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पाकिस्तान के नए विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष अधिकारियों को पत्र लिखकर कश्मीर का मुद्दा उठाया है. पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने बुधवार को इसकी जानकारी दी.
पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष और संयुक्त राष्ट्र महासचिव को संबोधित करते हुए यह पत्र 10 मई को लिखा था. यूएन को लिखे गए पत्र में विदेश मंत्री ने भारत द्वारा जम्मू-कश्मीर में किए गए कथित डेमोग्राफिक बदलाव से अवगत कराया. बिलावल भुट्टो ने यूएन को बताया कि भारत ने जम्मू-कश्मीर में जो किया है वो अंतरराष्ट्रीय कानून का खुला उल्लंघन है, जिसमें संयुक्त राष्ट्र चार्टर और जम्मू-कश्मीर विवाद पर संबंधित सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव शामिल हैं.
बिलावल ने परिसीमन को अवैध बताया
भुट्टो ने अपने पत्र में जम्मू-कश्मीर में हुए परिसीमन को अवैध बताया. पाकिस्तान विदेश मंत्रालय के मुताबिक, उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से 'अवैध परिसीमन' का तत्काल संज्ञान लेने का आग्रह किया. साथ ही भारत को याद दिलाया कि कश्मीर एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त विवाद था. यहां किसी भी डेमोग्राफिक बदलाव से बचना चाहिए.
शाह महमूद कुरैशी ने भी लिखे थे पत्र
बिलावल भुट्टो से पहले विदेश मंत्री रहे शाह महमूद कुरैशी ने भी अपने कार्यकाल के दौरान संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष अधिकारियों को पत्र लिखकर कश्मीर का मुद्दा उठाया था. भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव तब और बढ़ गया जब जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाली संविधान की धारा- 370 को 5 अगस्त, 2019 को हटा लिया गया था. भारत के इस फैसले पर पाकिस्तान की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया आई थी, जिसने राजनयिक संबंधों को कमजोर किया और भारतीय राजदूत को निष्कासित कर दिया.
अनुच्छेद 370 भारत का आंतरिक मामला
भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से स्पष्ट रूप से कहा है कि अनुच्छेद 370 को खत्म करना उसका आंतरिक मामला है. साथ ही भारत ने पाकिस्तान को वास्तविकता को स्वीकार करने और भारत विरोधी प्रचार को रोकने की सलाह भी दी थी. भारत ने पाकिस्तान से कहा है कि वह आतंक, शत्रुता और हिंसा से मुक्त वातावरण में इस्लामाबाद के साथ सामान्य पड़ोसी संबंध चाहता है.