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हिंदुओं पर हमले, सड़कों पर खूनखराबा... शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद बांग्लादेश में 100 और लोग मारे गए

शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद ढाका में सोमवार रात को माहौल काफी खराब रहा.कई जगह आगजनी की घटनाएं हुईं. नेताओं, अधिकारियों और कई संस्थानों पर हमले हुए. हिंदू मंदिरों को भी निशाना बनाया गया.

बांग्लादेश में थम नहीं रही हिंसा. PTI बांग्लादेश में थम नहीं रही हिंसा. PTI
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 06 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 1:29 PM IST

शेख हसीना के पीएम पद से इस्तीफा देने और देश छोड़ने के बाद भी बांग्लादेश में हिंसा नहीं थमी है.पिछले 24 घंटे में पूरे बांग्लादेश में फैली हिंसा में 100 से अधिक लोग मारे गए हैं. स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद ढाका में सोमवार रात को माहौल काफी खराब रहा.कई जगह आगजनी की घटनाएं हुईं. नेताओं, अधिकारियों और कई संस्थानों पर हमले हुए. हिंदू मंदिरों को भी निशाना बनाया गया.

अवामी लीग के कई नेताओं के घरों पर हुए हमले

बांग्लादेश में न सिर्फ प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री आवास में दाखिल हुए बल्कि राजधानी ढाका और उसके बाहर भी हसीना की अवामी लीग सरकार के मंत्रियों, पार्टी सांसदों और नेताओं के आवासों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों हमला किया गया. कई सरकारी दफ्तरों में आग लगा दी गई. स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, राजधानी और विभिन्न स्थानों पर हिंसा हिंदू मंदिरों पर हमले और बड़े पैमाने पर लूटपाट में करीब 100 लोग मारे गए.

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एक दिन पहले भी हुई थी 100 से अधिक लोगों की हत्या

बता दें कि शेख हसीना के इस्तीफे से पहले भी बांग्लादेश में 24 घंटे के भीतर 100 से अधिक लोगों की मौत हुई थी. इसके बाद भीड़ ने पीएम आवास की ओर कूच किया था. एक रिपोर्ट के अनुसार, 16 जुलाई से अब तक बांग्लादेश में करीब 500 लोगों की हत्या हो चुकी है. अस्पतालों से जो तस्वीरें सामने आ रही हैं उसमें दिख रहा है कि ज्यादातर लोगों को गोली लगी है. हजारों की संख्या में लोग घायल बताए जा रहे हैं. 

ढाका के बाहर भी हो रही हिंसा

ढाका ट्रिब्यून अखबार ने बताया कि सोमवार देर शाम पुलिस और उपद्रवियों के बीच झड़प के बाद राजधानी के बाहरी इलाके सावर और धमराई इलाकों में कम से कम 18 लोग मारे गए.सोमवार को उत्तरा इलाके में प्रदर्शनकारियों पर की गई गोलीबारी में दस लोग मारे गए. उधर, राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने सभी राजनीतिक दलों से देश में कानून-व्यवस्था की स्थिति को सामान्य बनाने के लिए कहा है और सशस्त्र बलों को लोगों के जीवन और संपत्तियों और राज्य संपत्तियों की रक्षा के लिए कड़े कदम उठाने का निर्देश दिया.

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मंगलवार को खुले शैक्षणिक संस्थान

हिंसा के बीच बांग्लादेश से कुछ राहत की खबरें भी सामने आई हैं.लंबे समय तक बंद रहने के बाद देश में शैक्षणिक संस्थान मंगलवार को फिर से खुल गए हैं.हालांकि, ढाका में शैक्षणिक संस्थानों में कम ही छात्र नजर आए.राजधानी के मोहम्मदपुर इलाके में किशोलोय गर्ल्स स्कूल की ओर से जारी बयान में कहा गया कि उपस्थिति कम है.लेकिन धीरे-धीरे हालात सामान्य हो जाएंगे.

हिंदुओं को बनाया जा रहा निशाना

तख्तापलट और हिंसा के बाद बांग्लादेश सुर्खियों में बना हुआ है. बांग्लादेश में हिंसा और आगजनी के बीच अब उपद्रवियों ने अल्पसंख्यक हिंदुओं को निशाना बनाना शुरू कर दिया है. हिंदुओं के घर-दुकानों में आग लगाई जा रही है, यहां तक कि बांग्लादेश में बने हिंदु मंदिर भी अब इस हिंसा का शिकार हो गए हैं. बांग्लादेश के मेहरपुर इस्कॉन मंदिर में भी आग लगी दी गई है. हालांकि, ये पहला मौका नहीं है जब हिंदू मंदिरों को निशाना बनाया गया हो.इससे पहले 2021, 2022 और अब 2024, पिछले चार सालों में बांग्लादेश के इस्कॉन मंदिर पर तीन हमले हो चुके हैं.

बांग्लादेश में हिंदुओं का उत्पीड़न सालों से होता आ रहा है. बांग्लादेश की आबादी में हिंदुओं की हिस्सेदारी 1951 में 22 प्रतिशत से घटकर 2022 में 8 प्रतिशत से भी कम हो गई है. यह तब है जब मुसलमानों की आबादी 1951 में 76 प्रतिशत से बढ़कर 91 प्रतिशत से अधिक हो गई है.

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