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अफगान नीति में भारत की भूमिका से चिढ़ा PAK, अमेरिका से दर्ज कराई आपत्ति

अब्बासी और पेंस का मिलना ट्रंप के 21 अगस्त को अफगानिस्तान एवं दक्षिण एशिया को लेकर अपनी नीति की घोषणा करने के बाद से दोनों देशों के बीच सर्वोच्च स्तर पर हुआ पहला संपर्क था.

पाकिस्तान विदेश सचिव तहमीना जांजुआ पाकिस्तान विदेश सचिव तहमीना जांजुआ
BHASHA
  • न्यूयॉर्क,
  • 21 सितंबर 2017,
  • अपडेटेड 9:47 AM IST

पाकिस्तान ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा युद्धग्रस्त अफगानिस्तान में भारत के लिए ज्यादा बड़ी भूमिका की वकालत करने को लेकर अमेरिका के सामने आपत्ति दर्ज की है.

विदेश सचिव तहमीना जांजुआ ने कहा कि प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र से इतर अमेरिकी उपराष्ट्रपति माइक पेंस से मुलाकात के दौरान ट्रंप द्वारा उनकी नई अफगान नीति में भारत के लिए ज्यादा बड़ी भूमिका की वकालत करने को लेकर चिंता जताई.

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अब्बासी और पेंस का मिलना ट्रंप के 21 अगस्त को अफगानिस्तान एवं दक्षिण एशिया को लेकर अपनी नीति की घोषणा करने के बाद से दोनों देशों के बीच सर्वोच्च स्तर पर हुआ पहला संपर्क था.

ट्रंप ने अपनी नई नीति में पाकिस्तान को आतंकी समूहों के समर्थन के लिए चेतावनी दी थी और आगाह किया था कि अगर उसने ऐसा करना बंद नहीं किया तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे.

पाकिस्तान की परेशानियां बढ़ाते हुए ट्रम्प ने भारत से अफगानिस्तान में और बड़ी भूमिका निभाने के लिए कहा था. बैठक में दोनों देशों ने मिलकर काम करते रहने तथा अमेरिकी नीति की घोषणा से प्रभावित हुए संबंधों को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया.

पाकिस्तान के विदेश विभाग द्वारा जारी किए गए एक बयान में कहा गया, ‘‘न्यूयार्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के 72वें सत्र के इतर यह बैठक एक सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई.

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बयान के अनुसार, ‘‘यह सहमति बनी कि दोनों देश क्षेत्र में शांति, स्थिरता तथा आर्थिक समृद्धि के साझा लक्ष्यों को हासिल करने के लिए एक सकारात्मक रूख के साथ मिलकर काम करते रहेंगे.’’

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