमीन पर बारूदी सुरंग बिछी हुई है और बेरोजगारी से बुरा हाल है.

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बाइडेन के फैसले के बाद रूस ने अपनी परमाणु नीति में बदलाव किया कर कह दिया है कि अगर किसी नाटो देश की मिसाइल उसकी जमीन पर गिरी तो वो इसे पूरे नाटो का रूस पर हमला मानेगा और अपने अस्तित्व की रक्षा के लिए परमाणु पलटवार करेगा.

वहीं, यूक्रेन लगातार रूस के उकसा रहा है. उसने पहले अमेरिकी मिसाइल से रूस पर हमला किया और कल ब्रिटेन की शैडो स्टॉर्म क्रूज मिसाइल से वार कर दिया और अब तो अमेरिका यूक्रेन को लैंडमाइन दे रहा है. यानी जिसका मानवाधिकार संगठन सख्त विरोध करते हैं, वो लैंडमाइन अब रूस के खिलाफ यूक्रेन बिछाएगा जिसके बदले रूस कितना बड़ा पलटवार करेगा इसका अनुमान लगाना भी मुश्किल है.

तुर्किये के राष्ट्रपति अर्दोआन ने अमेरिका के इस फैसले की आलोचना करते हुए कहा कि इससे युक्रेन युद्ध की आग भड़क सकती है. अर्दोआन ने यूक्रेन को लंबी दूरी की मिसाइल की इजाजत देने के जो बाइडेन के फैसले को एक गलत फैसला बताया. आशंका जताई कि इस फैसले से यूक्रेन युद्ध की आग यूरोप तक फैल सकती है.

बता दें कि रूस-यूक्रेन में तनाव बढ़ने के बाद 3 नॉर्डिक देशों ने युद्ध अलर्ट जारी किया है. नॉर्वे, फिनलैंड और डेनमार्क ने अपने नागरिकों से जरूरी सामानों का स्टॉक रखने और अपने सैनिकों को जंग के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए हैं.

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दरअसल, इन देशों की सीमाएं रूस और यूक्रेन से सटी हैं. यूक्रेन पर परमाणु हमले की स्थिति में इन देशों पर असर पड़ सकता है. नॉर्वे ने पर्चे बांटकर अपने नागरिकों को युद्ध को लेकर आगाह किया है. स्वीडन ने भी अपने 52 लाख से ज्यादा नागरिकों को पर्चे भेजे हैं. उन्होंने परमाणु युद्ध के दौरान विकिरण से बचाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली आयोडीन की गोलियां रखने के निर्देश दिए हैं.

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