
पाकिस्तान ने 1971 में बंगालियों और हिंदुओं पर कई अत्याचार किए थे. उन्हें जान से मार दिया गया था. अब कई साल बाद अमेरिका की प्रतिनिधि सभा में ये मुद्दा उठाया गया है. अमेरिका के दो सांसदों ने पाकिस्तान के खिलाफ एक प्रस्ताव पेश किया है, उसमें साफ कहा गया है कि 1971 में बंगालियों और हिंदुओं के खिलाफ किए गए अत्याचारों को 'नरसंहार' करार दिया जाए. राष्ट्रपाति जो बाइडेन से इस मामले का संज्ञान लेने की अपील की गई है.
पाकिस्तान की अमेरिका में किरकिरी
जानकारी के लिए बता दें कि भारतीय-अमेरिकी कांग्रेस सदस्य रो खन्ना और सांसद सीव चाबोट ने शुक्रवार को ये प्रस्ताव प्रतिनिधि सभा के सामने पेश किया है. उन्होंने उस प्रस्ताव के जरिए पाकिस्तान से माफी मांगने के लिए कहा है. जोर देकर बोला गया है कि पाकिस्तान की सेना ने बंगाली हिंदुओं के खिलाफ नरसंहार किया था. खन्ना के मुताबिक उस समय लाखों लोगों की निर्मम हत्या कर दी गई थी, उसमें भी 80 फीसदी हिंदू थे.
वहीं सीव चाबोट ने एक ट्वीट कर इस प्रस्ताव पर विस्तृत जानकारी दी है. वे लिखते हैं कि हमे उन लाखों लोगों को नहीं भूलना चाहिए जिनका नरसंहार कर दिया गया. इस नरसंहार को स्वीकार करना जरूरी है, इससे हमारे अमेरिकी साथी जागरूक होंगे, दोषियों को संदेश जाएगा कि ऐसे अपराध को कभी भी किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जाएगा. अब इतने सालों बाद पाकिस्तान के खिलाफ लाए गए इस प्रस्ताव का बांग्लादेशी समुदाय ने स्वागत किया है. उनका कहना है कि इतने सालों बाद इस नरसंहार को अमेरिकी कांग्रेस में मान्यता दी जा रही है.
पाक सेना की क्रूरता पर रोशनी
संसद सदस्य अरोमा दत्ता ने भी इस प्रस्ताव पर खुशी जाहिर की है. उन्होंने पुराने दिनों को याद करते हुए बताया है कि उनके चाचा और दादा को भी पाकिस्तान सशस्त्र बलों ने बेरहमी से मार दिया था. इस बारे में वे कहती हैं कि मेदे दादा धीरेंद्र नाथ दत्ता, उनके बेटे दिलीप दत्ता को 29 मार्च, 1971 को पाकिस्तान की सेना ने उठा लिया था. फिर वहां से उन्हें मैनमाती छावनी में रखा गया और पूरे दो हफ्ते तक उनको टॉर्चर किया गया. बाद में बड़ी ही बेरहमी से उनकी हत्या कर दी गई और उनके शव को खाई में फेंक दिया गया.