
पाक सेना प्रमुख के पद पर कमर जावेद बाजवा की नियुक्ति के साथ ही पाकिस्तान ने फोकस भारत के साथ लगते पूर्वी बॉर्डर ही रहने की बात कही है. बाजवा पाकिस्तान के निवर्तमान सेना प्रमुख जनरल राहील शरीफ से कमान संभालने जा रहे हैं. जनरल राहील मंगलवार को रिटायर होने जा रहे हैं. उन्होंने 2013 में सेना प्रमुख के तौर पर जनरल परवेज अशफाक कियानी से चार्ज संभाला था. जनरल राहील ने 'फेयरवेल विजिट्स' के तहत सोमवार को राष्ट्रपति ममनून हुसैन और प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के साथ मुलाकात की.
रेडियो पाकिस्तान की रिपोर्ट के मुताबिक राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री दोनों ने ही जनरल राहील के सेना प्रमुख के नाते योगदान की तारीफ की. साथ ही जनरल राहील को रिटायरमेंट के बाद के जीवन के लिए शुभकामनाएं दीं. जिओ न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने सेना का फोकस आगे भी भारत के साथ लगते बॉर्डर पर रहने की बात कही है. आसिफ ने कहा, 'जिस तरह की सैन्य नीति चलती आ रही थी, वो वैसे ही चलती रहेगी. जनरल बाजवा के आने के बाद इसमें तत्काल कोई बदलाव नहीं होगा. फोकस देश के पूर्वी बॉर्डर पर ही रहेगा और राष्ट्र के समर्थन के साथ सेना सभी चुनौतियों का सामना करने में सक्षम रहेगी.'
आसिफ ने कहा कि जनरल राहील शरीफ ने जो मिसाल कायम की हैं, वो विरासत आगे भी जारी रहेगी. रक्षा मंत्री ने उम्मीद जताई कि सरकार और सेना देश की बेहतरी के लिए मिल कर साथ काम करती रहेंगी. बीते 20 साल में जनरल राहील पहले ऐसे सेना प्रमुख हैं जो अपने निर्धारित कार्यकाल को पूरा करने के साथ ही रिटायर हो रहे हैं. बीते दो दशक में जनरल राहील से पहले जितने भी सेना प्रमुख हुए उन्हें कार्यकाल में विस्तार दिया गया. इसी दौरान जनरल परवेज मुशर्रफ नवाज शरीफ सरकार का तख्ता पलट कर खुद ही देश के शासक बन बैठे.
इस बीच अमेरिका ने पाक सेना प्रमुख के तौर पर बाजवा की नियुक्ति का स्वागत किया है. हालांकि अमेरिका ने साथ ही उम्मीद जताई है कि पाकिस्तान अपनी जमीन का इस्तेमाल पड़ोसी देशों के खिलाफ आतंकवाद भड़काने के लिए नहीं होने देगा. इस्लामाबाद में अमेरिकी दूतावास ने बाजवा कि नियुक्ति का स्वागत किया है. पाकिस्तानी मीडिया और विशेषज्ञों के मुताबिक जनरल बाजवा के लोकतंत्र समर्थक होने के रिकॉर्ड और लो प्रोफाइल में रहने के स्वभाव की वजह से प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने उन्हें चार जनरलों पर तरजीह देते हुए चुना.