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'कमर तोड़ रही तेल की कीमत' ,जब अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के सामने एस जयशंकर ने जाहिर की चिंता

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने मुलाकात कर कई मुद्दों पर बातचीत की. इस दौरान एस जयशंकर ने तेल की बढ़ती कीमतों को लेकर अपनी चिंता जाहिर की. उन्होंने कहा कि तेल की बढ़ती कीमतों के कारण भारत की कमर टूट रही है और यही हमारी बड़ी चिंता है.

एस जयशंकर/एंटनी ब्लिंकन (File Photo) एस जयशंकर/एंटनी ब्लिंकन (File Photo)
गीता मोहन
  • नई दिल्ली,
  • 28 सितंबर 2022,
  • अपडेटेड 7:14 AM IST

रूस से सप्लाई होने वाले तेल पर प्राइस कैप लगाने के जी-7 देशों के प्रस्ताव के बीच भारत ने तेल की बढ़ती कीमतों को लेकर चिंता जाहिर की है. भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के साथ बैठक में कहा कि तेल की बढ़ती कीमतों के कारण भारत की कमर टूट रही है.

एस जयशंकर ने कहा कि तेल की कीमतों को लेकर हम चिंतित हैं. हमारी अर्थव्यवस्था 2000 डॉलर प्रति व्यक्ति है. तेल की कीमत हमारी कमर तोड़ रही है. यही हमारी बड़ी चिंता है. इस दौरान अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि अमेरिका ने यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध को टालने की हर संभव कोशिश की. लेकिन रूस के राष्ट्रपति पुतिन अपनी जिद पर अड़े रहे, जिसका परिणाम यूक्रेन के लोगों का भुगतना पड़ रहा है.

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एस जयशंकर ने अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद से निपटने के लिए अमेरिका से भारत को मिले मजबूत सहयोग की सराहना की. उन्होंने कहा कि हमें कट्टरपंथ, उग्रवाद और कट्टरवाद का मिलकर मुकाबला करना चाहिए.

ब्लिंकन ने ईरान में हिजाब को लेकर चल रही उठापटक पर कहा कि महसा अमीनी को आज जिंदा होना चाहिए. उसके जिंदा न होने का कारण यह है कि एक क्रूर शासन ने उसकी जान ले ली. ईरान में महिलाओं को अपनी मर्जी से कपड़े पहनने का अधिकार होना चाहिए, हिंसा से मुक्त रहने का अधिकार होना चाहिए. अमेरिका उन सभी के साथ खड़ा है, जो शांतिपूर्ण तरीके से विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं.

भारत और अमेरिका के बीच संबंधों पर ब्लिंकन ने कहा कि दोनों देशों के बीच साझेदारी दुनिया में सबसे अधिक परिणामी है. ब्लिंकन ने बताया कि एस जयशंकर के साथ उनकी द्विपक्षीय रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने और साझा उद्देश्यों को आगे बढ़ाने के तरीकों को लेकर चर्चा हुई है.

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बता दें कि इससे पहले अप्रैल में भारत-अमेरिका टू-प्लस-टू वार्ता हुई थी. इसके बाद दोनों देशों के विदेश मंत्रियों और रक्षा मंत्रियों ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा था कि अमेरिका भारत के मानवाधिकार रिकॉर्ड की निगरानी कर रहा है.

उन्होंने कहा था कि भारत में मानवाधिकार हनन के मामलों में वृद्धि हुई है. अमेरिका ने इससे पहले भारत के मानवाधिकार रिकॉर्ड पर इस तरह की कोई टिप्पणी नहीं की थी. भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में अमेरिकी विदेश मंत्री का ये बयान भारत के लिए एक फटकार के रूप में देखा गया था. ब्लिंकन ने भारत के मानवाधिकार रिकॉर्ड पर बात करते हुए कहा था, 'हम मानवाधिकार के इन साझा मूल्यों पर अपने भारतीय भागीदारों के साथ नियमित रूप से बात करते हैं. हम भारत के कुछ हालिया घटनाक्रमों की निगरानी कर रहे हैं जिनमें मानवाधिकार हनन के मामले शामिल हैं. 

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