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'अगर SCO सम्मेलन में की कोई हरकत, तो करेंगे बल प्रयोग', इमरान की पार्टी को पाकिस्तान सरकार की चेतावनी

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने चेतावनी दी कि सरकार एससीओ शिखर सम्मेलन के दौरान इमरान खान की पार्टी पीटीआई कोई विरोध प्रदर्शन करती है तो उसे रोकने के लिए सरकार “पूरी ताकत” का इस्तेमाल करेगी. उन्होंने अदालतों से भी मामले पर संज्ञान लेने का आग्रह किया.

इमरान खान के समर्थकों की मंगलवार को है विरोध प्रदर्शन करने की योजना (File Photo) इमरान खान के समर्थकों की मंगलवार को है विरोध प्रदर्शन करने की योजना (File Photo)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 13 अक्टूबर 2024,
  • अपडेटेड 11:14 AM IST

पाकिस्तान सरकार ने जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को एक बार फिर कड़ी चेतावनी दी है. सरकार ने कहा है कि अगर पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन के दौरान इस्लामाबाद में विरोध प्रदर्शन किया तो फिर सख्ती से निपटा जाएगा और बल प्रयोग भी किया जाएगा.

पीटीआई की राजनीतिक समिति में इसके प्रमुख सदस्य शामिल हैं, जिन्होंने मंगलवार को राजधानी के डी-चौक पर विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया है. सरकार को चेतावनी देते हुए पीटीआई के प्रवक्ता जुल्फिकार बुखारी ने कहा है कि अगर सरकार 72 वर्षीय इमरान खान को उनकी कानूनी टीम और एक डॉक्टर की सुविधा मुहैया नहीं कराती है तो फिर इस्लामाबाद के डी-चौक पर प्रदर्शन किया जाएगा.  

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पूरी ताकत का करेंगे इस्तेमाल- ख्वाजा आसिफ

पिछले हफ्ते ही पार्टी द्वारा विरोध प्रदर्शन करने के बाद सरकार ने रावलपिंडी जेल में बंद इमरान खान के साथ सभी मुलाकातें रोक दी थीं. जेल प्रशासन ने इसके पीछे सुरक्षा का हवाला दिया था. रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने चेतावनी दी कि सरकार एससीओ शिखर सम्मेलन के अवसर पर पीटीआई के नियोजित विरोध को रोकने के लिए “पूरी ताकत” का इस्तेमाल करेगी.

यह भी पढ़ें: 'जयशंकर की टिप्पणी में ही जवाब....', भारत के साथ रिश्तों और बातचीत पर बोला पाकिस्तान

सियालकोट में मीडिया से बात करते हुए ख्वाजा आसिफ ने कहा, “15 अक्टूबर को विरोध का आह्वान देश की अखंडता पर हमला है. हम किसी को भी देश के सम्मान और प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने की अनुमति नहीं देंगे. इस्लामाबाद पर आक्रमण को रोकने के लिए सरकार अपनी पूरी शक्ति और संसाधनों का इस्तेमाल करेगी.” 

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अदालतों से सरकार का आग्रह

उन्होंने अदालतों से हस्तक्षेप करने और मामले का संज्ञान लेने का भी आह्वान किया. उन्होंने कहा, “क्या अदालतें नहीं देखतीं कि पीटीआई संस्थापक देश की अखंडता के साथ क्या कर रहे हैं? न्यायपालिका की आज की कार्रवाई इतिहास में उनकी भूमिका निर्धारित करेगी.”

योजना मंत्री अहसान इकबाल ने विरोध के आह्वान की निंदा करते हुए इसे “राजनीतिक आतंकवाद” करार दिया, जिसका उद्देश्य देश को बदनाम करना है. इस्लामाबाद में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए उन्होंने विरोध के समय पर निराशा व्यक्त की. मंत्री ने कहा, "अब इसमें कोई संदेह नहीं है कि कराची में आतंकवाद और राजनीतिक आतंकवाद के विरोध प्रदर्शन एक जैसे हैं." 

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