
पाकिस्तान में चीनी नागरिकों की हत्या के बाद से दोनों देशों के बीच मनमुटाव शुरू हो गई है. पाकिस्तान ने चीनी नागरिकों के लिए बिजनेस और वर्क वीजा के नियम सख्त करने की घोषणा की है. इससे पहले कजाखस्तान की राजधानी अस्ताना में आयोजित शंघाई कॉरपोरेशन ऑर्गेनाइजेशन (SCO) समिट में दोनों देशों के बीच मनमुटाव उस समय देखने को मिला था, जब चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से मुलाकात नहीं की थी.
इतना ही नहीं, जब नवाज शरीफ से सामना हुआ, तो उन्होंने उनको नजरअंदाज कर दिया. पाकिस्तानी अखबार डॉन के मुताबिक चीनी नागरिक को बिजनेस वीजा हासिल करने के लिए चीन स्थित पाकिस्तानी मिशन के किसी मान्यता प्राप्त संगठन का आमंत्रण प्रस्तुत करना होगा. दिलचस्प बात यह है कि पाकिस्तानी गृह मंत्रालय ने चीन के नागरिकों के लंबी अवधि के वीजा की सीमा नहीं बढ़ाने का भी फैसला लिया है. पाकिस्तानी गृह मंत्री निसार अली खान ने कहा कि देश में चीनी नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और वीजा खामियों को दूर करने के लिए यह कदम उठाया गया है. बुधवार को विभिन्न मंत्रालय के अधिकारियों के साथ बैठक के बाद उन्होंने इसका ऐलान किया.
इस बाबत निसार अली ने सभी मंत्रालयों को निर्देश जारी कर दिया है. पाकिस्तान और चीन के बीच लंबे समय से दोस्ताना रिश्ते रहे हैं. अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी चीन अक्सर खुलकर पाकिस्तान का साथ देता आया है. हाल ही में पाकिस्तान में दो चीनी दंपतियों को मौत के घाट उतार दिया गया था, जिसके बाद से दोनों देशों के बीच मनमुटाव बढ़ गया है. पाकिस्तान का कहना है कि इन चीनी नागरिकों ने वीजा नियमों का उल्लंघन किया था. इन दंपत्तियों ने वीजा बिजनेस पर पाकिस्तान पहुंचकर ईसाई धर्म का प्रचार कर रहे थे.