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'वो जाना नहीं चाहता था, डरा हुआ था लेकिन...', टाइटन हादसे में मारे गए पाकिस्तानी पिता-पुत्र को लेकर परिवार ने क्या कहा?

टाइटन पनडुब्बी की मदद से गहरे समुद्र में एडवेंचर मिशन पर गए सभी पांचों यात्रियों की मौत हो गई है. सभी यात्री टाइटैनिक जहाज का मलबा देखने जा रहे थे लेकिन पानी में जाने के कुछ समय बाद ही पनडुब्बी में विस्फोट हो गया जिससे सभी की जान चली गई. हादसे में पाकिस्तान के बिजनेसमैन शहजादा दाऊद और उनके बेटे की भी मौत हो गई है.

शहजादा दाऊद और उनके बेटे सुलेमान दाऊद (Photo- Reuters) शहजादा दाऊद और उनके बेटे सुलेमान दाऊद (Photo- Reuters)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 23 जून 2023,
  • अपडेटेड 1:15 PM IST

टाइटन नामक पनडुब्बी से टाइटैनिक जहाज का मलबा देखने गए सभी पांच लोगों की मौत हो गई है. यात्रियों में पाकिस्तान के बिजनेस टाइकून शहजादा दाऊद और उनके बेटे सुलेमान दाऊद भी शामिल थे. 19 साल के सुलेमान की उम्र पांचों यात्रियों में सबसे कम थी. अब उनकी दर्दनाक मौत के बाद उनकी चाची ने कहा है कि उनका भतीजा गहरे पानी में टाइटैनिक का मलबा देखने जाने से पहले डरा हुआ था. सुलेमान बस अपने पिता की खातिर डर के बावजूद भी मुश्किल सफर पर निकले थे.

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46 साल के शहजादा दाऊद की बहन अजमेह दाऊद ने कहा कि पनडुब्बी के कमांड शिप पोलर प्रिंस के रवाना होने से पहले उन्होंने अपने भतीजे से बात की थी.

उन्होंने एनबीसी न्यूज से बातचीत में बताया, 'सुलेमान काफी डरा हुआ था. लेकिन फादर्स डे के वीकेंड पर वो अपने पिता के साथ रिश्ते को और मजबूत करने के लिए उनके साथ गहरे पानी में चला गया.'

अजमेह ने बताया कि उनके भाई शहजादा को बचपन से ही टाइटैनिक में बहुत रुचि थी और वो उसे देखना चाहते थे लेकिन उनका भतीजा उसे देखने जाने से पहले 'पूरी तरह से तैयार' नहीं था.

ऑशनगेट ने की यात्रियों की मौत की पुष्टि

ऑशनगेट नामक कंपनी की यह पनडुब्बी रविवार को लापता हो गई थी. पानी में जाने के दो घंटे से भी कम समय में इसका संपर्क अपने जहाज से टूट गया था. इसके बाद अमेरिका ने उसे ढूंढने के लिए बड़े पैमाने पर बचाव अभियान चलाया. गुरुवार को पनडुब्बी का मलबा मिला और अब ऑशनगेट ने पुष्टि कर दी है कि पनडुब्बी में सवार सभी पांच लोगों की मौत हो चुकी है.

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अमेरिकी कोस्ट गार्ड ने बताया है कि पनडुब्बी का मलबा टाइटैनिक जहाज के अगले हिस्से से 1,600 फीट दूर मिला है. बचाव कार्य में जुटे लोगों ने बताया है कि पनडुब्बी में भयानक विस्फोट हुआ.

जर्नल ऑफ फिजिक्स: कॉन्फ्रेंस सीरीज के अनुसार, यह विस्फोट काफी तेज हुआ होगा जो केवल कुछ मिलीसेकंड तक चला होगा. इससे संभवतः सभी यात्रियों की तत्काल मृत्यु हो गई. यह विस्फोट जहाज से संपर्क टूटने के कुछ समय बाद हुआ. विस्फोट के असली कारणों का पता लगाने की कोशिश की जा रही है.

'अगर आप मुझे दस लाख डॉलर भी देते तो मैं टाइटैनिक देखने न जाती' 

अजमेह ने कहा, 'अगर आप मुझे दस लाख डॉल भी देते तो भी मैं टाइटन में सवार होकर गहरे पानी में जाने के लिए कभी राजी नहीं होती.'

सुलेमान दाऊद की बात करें तो उन्हें साइंस फिक्शन साहित्य का शौक था और वो हमेशा नई चीजें सीखना चाहते थे. उन्हें वॉलीबॉल खेलना काफी पसंद था. उन्होंने स्कॉटलैंड के स्ट्रैथक्लाइड यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की थी और अभी वो स्ट्रैथक्लाइड बिजनेस स्कूल के फर्स्ट ईयर में थे.

वहीं, उनके पिता शहजादा दाऊद पाकिस्तान की सबसे बड़ी खाद कंपनियों में से एक एंग्रो कॉरपोरेशन के उपाध्यक्ष थे. वो दूरसंचार और कृषि पर आधारित दाऊद हरक्यूलिस कॉर्पोरेशन लिमिटेड भी चलाते थे. साथ ही वो पाकिस्तान में शिक्षा के लिए काम करने वाली दाऊद फाउंडशन भी चलाते थे. शहजादा दाऊद का परिवार एक महीने पहले ही लंदन से कनाडा गया था.

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और कौन सवार था टाइटन पर?

टाइटन पर कुल पांच लोग सवार थे जिनमें दो पाकिस्तानी पिता-बेटे के अलावा ऑशनगेट के सीईओ और पनडुब्बी के पायलट स्टॉकटन रश, ब्रिटेन के अरबपति बिजनेसमैन हार्मिश हार्डिंग, फ्रेंच एक्सप्लोरर पॉल आनरी नार्जेलेट शामिल थे.

यह सभी लोग 14 अप्रैल 1912 में अटलांटिक महासागर में डूबे टाइटैनिक जहाज का मलबा देखने जा रहे थे. टाइटैनिक का मलबा समुद्र की सतह के 12,500 फीट नीचे पड़ा है जिसमें बहुत से लोगों की दिलचस्पी रही है. 

एक सदी पहले बीच से टूटकर डूब गया था टाइटैनिक

टाइटैनिक जहाज के हादसे को अब तक का सबसे बड़ा समुद्री हादसा माना जाता है. 14 अप्रैल 1912 की आधी रात को एक विशाल हिमखंड से टकराकर यह विशाल जहाज दो हिस्सों में बंट गया और कुछ ही घंटों में उत्तरी अटलांटिक महासागर में डूब गया था. 

भयानक हादसे के वक्त टाइटैनिक 41 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से न्यूयॉर्क की तरफ बढ़ रहा था. इसका यह पहला ही सफर था और जहाज में 1300 यात्री और 900 चालक दल को मिलाकर 2200 लोग सवार थे. हादसे में करीब 1500 लोगों मारे गए.

टाइटैनिक का मलबा सबसे पहले सितबंर 1985 में अटलांटिक सागर के समुद्रतल में 2,600 फीट नीचे मिला था. मलबा दो टुकड़ों में मिला था क्योंकि जहाज हिमखंड से टकराने के बाद दो हिस्सों में टूट गया था. दोनों टुकड़े एक-दूसरे से 800 मीटर की दूरी पर मिले थे.

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