
पाकिस्तान के गुजरात शहर में एक अहमदी डॉक्टर की हत्या कर दी गई है. वह अपने डेंटल क्लिनिक में थे, जब बाइक सवार दो अज्ञात बंदूकधारियों ने उन्हें गोली मार दी. संदेह है कि अहमदिया समुदाय से आने की वजह से उनकी हत्या की गई है. पड़ोसी मुल्क में अहमदी समुदाय के प्रति नफरत आम बात है और अक्सर इस समुदाय के खिलाफ हिंसक घटनाएं सामने आती हैं.
डॉक्टर जकौर अहमदी की हत्या पर पाकिस्तान की राजनीतिक संगठन जमात-ए-अहमदिया ने घटना की निंदा की. संगठन ने बताया कि पिछले महीने पंजाब में दो अन्य अहमदिया लोगों की भी उनके समुदाय के कारण हत्या कर दी गई थी.
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अहमदिया समुदाय को किया जा रहा टार्गेट
जमात-ए-अहमदिया पाकिस्तान के नेता आमिर महमूद ने कहा कि हाल ही में पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट द्वारा अहमदिया समुदाय के एक आरोपी को जमानत दिए जाने के फैसले ने अहमदिया समुदाय के खिलाफ नफरत भरे अभियान को और तेज कर दिया है. उन्होंने कहा कि समुदाय के लोगों को टार्गेट किया जा रहा है.
उन्होंने पूछा, "इस नफरत भरे अभियान में सुप्रीम कोर्ट के जजों को भी निशाना बनाया जा रहा है. इन अभियानों को चलाने वालों की पहचान कोई रहस्य नहीं है. सरकार उनके खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है?"
अहमदिया को मुस्लिम नहीं मानते पाकिस्तानी
पाकिस्तान में अहमदिया समुदाय को काफी उत्पीड़न और भेदभाव का सामना करना पड़ता है. 1974 में, पाकिस्तान की संसद ने अहमदिया लोगों को गैर-मुस्लिम घोषित कर दिया था. इसके एक साल बाद अहमदी समुदाय को खुदको मुस्लिम बताने और उनके समुदाय का प्रचार करने पर रोक लगा दी गई. अहमदिया लोगों को हज यात्रा के लिए सऊदी अरब जाने पर भी प्रतिबंध है.
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आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, अहमदिया लोग पाकिस्तान की आबादी का केवल 0.09% हिस्सा हैं, जहां कि मुख्य रूप से 96.47% मुस्लिम आबादी है. रूढ़िवादी, मुस्लिम बहुल पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदाय अक्सर चरमपंथियों द्वारा उत्पीड़न की शिकायत करते हैं.
जमात-ए-अहमदिया पाकिस्तान के अधिकारी ने कहा कि अहमदिया समुदाय के खिलाफ इन नफरती अभियानों और हिंसा को भड़काने वालों को न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए ताकि इन आस्था आधारित हत्याओं को रोका जा सके.