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रूसी सेना के कैंप पर 'आतंकी हमला', ताबड़तोड़ फायरिंग में 11 फौजियों की मौत

यूक्रेन से जारी जंग के बीच रूस की सेना के कैंप पर 'आतंकी हमला' हुआ है. गोलीबारी में रूस के 11 सैनिकों की मौत हो गई है. 15 से ज्यादा सैनिक घायल बताए जा रहे हैं. फायरिंग 2 लोगों ने की है. दोनों ही रूस की सेना में वॉलेंटियर के तौर पर काम कर रहे थे. वारदात के बाद दोनों बंदूकधारियों को भी मार गिराया गया है.

सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 16 अक्टूबर 2022,
  • अपडेटेड 8:42 AM IST

यूक्रेन के साथ जारी जंग के बीच रूस को तगड़ा झटका लगा है. रूस की सेना पर ताबड़तोड़ फायरिंग की गई है, जिसमें 11 रूसी सैनिकों की मौत हो गई है. 15 से ज्यादा सैनिक घायल बताए जा रहे हैं. रूस ने इसे आतंकी हमला करार दिया है.

फायरिंग की घटना को 2 लोगों ने अंजाम दिया है. दोनों ही रूस की सेना में वॉलेंटियर के तौर पर काम कर रहे थे. दोनों बंदूकधारियों को भी मार गिराया गया है.

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रूस की सेना के अधिकारियों के मुताबिक गोलीबारी की घटना यूक्रेन के नजदीक आर्मी फायरिंग रेंज में हुई है. दोनों हमलावरों को रूस ने पूर्व सोवियत संघ का नागरिक बताया है.

चल रही थी फायरिंग प्रैक्टिस

दोनों ही सैनिक शनिवार को बाकी सैनिकों के साथ फायरिंग की प्रैक्टिस कर रहे थे. इस दौरान ही उन्होंने अचानक बाकी सैनिकों पर गोलियां बरसाना शुरू कर दिया. रूस के सैनिकों ने जवाबी कार्रवाई में दोनों को मार गिराया.

यूक्रेन से सटे इलाके में वारदात

एजेंसी के मुताबिक रूस के रक्षा मंत्रालय ने हमले से जुड़ी कुछ जानकारी साझा की है. उन्होंने बताया है कि गोलीबारी दक्षिण-पश्चिमी रूस के बेलगोरोड इलाके में हुई है. यह शहर यूक्रेन की सीमा से सटा हुआ है. 

रिजर्व सैनिकों की भर्ती से नाराजगी

दरअसल, यूक्रेन के साथ जंग लड़ रहे रूस में आम नागरिकों को भी सेना में भर्ती करने का फैसला लिया गया था. हाल ही में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 3 लाख रिजर्व सैनिकों को जंग में भेजने का ऐलान किया था. तब यूक्रेन के 4 इलाकों को रूस में मिलाने की योजना थी. जो अब पूरी हो चुकी है. पुतिन ने तर्क दिया था कि कि रूसी कब्जे वाले इलाकों में लोगों की सुरक्षा और शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए रिजर्व सैनिकों को जुटाना जरूरी है.

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विदेश भागने की कोशिश में नागरिक!

पुतिन के रिजर्व सैनिकों की भर्ती के फैसले का रूस में जमकर विरोध हुआ था. एक तरफ सीमा से सटे कई इलाकों के लोग विदेशों में जाने लगे थे तो वहीं कई लोग गूगल पर अपने हाथ तोड़ने के आसान तरीके ढूंढने लगे थे.

फैसले का हुआ था जबरदस्त विरोध

पुतिन के फैसले का इतना विरोध हुआ था कि मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रदर्शन कर रहे हजारों लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया था. ओवीडी-इन्फो मॉनिटरिंग ग्रुप के मुताबिक, 38 विभिन्न शहरों से 1,332 लोगों को हिरासत में लिया गया था.

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