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हूती विद्रोहियों ने लाल सागर में फिर किया जहाज पर ड्रोन अटैक, सभी 25 भारतीय पूरी तरह सुरक्षित

लाल सागर में 25 भारतीयों को ले जा रहे एक तेल टैंकर को एक बार फिर से हूती विद्रोहियों ने ड्रोन से निशाना बनाया है. हालांकि हमले में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है और जहाज चालक दल के सभी सदस्य सुरक्षित हैं.

हूती विद्रोहियों ने लाल सागर में फिर बनाया ड्रोन से जहाज को निशाना (फाइल फोटो) हूती विद्रोहियों ने लाल सागर में फिर बनाया ड्रोन से जहाज को निशाना (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 24 दिसंबर 2023,
  • अपडेटेड 12:51 PM IST

लाल सागर में एक बार फिर हूती विद्रोहियों ने ड्रोन से जहाज पर हमला किया है. भारतीय नौसेना के मुताबिक, 25 भारतीयों को लेकर जा रहा एक तेल टैंकर लाल सागर में यमन के हूती विद्रोहियों द्वारा दागे गए ड्रोन की चपेट में आ गया. नौसेना के अधिकारियों ने बताया कि टैंकर, एमवी साईबाबा, गैबॉन के स्वामित्व वाला है और उस पर कोई भारतीय ध्वज नहीं लगा था. इससे पहले अमेरिका ने दावा किया था कि टैंकर पर भारत का झंडा लगा था.

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अमेरिकी दावे को नौसेना ने किया खारिज

शुक्रवार रात 8 बजे (यमन के समयानुसार) यूएस सेंट्रल कमांड (सेंटकॉम) को हमले की रिपोर्ट मिली थी. सेंटकॉम ने कहा कि अमेरिकी युद्धपोत लैबून ने ड्रोन हमले के इमरजेंसी कॉल का जवाब दिया. पहले CENTCOM ने कहा था कि एमवी साईबाबा एक "भारतीय ध्वज वाला कच्चे तेल का टैंकर" था, लेकिन अब भारतीय नौसेना ने इससे इनकार कर दिया है.

सेंटकॉम ने कहा, एक अन्य जहाज, एमवी ब्लामेनन, जो नॉर्वेजियन ध्वज, स्वामित्व वाला और नार्वे संचालित रासायनिक/तेल टैंकर है, ने हूती विद्रोहियों द्वारा किए गए एकतरफा ड्रोन विफल रहा था जिसमें किसी के घायल होने या क्षति की सूचना नहीं है. अमेरिकी सेना ने दक्षिणी लाल सागर में अमेरिकी विध्वंसक की तरफ बढ़ रहे चार ड्रोनों को मार गिराया और हूती विद्रोहियों के नियंत्रित क्षेत्रों पर नकेल कसी.

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लगातार हमले कर रहे हैं हूती विद्रोही

सेंटकॉम ने एक्स पर कहा, "ये 17 अक्टूबर के बाद से हूती विद्रोहियों द्वारा वाणिज्यिक जहाजों पर किए गए 14वें और 15वें हमले हैं.हूती नियंत्रित क्षेत्रों से दक्षिणी लाल सागर में अंतरराष्ट्रीय शिपिंग लेन में दो हूती जहाज-रोधी बैलिस्टिक मिसाइलें भी दागी गईं. बैलिस्टिक मिसाइलों से किसी भी जहाज के प्रभावित होने की सूचना नहीं है."

यह घटना ऐसे समय में हुई है जब एक ड्रोन ने गुजरात के तट पर इजराइल से जुड़े एक व्यापारिक जहाज पर हमला किया था. इसे लेकर अमेरिका ने दावा किया था कि यह ड्रोन ईरान से दागा गया था. जहाज में लगभग 20 भारतीय चालक दल सवार थे और यह जहाज सऊदी अरब के अल जुबैल बंदरगाह से कर्नाटक के न्यू मैंगलोर बंदरगाह तक कच्चा तेल ले जा रहा था.

यमन के अधिकांश हिस्से पर नियंत्रण रखने वाले ईरान समर्थित हूती विद्रोही लाल सागर के दक्षिणी छोर पर बाब अल-मंदेब जलडमरूमध्य से गुजरने वाले जहाजों को निशाना बना रहे हैं और इस वजह से वैश्विक कारोबार प्रभावित हो रहा है. हूती विद्रोही इसे गाजा में इजरायल द्वारा की जा रही जंग का बदला बता रहे हैं.

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