
अमेरिकी ड्रोन अल-कायदा के लोगों को मार रहे थे और संगठन का आका ओसामा बिन लादेन इस चिंता में था कि ईरानी डेंटिस्ट ने उसकी पत्नी के दांत में कोई डिवाइस लगा दी है, जिससे उसे ट्रैक किया जा सकता है. इस बात का खुलासा उन दस्तावेजों में हुआ है जो मई 2011 में उसकी हत्या के बाद अमेरिकी सेना ने जब्त किए थे. मंगलवार को गुप्त जानकारियों को साझा किया गया. लादेन ने अबु अब्दुल्ला नाम से लिखे खत में कहा, 'चिप का साइज एक गेहूं के दाने जितना लंबा होता है और सेवईं जितनी चौड़ा होता है.'
पकड़े जाने का सताता था डर
हालांकि कुछ दस्तावेजों को साझा नहीं किया गया है, लेकिन जो दस्तावेज सामने आए हैं, उनमें साफ है लादेन को बार-बार पकड़े जाने का डर सताता था. एक खत में लादेन ने चेताया था कि फिरौती के लिए इस्तेमाल होने वाले सूटकेस में ट्रैकिंग डिवाइस हो सकती है.
कतर के राजनयिक पर शक
एक अन्य खत, जिसमें लिखने वाले की जानकारी स्पष्ट नहीं है, में कतर से जीपीएस डिवाइस और अफगानिस्तान के नक्शे के साथ आने वाले लोगों का जिक्र है. उनके साथ कतर का एक राजनयिक भी था, जो तीन दिन बाद ये कहकर चला गया था कि उसे डायबीटीज है और इलाज की जरूरत है. उसके इस तरह चले जाने से अल-कायदा के लोगों को शक होने लगा था.
वसीयत का पैसा जिहाद के नाम
लादेन ने एक वसीयत तैयार की थी, जिसमें उसने बताया था कि उसके पास सूडान में करीब 29 मिलियन डॉलर हैं और अगर वो मारा जाता है, तो उसके पैसों का इस्तेमाल जिहाद के लिए किया जाए. 11 मई 2011 को पाकिस्तान के ऐबटाबाद में अमेरिकी सेना हेलिकॉप्टरों से लादेन के घर में उतरी थी और उसे मार गिराया था.