
पाकिस्तान और अफगानिस्तान के चमन बॉर्डर पर युद्ध जैसे हालात बने हुए हैं. इस वजह से दोनों देशों के संबंध तनावपूर्ण दौर से गुजर रहे हैं. ऐसे में पाकिस्तान ने मौलवियों का एक चार सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल तैयार किया है, जो अगले हफ्ते अफगानिस्तान जाएगा. यह प्रतिनिधिमंडल चमन बॉर्डर क्षेत्र में तालिबान के हमले पर लगाम लगाने पर चर्चा करेगा.
चमन जिला प्रशासन का कहना है कि पाकिस्तानी उलेमाओं का यह प्रतिनिधिमंडल कंधार और काबुल में अफगानिस्तान के रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों और तालिबानी नेताओं से मुलाकात करेगा.
दोनों देशों के बीच की फ्लैग मीटिंग स्थगित
पाकिस्तानी मौलवियों के प्रतिनिधिमंडल के रवाना होने से पहले ही पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा सुरक्षाबलों की फ्लैग मीटिंग स्थगित कर दी गई है. हालांकि, सीमा के दोनों ओर रिहायशी इलाकों में रूटीन ऑपरेशन बहाल कर दिया गया है.
बता दें कि सीमा पर हो रही झड़पों के बाद पाकिस्तान ने दो दिन पहले ही अफगान के एक वरिष्ठ राजनयिक को तलब किया था. इस्लामाबाद में अफगानिस्तान के प्रभारी राजदूत को विदेश मंत्रालय में तलब किया गया और चमन-स्पिन बोल्डक इलाके में अफगान सुरक्षाबलों की ओर से की गई बिना उकसावे की गोलाबारी की घटनाओं की निंदा की. बता दें कि इस हमले में एक शख्स की मौत हो गई थी जबकि 11 घायल हो गए थे. इसी तरह का हमला 10 दिसंबर को भी किया गया था, जिसमें सात लोगों की मौत हो गई थी.
बलूचिस्तान को कंधार से जोड़ता है चमन बॉर्डर
पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच 2,600 किलोमीटर लंबी सीमा है. चमन बलूचिस्तान प्रांत को सीमा पार अफगानिस्तान के कंधार से जोड़ता है. इसे पिछले महीने उस समय बंद कर दिया गया था, जब एक हथियारबंद अफगान सीमा पारकर पाकिस्तान आ गया था और सुरक्षाबलों पर गोलियां चला दी थी, जिसमें एक सैनिक की मौत हो गई थी और दो घायल हो गए थे.
पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच सीमाओं को लेकर दशकों से विवाद रहा है. हाल ही में सीमापार पर हुई झड़पें और अन्य हमलों ने दोनों देशों के बीच संबंधों में तनाव बढ़ा दिया है.